अनिल अंबानी ने किया विजन 2030 का ऐलान, इस काम के लिए बनाया कॉरपोरेट सेंटर

समूह की प्रमुख शाखाएं, रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर और रिलायंस पावर ने पहले ही घोषणा की है कि उन्होंने ऋण-मुक्त स्टेटस हासिल कर ली है और वे नए विकास क्षेत्रों में परियोजनाओं पर सक्रिय रूप से काम कर रहे हैं. रिलायंस पावर ने भूटान में 1,270 मेगावाट (MW) की अक्षय ऊर्जा परियोजनाएं हासिल की हैं.

अनिल अंबानी Image Credit: @TV9 Bharatvarsh

उद्योगपति अनिल अंबानी ने अपने कारोबार को नई दिशा देने के लिए बड़ा कदम उठाया है. अनिल अंबानी के नेतृत्व वाले समूह ने साल 2030 तक अपनी ग्रोथ स्ट्रैटेजी को सफल बनाने के लिए रिलायंस ग्रुप कॉरपोरेट सेंटर (RGCC) की स्थापना करने की घोषणा की है. खास बात यह है कि रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर और रिलायंस पावर के बैंक लोन से मुक्त होने के बाद समूह ने यह कदम उठाया है. कहा जा रहा है कि कॉरपोरेट सेंटर की स्थापना का मुख्य उदेश्य न केवल समूह की कंपनियों को नई दिशा देना है, बल्कि नए लीडरशिप को तैयार करना भी है. इससे रिलायंस समूह के लिए नए अवसर के साथ-साथ तकनीकी ग्रोथ के लिए भी रास्ते खुलेंगे.

रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर और पावर दोनों ने खुलासा किया कि RGCC की कोर टीम में समूह के सतीश सेठ, पुनीत गर्ग और के. राजा गोपाल जैसे अनुभवी लीडर को शामिल किया गया है. पुनीत गर्ग वर्तमान में रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर के सीईओ हैं, जबकि के. राजा गोपाल पिछले छह वर्षों से रिलायंस पावर के शीर्ष पद पर हैं. उन्हें बिजली क्षेत्र में 27 वर्षों से अधिक का अनुभव है. ये अनुभवी लीडर RGCC के उभरते प्रतिभाओं को सलाह देने और मजबूत बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे.

इस रणनीतिक कदम का मुख्य उदेश्य

रिलायंस समूह के प्रवक्ता ने कहा कि इस रणनीतिक कदम का उद्देश्य इन लीडर्स के अनुभव का लाभ उठाकर समूह के भविष्य के विकास को आगे बढ़ाना है. साथ ही उद्योग की चुनौतियों से निपटने और नए अवसरों का लाभ उठाना भी मुख्य मकसद है. इससे उद्योग की चुनौतियों से निपटने, नए अवसरों का लाभ उठाने, इनोवेशन को बढ़ावा देने और हमारे ग्राहकों और हितधारकों को असाधारण मूल्य प्रदान करने में मदद मिलेगी.

1,000 एकड़ का है मैन्युफैक्चरिंग केंद्र

वहीं, समूह की प्रमुख शाखाएं, रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर और रिलायंस पावर ने पहले ही घोषणा की है कि उन्होंने ऋण-मुक्त स्टेटस हासिल कर ली है और वे नए विकास क्षेत्रों में परियोजनाओं पर सक्रिय रूप से काम कर रहे हैं. रिलायंस पावर ने भूटान में 1,270 मेगावाट (MW) की अक्षय ऊर्जा परियोजनाएं हासिल की हैं, जबकि रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर की रक्षा सहायक कंपनी छोटे हथियारों और गोला-बारूद के लिए महाराष्ट्र के रत्नागिरी में 1,000 एकड़ का मैन्युफैक्चरिंग केंद्र स्थापित कर रही है.

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17,600 करोड़ रुपये की पूंजी जुटाने का प्लान

खास बात यह है कि पिछले कुछ महीनों में समूह ने 17,600 करोड़ रुपये की पूंजी जुटाने का प्लान बनाया है, जिसमें तरजीही इक्विटी मुद्दों के माध्यम से 4,500 करोड़ रुपये, विदेशी मुद्रा परिवर्तनीय बांड (FCCB) के माध्यम से वर्डे पार्टनर्स से 7,100 करोड़ रुपये और योग्य संस्थागत प्लेसमेंट (QIP) के माध्यम से 6,000 करोड़ रुपये शामिल हैं. बयान में कहा गया है कि RGCC उभरते लीडर्स को मार्गदर्शन और विकास देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा.

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