गुड न्यूज! लोगों को फ्री में मिलेगा LPG सिलेंडर, जानें कैसे लें लाभ
दिवाली के मौके पर यूपी, आंध्र प्रदेश समेत देश के अन्य राज्यों में सरकार लोगों को फ्री में एलपीजी सिलेंडर बांटेगी. इसका लाभ पीएम उज्जवला योजना के लाभार्थियों को मिलेगा, हालांकि इसके लिए उन्हें ये शर्तें पूरी करनी होंगी.
महंगाई की मार झेल रहें लोगों के लिए गुड न्यूज है. दिवाली को देखते हुए केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत 184,039 लाभार्थियों को मुफ्त एलपीजी सिलेंडर बांटने की घोषणा की है. इसी तरह यूपी और आंध्र प्रदेश समेत देश की अन्य राज्य सरकारों ने भी फ्री एलपीजी सिलेंडर बांटने का ऐलान किया है. आंध्र प्रदेश में जहां मुफ्त रसोई गैस सिलेंडर का वितरण 31 अक्टूबर से शुरू होगा, वहीं यूपी सरकार ने भी राज्य के 1.86 करोड़ परिवारों के लिए फ्री सिलेंडर बांटने का काम शुरू कर दिया गया है. तो कैसे मिलेगा फ्री में एलपीजी सिलेंडर और किन लोगों को मिलेगा लाभ, यहां समझें पूरी डिटेल.
कब और कैसे मिलेगा लाभ?
फ्री एलपीजी सिलेंडर का लाभ पीएम उज्जवला योजना के लाभार्थियों को मिलेगा. सरकार सिलेंडर लेने पर इसकी सब्सिडी सीधे ग्राहक के खाते में भेजेगी, हालांकि इसका लाभ लेने के लिए लाभार्थियों का आधार ऑथेंटिकेशन होना और उनके बैंक खाते की केवाईसी होना जरूरी है. सब्सिडी का पैसा चार दिन के अंदर ही अकाउंट में भेज दिया जाएगा. लाभार्थियों को गैस सिलेंडर रिफिल कराने की सुविधा दो बार मिलेगी. पहले चरण में अक्टूबर से दिसंबर महीने में फ्री सिलेंडर मिलेगा, जबकि दूसरा चरण जनवरी से मार्च होगा.
कितने कनेक्शन हुए जारी?
पीएम उज्जवला योजना के तहत जनवरी 2023 तक 1.60 करोड़ लोगों को कनेक्शन जारी किए गए थे, वहीं सितंबर 2023 में सरकार ने अतिरिक्त 75 लाख पीएमयूवाई कनेक्शन जारी करने की मंजूरी दी थी जिसे ऑयल मार्केटिंग कंपनियों ने 8 जुलाई 2024 तक पूरा किया. कुल मिलाकर जुलाई 2024 तक पीएमयूवाई के तहत 10.33 करोड़ एलपीजी कनेक्शन जोड़े गए.
सिलेंडर पर मिलती है सब्सिडी
पीएम उज्ज्वला योजना के लाभार्थियों को फी में रसोई गैस सिलेंडर देने के लिए केंद्र सरकार 300 रुपये की सब्सिडी देती है, वहीं बाकी छूट राज्य सरकार की ओर से दी जाती है. सब्सिडी का लाभ 14.2 किलो वाले सिलेंडर पर मिलता है. सब्सिडी सीधे पात्र लाभार्थियों के बैंक खातों में जमा की जाती है. वित्त वर्ष 2024-25 में फ्री सिलेंडर बांटने में कुल 12,000 करोड़ रुपये खर्च होंगे. पीएम उज्जवला योजना की शुरुआत साल 2016 में हुई थी. सरकार ने गरीब परिवारों की मदद करने और महिलाओं को परंपरागत तरीके से खाना बनाने से होने वाली परेशानी से राहत देने के मकसद से इस योजना को शुरू किया था. उज्जवला योजना के तहत सितंबर 2019 में 8 करोड़ कनेक्शन जारी किए गए थे. जबकि बाकी परिवारों को इसमें शामिल करने के लिए उज्ज्वला 2.0 यानी दूसरे चरण की शुरुआत अगस्त 2021 में की गई थी.