सेहत को नुकसान पहुंचा रहीं 156 दवाओं को सरकार ने किया बैन, कहीं आप भी तो नहीं कर रहे इनका इस्तेमाल

प्रतिबंधित की गईं प्रमुख एफडीसी दवाओं की सूची में ओमेप्राजोल मैग्नीशियम और डायसाइक्लोमाइन एचसीएल की संयुक्त खुराक शामिल है, जो अक्सर पेट दर्द के लिए इस्तेमाल की जाती है. इसके साथ ही अलग-अलग रोगों में दर्द और सूजन को कम करने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली मेफेनामिक एसिड और पैरासिटामोल के संयोजन को भी प्रतिबंधित किया गया है.

सरकार ने सुलभ की हेल्थ सेवा Image Credit: George Frey/Getty Images

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने 156 ऐसी दवाओं पर बैन लगा दिया है, जो आपकी सेहत को फायदे से ज्यादा नुकसान पहुंचा रही हैं. फिक्स डोज कॉम्बिनेशन (FDC) यानी अलग-अलग दवाओं के मिश्रण वाली इन दवाओं में से ज्यादातर एंटीबायोटिक, एंटी-एलर्जिक, पेनकिलर, और मल्टीविटामिन हैं. इस संबंध में स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक नोटिफिकेशन में कहा, एंटीबायोटिक्स, एंटी-एलर्जिक, एनाल्जेसिक, मल्टीविटामिन, बुखार व उच्च रक्तचाप की इन दवाओं को बनाने और बेचने पर पाबंदी लगा दी गई है. सरकार ने यह फैसला ड्रग्स टेक्निकल एडवाइजरी बोर्ड (DTAB) और एक विशेषज्ञ समूह की सिफारिशों के आधार पर लिया है.

स्वास्थ्य के लिए बढ़ा जोखिम

इसमें कहा गया है कि केंद्र सरकार विशेषज्ञों की इस बात से संतुष्ट है कि फिक्स्ड डोज कॉम्बिनेशन के इस्तेमाल से इंसानी स्वास्थ्य को जोखिम हो सकता है. इसके साथ ही कहा गया है कि जब इन दवाओं के बेहतर विकल्प मौजूद हैं, तो जोखिम वाले एफडीसी का इस्तेमाल बेतुका है. प्रतिबंधित 156 दवाओं में बंद नाक को खोलने वाली दवाएं, एलर्जी रोकने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली दवाओं के मिश्रण शामिल हैं.

विशेषज्ञों ने क्या कहा

विशेषज्ञों व ड्रग्स टेक्निकल एडवाइजरी बोर्ड ने अपनी सिफारिशों में कहा है कि एफडीसी में शामिल सामग्री का कोई चिकित्सकीय औचित्य नहीं है. इसके विपरीत एफडीसी से इंसानी स्वास्थ्य को खतरा हो सकता है. इसलिए व्यापक जनहित को ध्यान में रखकर ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट, 1940 की धारा 26 ए के तहत इन एफडीसी के निर्माण, बिक्री और वितरण पर प्रतिबंध लगाना जरूरी है.

2016 के बाद सबसे बड़ी कार्रवाई

इससे पहले सरकार ने 2016 में 344 दवाओं पर प्रतिबंध लगाया था. उस समय दवा निर्माताओं सरकार के फैसले को अदालत में चुनौती दी थी. हालांकि, अदालत ने इस मामले को डीटीएबी को भेज दिया. बाद में डीटीएबी ने कहा कि 328 एफडीसी तर्कहीन हैं, लिहाजा इन्हें प्रतिबंधित किया जाए. भारतीय फार्मास्युटिकल गठबंधन के महासचिव सुदर्शन जैन का कहना है कि सरकार का यह फैसला मरीजों के हित में है और इस बारे में कोकाटे समिति और नीलिमा क्षीरसागर समिति की सिफारिशों के आधार पर फैसला किया जा रहा है.

इन प्रमुख दवाओं पर लगा प्रतिबंध

प्रतिबंधित की गईं प्रमुख एफडीसी दवाओं की सूची में ओमेप्राजोल मैग्नीशियम और डायसाइक्लोमाइन एचसीएल की संयुक्त खुराक शामिल है, जो अक्सर पेट दर्द के लिए इस्तेमाल की जाती है. इसके साथ ही अलग-अलग रोगों में दर्द और सूजन को कम करने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली मेफेनामिक एसिड और पैरासिटामोल के संयोजन को भी प्रतिबंधित किया गया है. इसके अलावा पोविडोन आयोडीन, मेट्रोनिडाजोल और एलो के संयोजन को भी प्रतिबंधित किया गया है. इनका उपयोग त्वचा संक्रमण को रोकने के लिए किया जाता है, साथ ही उर्सोडिऑक्सीकोलिक एसिड और मेटफॉर्मिन एचसीएल को भी प्रतिबंधित किया गया है, जिसका उपयोग डायबिटीज के रोगियों में फैटी लीवर के इलाज के लिए किया जाता है.

कॉस्मेटिक भी शामिल

मुंहासे वाली क्रीम और आयोडीन घोल के साथ एंटीबायोटिक्स के मिश्रण, माइग्रेन की दवा व मतली रोकने वाली दवा का मिश्रण, एलोवेरा के साथ मेंथॉल जैसे सप्लीमेंट का मिश्रण और जलन की दवा सिल्वर सल्फाडियाजिन का एंटीसेप्टिक एजेंट, एलोवेरा एक्सट्रैक्ट और विटामिन के साथ मिश्रण प्रतिबंधित किया गया है.

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