जमीन बढ़ी या घटा समुद्र, कैसे अचानक 3,537 किलोमीटर बढ़ गई भारत की समुद्री सीमा?

दशकों से यही पढ़ते आ रहे हैं कि भारत की समुद्री सीमा यानी कॉस्टलाइन 7,561.60 किलोमीटर लंबी है. लेकिन, अब इस जानकारी को दुरुस्त कर लें, क्योंकि यह अब 3,537 किलोमीटर बढ़कर 11,098.81 किलोमीटर हो गई है. चौंकिए नहीं, यहां पढ़िए कि यह कमाल आखिर कैसे हुआ, क्या भारत की जमीन बढ़ गई है या समुद्र घट गया है?

भारतीय तटरेखा की प्रतीकात्मक तस्वीर Image Credit: money9live

भारत की समुद्री सीमा की लंबाई अब बढ़कर 11,098.81 किलोमीटर हो गई है. अब तक स्कूल की किताबों से लेकर आधिकारिक दस्तावेजों तक यह लंबाई 7,561.60 किमी बताई जाती रही है. लेकिन, जल्द ही इसमें 3,537.21 किमी यानी करीब 50 फीसदी का इजाफा होने वाला है. असल में यह बदलाव भारत की समुद्री सीमा की नए तरीके से की गई गणना के बाद आया है. इस आंकड़े में अपतटीय द्वीप और टापू भी शामिल हैं, जिन्हें पुरानी गणना में शामिल नहीं किया गया था. तटीय राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने इस संशोधित आंकड़े पर सर्वसम्मति से सहमति जताई है, जो भारत के भौगोलिक डाटा में एक बड़े बदलाव को दर्शाता है.

आधिकारिक तौर पर 11,098.81 किमी हुई सीमा

केंद्रीय शिपिंग मंत्रालय की तरफ से मंगलवार को जारी एक सर्कुलर के मुताबिक नई पद्धति से की गई गणना के बाद बदली हुई तटरेखा लंबाई को आधिकारिक रूप से मंजूरी दे दी गई है. इस परिपत्र में कहा गया है कि भारत की तटरेखा की लंबाई 7,561.60 किलोमीटर से बढ़ाकर 11,098.81 किलोमीटर कर दी गई है. इसमें 3,537.21 किलोमीटर यानी करीब 50 फीसदी का इजाफा हुआ है.

2010 से चल रही माथापच्ची

गृह मंत्रालय के मुताबिक 1970 के दशक से भारत की तटरेखा की लंबाई 7,561 किलोमीटर मानी जाती रही है. विभिन्न सरकारी विभागों ने तटरेखा के लिए अलग-अलग आंकड़े इस्तेमाल किए हैं. 2019 में इस मुद्दे की जांच की गई और पता चला कि तटीय संरक्षण और विकास सलाहकार समिति 2010 से इस मुद्दे पर विचार-विमर्श कर रही है.

क्यों आया इतना अंतर?

मौजूदा तटरेखा की लंबाई में इतना बड़ा अंतर आने का मुख्य कारण पैमाने और गणना पद्धति में बदलाव है. 1970 के दशक में तटरेखा की लंबाई की गणना 1:4,500,000 या उससे छोटे पैमाने पर उपलब्ध अभिलेखों से की गई. जबकि, अब 1:250,000 के पैमाने इसकी गणना की गई है. सर्कुलर में कहा गया है कि जब समुद्र तट की लंबाई को विभिन्न पैमानों के मानचित्रों से मापा जाता है तो इसमें भिन्नता हो सकती है. जितना बढ़ा और स्पष्ट मानचित्र होता है, लंबाई का आंकड़ा उतना सटीक मिलता है. अब जो गणना की गई है, उसमें खाड़ी, अपतटीय द्वीप, टापू जैसी तमाम संरचनाओं को भी शामिल किया गया है.

कितने द्वीप और टापू

मंत्रालय के सर्कुलर के मुताबिक भारत की तटरेखा की लंबाई में 1298 अपतटीय द्वीप और टापुओं को शामिल किया गया है. इनमें 1059 द्वीप है 239 टापू हैं. इन अपतटीय द्वीपों और टापुओं की लंबाई को तीन बार सत्यापित समुद्र तट की कुल लंबाई से जोड़ा गया है.

भारत की तट रेखा की लंबाई

भारत की मुख्य भूमि में शामिल राज्यों में सबसे बड़ी 2,340.62 किमी लंबी समुद्री सीमा गुजरात की है. वहीं, सबसे छोटी सीमा 42.65 किमी की सीमा पुडुचेरी की है.

राज्य तट रेखा की लंबाई
गुजरात2,340.62
महाराष्ट्र877.97
गोवा193.97
कर्नाटक343.30
करेल600.15
तमिलनाडु1,068.69
आंध्र प्रदेश1,053.07
ओडिशा574.71
पश्चिम बंगाल721.02
दमन-दीव54.38
पुडुचेरी42.65
लक्षद्वीप144.80
अंडमान और निकोबार3,083.50
कुल11,098.81

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