Republic Day: भारत के संविधान पर कितना खर्च हुआ था?
Republic Day: 26 जनवरी यानी गणतंत्र दिवस, ये वो एतिहासिक तारीख है जिस दिन भारत का संविधान लागू हुआ था. लेकिन इतने बड़े संविधान को बनाने का एक खर्च भी आया था, उस समय लाखों रुपये संविधान पर खर्च किए गए थे.
Cost of Constitution in India: 26 जनवरी 1950 ये वह तारीख है जिस दिन भारत एक संप्रभु गणराज्य बना था. इसका मतलब इस ऐतिहासिक दिन पर भारत ने अपना संविधान लागू किया था और एक संप्रभु गणराज्य बन गया. भारत ने इसी दिन अपने देश को खुद चलाने का निर्णय लिया था. संविधान की अपनी एक दिलचस्प कहानी है. लेकिन क्या आपको ये पता है, संविधान बनाने की प्रक्रिया में कुल कितना खर्च हुआ था.
बता दें कि, इस पूरी प्रक्रिया में उस समय कुल 64 लाख रुपये का खर्च आया था.
ये तो सभी को पता है कि भारत को इस मुकाम तक पहुंचने में सालों लगे. यह एक लंबी, कठिन यात्रा रही. चलिए इसे बारे में सब कुछ जानते हैं.
ऐसे हुई शुरुआत
1934 में पहली बार इसे लेकर विचार रखा गया था. राजनीतिक विचारक MN रॉय ने संविधान सभा बनाने का सुझाव दिया था. यह सोच क्रांतिकारी साबित हुई.
1935 में कांग्रेस ने इसे समर्थन दिया, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने इस विचार को अपनाया और ब्रिटिश सरकार से संविधान सभा बनाने की मांग की थी.
1942 में जा कर ब्रिटिश का प्रस्ताव आया है, ब्रिटिश सरकार ने कहा, “हम आपको डोमिनियन स्टेटस (यानी थोड़ा स्वायत्त शासन) दे सकते हैं, लेकिन आप अभी भी ब्रिटिश साम्राज्य का हिस्सा रहेंगे.” लेकिन भारतीय नेताओं ने इसे तुरंत खारिज कर दिया.
फिर 1946 में असली स्वतंत्रता की शुरुआत हुई, द्वितीय विश्व युद्ध खत्म हुआ, इसके बाद, ब्रिटिश सरकार ने भारत को सत्ता सौंपने की प्रक्रिया शुरू कर दी. संविधान सभा के लिए चुनाव हुए. सदस्यों की संख्या जनसंख्या के आधार पर तय की गई, और शुरू में 389 सदस्य चुने गए. लेकिन 1947 में विभाजन के बाद, यह संख्या घटकर 299 रह गई.
संविधान का निर्माण
- संविधान सभा का नेतृत्व तय किया गया. डॉ. बीआर अंबेडकर को ड्राफ्टिंग कमेटी का अध्यक्ष बनाया गया. डॉ राजेंद्र प्रसाद को सभा का स्थायी अध्यक्ष चुना गया.
- 1948 में संविधान का पहला ड्राफ्ट जनता के फीडबैक के लिए जारी किया गया. कई चर्चाओं और संशोधनों के बाद, 26 नवंबर 1949 को इसे अपनाया गया.
संविधान लागू हुआ
26 जनवरी 1950 को भारत का संविधान लागू हुआ. यह दिन जानबूझकर चुना गया था क्योंकि 1930 में इसी दिन पूर्ण स्वराज की घोषणा की गई थी.
दिलचस्प तथ्य
- संविधान को बनाने में 2 साल, 11 महीने और 18 दिन लगे थे.
- संविधान पर कुल 64 लाख रुपये का खर्च हुआ था.
- भारत का संविधान दुनिया का सबसे लंबा लिखा गया संविधान है.
- इसे आधुनिक समय के प्रिंट की तरह नहीं, बल्कि हाथ से लिखा गया था.
- प्रेम बिहारी नारायण रायजादा ने इसकी सुंदर कैलिग्राफी की थी.
- हर पेज को शांतिनिकेतन के कलाकारों ने सजाया था.
26 जनवरी 1950 केवल एक तारीख नहीं, बल्कि भारत के आत्मनिर्भर और संप्रभु बनने का प्रतीक है. यह हमें याद दिलाता है कि हमारी आजादी और लोकतंत्र की नींव बड़े संघर्ष और मेहनत से रखी गई है.
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