अब ऑनलाइन मनी गेम होंगे रेगुलेट, अथॉरिटी करेगी निगरानी, रजिस्ट्रेशन से लेकर सजा तक बनेंगे नियम
नए नियम ऑनलाइन गेमिंग को और पारदर्शी और सुरक्षित बनाने के लिए बनाए गए हैं. सरकार का मकसद है कि यूजर्स को नुकसान न हो और गेमिंग कंपनियां नियमों का पालन करें. OGAI जैसे नियामक के जरिए सरकार यह सुनिश्चित करना चाहती है कि ऑनलाइन गेम्स भारत में कानूनी और नैतिक तरीके से चलें.

Online Gaming Law 2025: केंद्र सरकार ने गुरुवार को Promotion and Regulation of Online Gaming Rules, 2025 के ड्राफ्ट को जारी किया. इस ड्राफ्ट में भारत में सभी ऑनलाइन सोशल गेम्स, ई-स्पोर्ट्स और ऑनलाइन पैसे वाले गेम्स की एक नेशनल रजिस्ट्री बनाने का प्रस्ताव है. इसका मतलब है कि भारत में जो भी कंपनी या व्यक्ति इस तरह के गेम्स ऑफर करता है, उसे अनिवार्य रूप से रजिस्टर करना होगा. यह रजिस्टर और रजिस्ट्रेशन का काम ऑनलाइन गेमिंग अथॉरिटी ऑफ इंडिया (OGAI) नामक एक नई नियामक संस्था करेगी, जो ऑनलाइन सोशल गेम्स और ई-स्पोर्ट्स को रेगुलेट करेगी.
गेम्स का रजिस्ट्रेशन और नियम
जब कोई गेम भारत में ऑनलाइन सोशल गेम या ई-स्पोर्ट के रूप में रजिस्टर हो जाएगा, तो गेमिंग कंपनी को OGAI को गेम में होने वाले किसी भी बड़े बदलाव (जैसे गेम की विशेषताओं या कमाई के मॉडल में बदलाव) की जानकारी देनी होगी. अगर कंपनी ऐसा नहीं करती, तो OGAI उस गेम का रजिस्ट्रेशन रद्द कर सकती है. इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) ने इन नियमों पर 31 अक्टूबर तक सुझाव मांगे हैं.
रजिस्ट्रेशन के लिए जरूरी जानकारी
जो भी कंपनी या व्यक्ति अपने गेम को भारत में रजिस्टर करना चाहता है, उसे ये जानकारी देनी होगी:
- गेम का नाम और उसका विवरण
- गेम की श्रेणी (कैटेगरी)
- गेम किस आयु वर्ग के लिए है
- कंपनी की कमाई का मॉडल
- यूजर्स की सुरक्षा के लिए किए गए उपाय
- शिकायत निवारण की व्यवस्था
इसके अलावा, हर आवेदक को OGAI की वेबसाइट पर उपलब्ध एक डिजिटल फॉर्म में यह लिखित में देना होगा कि वे कोई भी गैर-कानूनी गतिविधि नहीं करेंगे.
ऑनलाइन गेमिंग अथॉरिटी ऑफ इंडिया (OGAI)
OGAI का कार्यालय राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) में होगा. इसका नेतृत्व MeitY के एक अतिरिक्त सचिव या संयुक्त सचिव करेंगे. इसमें तीन अन्य सदस्य होंगे. इसमें सूचना और प्रसारण मंत्रालय, युवा मामले मंत्रालय और वित्तीय मामलों के विभाग से होंगे. OGAI के पास यह अधिकार होगा कि वह यह तय करे कि कोई गेम ऑनलाइन मनी गेम है या नहीं. यह निर्णय वह अपनी मर्जी से (सुओ-मोटो) या गेमिंग सर्विस प्रोवाइडर के आवेदन पर ले सकता है. OGAI को यह भी अधिकार होगा कि वह किसी गेम की जांच करे, अगर उसे लगता है कि गेम यूजर्स के हितों के खिलाफ है. OGAI गेम्स से संबंधित विज्ञापनों या वित्तीय लेन-देन के बारे में भी निर्देश जारी कर सकता है.
नियम तोड़ने की सजा
अगर कोई ऑनलाइन सोशल गेम या ई-स्पोर्ट नियम तोड़ता है, तो OGAI उसका रजिस्ट्रेशन रद्द कर सकता है या जुर्माना लगा सकता है. जुर्माने की राशि तय करने के लिए OGAI निम्नलिखित बातों पर विचार करेगा:
- गेम या कंपनी ने नियम तोड़कर कितना फायदा कमाया
- इससे किसी को कितना नुकसान हुआ
- नियम तोड़ने की गंभीरता और अवधि
- कितने यूजर्स प्रभावित हुए और उन्हें कितना नुकसान हुआ
अपील की व्यवस्था
अगर कोई गेमिंग सर्विस प्रोवाइडर OGAI के फैसले से सहमत नहीं है, तो वह अपील कर सकता है. इसके लिए MeitY के सचिव को अपीलीय प्राधिकरण (Appellate Authority) बनाया गया है. अपील OGAI के फैसले, गेम की श्रेणी, रजिस्ट्रेशन रद्द करने या जुर्माने से संबंधित हो सकती है. ये नए नियम ऑनलाइन गेमिंग को और पारदर्शी और सुरक्षित बनाने के लिए बनाए गए हैं. सरकार का मकसद है कि यूजर्स को नुकसान न हो और गेमिंग कंपनियां नियमों का पालन करें. OGAI जैसे नियामक के जरिए सरकार यह सुनिश्चित करना चाहती है कि ऑनलाइन गेम्स भारत में कानूनी और नैतिक तरीके से चलें.
Latest Stories

तय हुआ बद्रीनाथ और केदारनाथ के कपाट बंद होने का समय, जानिए शुभ मुहूर्त और तारीख

गुरुग्राम: अगर नशे में गाड़ी चलाते पकड़े गए तो रद्द हो सकता है लाइसेंस, 15000 रुपये तक भरना पड़ेगा जुर्माना

खांसी सिरप से मौत पर केंद्र सरकार का एक्शन, दवा बांटने पर लगाई रोक; NCDC ने शुरू की जांच
