लाडकी बहिन योजना को लेकर भड़के बैंक कर्मचारी, नवंबर में हड़ताल का किया ऐलान
Maharashtra: बैंक यूनियन ने कहा कि कई जिलों में उत्पीड़न की घटनाएं देखी गई हैं क्योंकि सरकार की ओर से इसकी प्लानिंग और लोगों तक इसके प्रचार में कमी रही जिसकी वजह से ऐसा हुआ है.

महाराष्ट्र में कम आय वाली महिलाओं को आर्थिक मदद देने के लिए लाडकी बहिन योजना शुरू की गई लेकिन अब बैंक वालों ने इसमें समस्याएं गिनाई हैं और कहा है कि इन समस्याओं के चलते योजना के लाभार्थी बैंक कर्मचारियों का उत्पीड़न और उनके साथ हिंसा कर रहे हैं.
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन (UFBU) जिसमें 9 बैंक स्टाफ यूनियन शामिल हैं, ने राज्यभर में 16 नवंबर को हड़ताल की घोषणा की है क्योंकि कई जगहों पर बैंक के कर्मचारियों को लाडकी बहिन योजना के लाभार्थियों से उत्पीड़न का सामना करना पड़ा.
क्या है पूरा मामला?
रिपोर्ट के मुताबिक, UFBU के प्रदेश अध्यक्ष देविदास तुलजापुरकर ने बताया कि कई जिलों में उत्पीड़न की घटनाएं देखी गई हैं क्योंकि सरकार की ओर से इसकी प्लानिंग और लोगों तक इसके प्रचार में कमी रही जिसकी वजह से ऐसा हुआ है.
उन्होंने कहा, “सरकार की ओर से योजना और इसके प्रचार में कमी के कारण ‘लाडकी बहिन’ योजना को लागू करते समय बैंकों में पूरी तरह से अराजकता है. कुल मिलाकर, बैंक कर्मचारियों के बीच डर का माहौल है. इसलिए, हमने एक दिवसीय हड़ताल करके अपनी चिंताओं को व्यक्त करने का फैसला किया है.
रिपोर्ट के मुताबिक स्थानीय नेताओं और सरकारी योजनाओं के लाभार्थियों ने कथित तौर पर बीड, जालना, लातूर, धुले और पुणे सहित कई जिलों में बैंक कर्मचारियों के साथ दुर्व्यवहार किया है, उनका अपमान किया है और यहां तक कि उनके साथ हिंसा भी की है.
यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस (UFBU) ने बैंक काउंटरों पर गतिविधि में तेजी देखी है क्योंकि लोग योजना के तहत फायदा लेने के लिए अपने बंद पड़े खातों को फिर खुलवाने लगे हैं, अपने आधार नंबरों को लिंक करने और नए खाते खोलने के लिए दौड़ रहे हैं.
इन घटनाओं की वजह से ही बैंकों का यूनियन चाहता है कि बैंकों में बढ़ रही भीड़ को प्रबंधित करने के लिए अधिक कर्मचारी और सिक्यॉरिटी की भी जरूरत है. इस बीच, राज्य मंत्री अतुल सावे ने यूनियन से अनुरोध किया कि वे कोई भी कदम उठाने से पहले सरकार के साथ बातचीत करें.
क्या है लाडकी बहिन योजना?
लाडकी बहिन योजना हाल ही में 17 अगस्त को महाराष्ट्र सरकार ने शुरू की थी. यह पहल महिलाओं को उनकी आत्मनिर्भर बनाने के साथ उन्हें वित्तीय सहायता देने के लिए लाई गई थी. इस योजना के तहत, 2.5 लाख रुपये से कम वार्षिक आय वाली 21-65 वर्ष की महिलाओं को 1,500 रुपये का हर महीने पैसा दिया जाता है.
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