भारत आते ही तहव्वुर राणा के साथ होगा ऐसा बर्ताव, कसाब वाली बैरक भी तैयार, तिहाड़ में भी विशेष इंतजाम
26/11 मुंबई आतंकी हमलों का आरोपी तहव्वुर हुसैन राणा को आखिरकार भारत लाया जा रहा है. जांच एजेंसी NIA और खुफिया एजेंसी RAW की एक ज्वाइंट टीम उसे अमेरिका से लेकर रवाना हो चुकी है. ऐसे में आइए जानते हैं कि तहव्वुर के साथ भारत में क्या कार्यवाही हो सकती है.

Tahawwur Rana Extradition: करीब डेढ़ दशक तक चली कानूनी लड़ाई के बाद 26/11 मुंबई आतंकी हमलों का आरोपी तहव्वुर हुसैन राणा को आखिरकार भारत लाया जा रहा है. जांच एजेंसी NIA और खुफिया एजेंसी RAW की एक ज्वाइंट टीम उसे अमेरिका से लेकर रवाना हो चुकी है. संभावना है कि राणा आज, यानी 10 अप्रैल को दोपहर तक भारत पहुंच जाएगा. मुंबई की आर्थर रोड जेल में उस बैरक को फिर से तैयार किया गया है, जिसमें कभी आतंकी अजमल कसाब को रखा गया था.
भारत पहुंचते ही कोर्ट में पेशी, फिर हाई-सिक्योरिटी सेल
भारत लाए जाने के बाद तहव्वुर राणा को दिल्ली स्थित पटियाला हाउस की स्पेशल NIA कोर्ट में पेश किया जाएगा. इसके बाद उसे पूछताछ के लिए NIA की हिरासत में लिया जाएगा. सुरक्षा कारणों से उसे दिल्ली की तिहाड़ जेल की हाई-सिक्योरिटी सेल में रखा जा सकता है.
गृह मंत्री और NSA की उच्चस्तरीय बैठक
राणा की वापसी को लेकर हाल ही में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, विदेश मंत्री एस. जयशंकर और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के बीच एक अहम बैठक हुई. इसमें खुफिया ब्यूरो के प्रमुख तपन डेका और विदेश सचिव विक्रम मिस्री भी शामिल थे. हालांकि, बैठक में हुई चर्चा का ब्योरा शेयर नहीं किया गया है.
अमेरिकी कोर्ट ने ठुकराई थी याचिका
राणा ने प्रत्यर्पण से बचने के लिए अमेरिका के सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी, जिसे खारिज कर दिया गया. उसने याचिका में खुद को पार्किंसन बीमारी से पीड़ित बताते हुए दावा किया था कि भारत में उसे प्रताड़ित किया जा सकता है.
कौन है तहव्वुर राणा?
तहव्वुर राणा पाकिस्तानी मूल का कनाडाई नागरिक और व्यवसायी है. उस पर अपने दोस्त डेविड कोलमैन हेडली की मदद से भारत में आतंकी हमलों की साजिश रचने और रेकी करने का आरोप है. साल 2009 में अमेरिका की FBI ने उसे गिरफ्तार किया था. अमेरिका में वह लश्कर-ए-तैयबा को समर्थन देने के आरोप में दोषी पाया गया था.
जब कांप उठी थी मुंबई
26 नवंबर 2008 को लश्कर-ए-तैयबा के 10 आतंकियों ने मुंबई में एक के बाद एक कई हमले किए थे, जो चार दिन तक चले. इन हमलों में 175 लोग मारे गए थे और 300 से ज्यादा घायल हुए थे. सुरक्षाबलों ने 9 आतंकियों को मार गिराया था, जबकि अजमल कसाब को जिंदा पकड़ा गया था, जिसे 2012 में फांसी दी गई.
कसाब वाला बैरक भी तैयार
कयास लगाएं जा रहे हैं कि अगर तहव्वुर राणा को मुकदमें का सामना करने के लिए मुंबई लाया जाता है, तो उसे आर्थर रोड जेल की बैरक नंबर 12 में रखा जा सकता है. दरअसल बैरक नंबर 12 वहीं बैरक है, जहां पाकिस्तानी आतंकवादी अजमल कसाब को नवंबर 2012 में में फांसी दिए जाने से पहले रखा गया था.
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