अब आधार कार्ड से होगा यूपीएससी कैंडिडेट्स का वेरिफिकेशन, सरकार ने लिया अहम फैसला

अब आधार बेस्ड आथेंटिकेशन और बायोमेट्रिक के जरिये यूपीएससी अभ्यार्थियों का होगा सत्यापन. नए नियम के बाद कैंडिडेट के ई-एडमिट कार्ड का क्यूआर स्कैनिंग होगा और एआई बेस्ड सीसीटीवी कैमरे से लाइव निगरानी भी होगी.

यूपीएससी Image Credit: Vivek Singh/IT Group via Getty Images

आईएएस ट्रेनी पूजा खेडकर के विवाद के बाद सरकार ने यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन (यूपीएससी) के अभ्यार्थियों के वेरिफिकेशन को लेकर बड़ा फैसला किया है. अब कैंडिडेट्स की पहचान प्रमाणित करने के लिए आधार कार्ड मान्‍य होगा. ये नए नियम यूपीएससी के सभी 14 परिक्षाओं पर लागू होंगे.

बता दें यूपीएससी ने पिछले महीने इस समस्या से निपटने के लिए टेंडर फ्लोट किया था. जिसके तहत आधार बेस्ड ऑथेंटिकेशन और बायोमेट्रिक के जरिये अभ्यार्थियों का सत्यापन होना सुनिश्चित किया था. नए नियम के बाद कैंडिडेट के ई-एडमिट कार्ड का क्यूआर स्कैनिंग होगा और एआई बेस्ड सीसीटीवी कैमरे से लाइव निगरानी होगी. यह तमाम बदलाव हाल में हुए आईएएस ट्रेनी पूजा खेडकर के विवाद के बाद हुआ था. दरअसल पूजा पर आरोप है कि उन्होंने 2022 में सिविल सर्विसेज की परीक्षा के दौरान फर्जी कागजात दिए थे. खेडकर पर दिव्यांगता और अन्य पिछड़े वर्ग के कोटे का फर्जी इस्तेमाल करने का आरोप लगा है.

मिनिस्ट्री ऑफ पर्सनेल ने जारी एक नोटिफिकेशन में कहा कि यूपीएससी अब स्वैछिक आधार पर कैंडिडेट्स के वन टाइम रजिस्ट्रेशन पोर्टल पर आधार कार्ड को ऑथेंटिकेशन के लिए इस्तेमाल करने की मंजूरी दे दी है. यूपीएससी को आधार अधिनियम, 2016 के सभी प्रावधानों का अनुपालन करना होगा जिसमें यूआईडीएआई के प्रासंगिक नियम, विनियम और निर्देश शामिल हैं. बता दें कि भारत में आधार कार्ड 12 अंकों वाले यूनिक नंबर के साथ बनाए जाते हैं जिसे यूआईडीएआई जारी करती है. इसे बनाने के दौरान सिटीजन को बायोमेट्रिक और डेमोग्राफिक डाटा देनी पड़ती है.

यूपीएससी ने पूजा खेडकर पर क्या एक्शन लिया?

जुलाई में यूपीएससी ने खेडकर के मामले को लेकर कई मामले दर्ज किए. खेडकर पर फर्जी डॉक्यूमेंट्स को दिखा कर परीक्षा में बैठने को लेकर फॉर्जरी का मामला भी रजिस्टर किया गया है. फिलहाल दिल्ली पुलिस इस मामले की पड़ताल कर रही है.