Star हेल्थ इंश्योरेंस बीमा धारकों को राहत, मेदांता-मैक्स जैसे हॉस्पिटल में कैशलेस इलाज फिर से चालू, AHPI ने बदला फैसला
भारतीय हेल्थ इंश्योरेंस सेक्टर के लिए राहत की खबर आई है. एसोसिएशन ऑफ हेल्थकेयर प्रोवाइडर्स इंडिया (एएचपीआई) ने स्टार हेल्थ इंश्योरेंस के साथ विवाद सुलझाया. 10 अक्टूबर 2025 से 15,000+ अस्पतालों में कैशलेस क्लेम को बहाल कर दिया है. यह कदम लाखों पॉलिसीधारकों के लिए वित्तीय बोझ घटाएगा. मेडिकल इन्फ्लेशन के बीच टैरिफ रिवीजन पर भी काम तेज होगा.

Health Insurance: स्टार हेल्थ इंश्योरेंस के ग्राहकों के लिए अच्छी खबर है. एसोसिएशन ऑफ हेल्थकेयर प्रोवाइडर्स इंडिया (AHPI) ने अपने नए फैसले में पुराने ऑर्डर को ही बदल दिया है. 10 अक्टूबर 2025 तक सभी 15,000 से ज्यादा अस्पतालों में कैशलेस क्लेम सेटलमेंट फिर से शुरू हो जाएगा. इससे मरीजों को इलाज के लिए पैसे की चिंता नहीं करनी पड़ेगी. एएचपीआई ने 22 सितंबर 2025 से कैशलेस सर्विस रोकने का एडवाइजरी जारी किया था. लेकिन अब इसे रद्द कर दिया गया है. मरीजों को आगे भी कैशलेस आधार पर इलाज मिलता रहेगा.
ऐसा पहले भी हुआ?
यह पहली बार नहीं है. पिछले महीने एएचपीआई ने बाजाज अलियांज जनरल इंश्योरेंस के लिए कैशलेस सर्विस 1 सितंबर 2025 से रोक दी थी. इसके पीछे की वजह थी फीस ना बढ़ाना. मेडिकल खर्च बढ़ रहे थे, लेकिन रेट पुराने थे. हॉस्पिटल क्वालिटी कम नहीं कर सकते थे. लेकिन 29 अगस्त 2025 को मीटिंग के बाद रोक हटा ली गई.
आगे का क्या है प्लान?
ET की रिपोर्ट के अनुसार, हॉस्पिटल और इंश्योरेंस कंपनियां मिलकर फीस रिवीजन पर काम करेंगी. यह 31 अक्टूबर 2025 तक होना चाहिए. अगर नहीं हुआ तो स्टार हेल्थ के लिए फिर से कैशलेस सर्विस रोक सकती है. मरीजों को परेशानी ना हो इसके लिए जल्दी समाधान चाहिए. स्टार हेल्थ ने कई हॉस्पिटल को अचानक नेटवर्क से बाहर कर दिया. इससे मरीज परेशान हो गए. उन्हें कैशलेस इलाज नहीं मिला.
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इन हॉस्पिटल पर पड़ा असर
एएचपीआई के 15 सितंबर 2025 के प्रेस रिलीज के अनुसार. स्टार हेल्थ ने मणिपाल हॉस्पिटल (दिल्ली और गुरुग्राम) में कैशलेस रोक दिया. मैक्स हॉस्पिटल भी प्रभावित हुए. और भी कई हॉस्पिटल लिस्ट में शामिल थे.
हर इंश्योरेंस कंपनी की वेबसाइट पर नेटवर्क हॉस्पिटल की लिस्ट होती है. अगर प्लान्ड ट्रीटमेंट है तो एडमिशन से पहले चेक करें. आपका पसंदीदा हॉस्पिटल लिस्ट में है या नहीं. इससे आखिरी वक्त की परेशानी बच जाएगी. अगर इमरजेंसी में पता चले कि हॉस्पिटल कैशलेस में नहीं है. तो सबसे पहले इंश्योरर को बताएं. प्लान्ड एडमिशन के लिए 48 घंटे पहले. इमरजेंसी के लिए 24 घंटे में सूचना दें.
इन डॉक्यूमेंट का होना जरूरी
इलाज खत्म होने पर ये कागज इकट्ठा करें. इसमें ओरिजिनल हॉस्पिटल बिल, पेमेंट रसीदें, डिस्चार्ज समरी, जांच रिपोर्ट, डॉक्टर की प्रिस्क्रिप्शन शामिल है. अगर मरीज की मौत हो जाए तो डेथ समरी भी जोड़ें. आईआरडीएआई के 2024 के मास्टर सर्कुलर के अनुसार, कैशलेस के अलावा सभी क्लेम 15 दिनों में सेटल करने चाहिए. देरी हुई तो आपको मुआवजा भी मिलेगा.
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