जून में NSDL सहित इन कंपनियों के IPO देंगे दस्तक, 8000-10000 करोड़ जुटाने का है प्लान
जून में IPO बाजार में हलचल तेज होने वाली है, जहां 8,000 करोड़ रुपये से 10,000 करोड़ रुपये तक के पब्लिक ऑफर आने की उम्मीद है. हालांकि मई में आए कुछ IPO को निवेशकों की कमजोर प्रतिक्रिया मिली, खासकर रिटेल और QIB सेगमेंट में. अब देखना होगा कि जून में आने वाले आईपीओ को लेकर निवेशकों की क्या प्रतिक्रिया रहती है.

IPO Market of June: मौजूदा समय में IPO का बाजार काफी हरा भरा दिख रहा है. हर रोज किसी न किसी कंपनी का इश्यू जारी हो रहा है या बंद हो रहा है. प्राइमरी मार्केट के लिए मई का महीना पिछले महीने यानी अप्रैल से बेहतर रहा है. इस महीने कई कंपनियां पब्लिक हुई. लेकिन आने वाला महीना यानी जून को लेकर उम्मीद जताई जा रही है कि प्राइमरी बाजार के लिए ये काफी अहम महीना हो सकता है. जून में कुल 8 से 10 कंपनियां अपना IPO लाने की तैयारी में है. इन इश्यू के जरिये कंपनियां 8000 से 10,000 करोड़ रुपये तक का फंड जुटा सकती है.
जून में किन IPO की होगी एंट्री?
मनीकंट्रोल ने अपनी एक रिपोर्ट में बाजार सूत्रों के हवाले से बताया, जून में 8 से ज्यादा कंपनियां अपना IPO लाने की तैयारी कर रही हैं. इनसे कुल 8,000 करोड़ रुपये से 10,000 करोड़ रुपये तक जुटने की संभावना है. जून में जो IPO लॉन्च हो सकते हैं, उनमें श्री लोटस डेवलपर्स एंड रियल्टी (800 करोड़ रुपये), ट्रैवल फूड सर्विसेज (2,000 करोड़ रुपये), लक्ष्मी इंडिया फाइनेंस (200 करोड़ रुपये), इंडोगल्फ क्रॉपसाइंसेज (300 करोड़ रुपये) और NSDL (3,000 करोड़ रुपये) शामिल हैं.
मई का IPO बाजार रहा ठंडा
हालांकि मई महीने में आए कई IPO को निवेशकों से ठंडी प्रतिक्रिया मिली. खासतौर पर रिटेल और हाई नेट वर्थ (HNI) निवेशकों की दिलचस्पी कम देखी गई. उदाहरण के तौर पर, लीला होटल्स की मालिक कंपनी Schloss Bangalore के IPO में रिटेल निवेशकों का हिस्सा आखिरी दिन सिर्फ 0.87 गुना ही भरा था. संस्थागत निवेशकों का हिस्सा 7.8 गुना ही भर पाया था. इसी तरह Aegis Vopak Terminals का IPO भी कमजोर प्रतिक्रिया के साथ बंद हो रहा है. बुधवार, 28 मई के शाम 7 बजे तक इसमें रिटेल निवेशकों का हिस्सा 0.81 गुना और QIB का हिस्सा केवल 3.47 गुना ही सब्सक्राइब हुआ.
कुछ ही IPO को मिली जबरदस्त मांग
मई में हालांकि कुछ IPO ऐसे भी रहे जिन्हें जोरदार प्रतिक्रिया मिली. बोराना वीव्स का IPO करीब 148 गुना सब्सक्राइब हुआ. बेलराइज इंडस्ट्रीज का IPO भी 43 गुना भरा. इस खराब रिस्पॉन्स को लेकर जानकारों का मानना है कि लगातार एक के बाद एक IPO आने से निवेशकों की दिलचस्पी बंट गई है. एक साथ कई IPO आने से अक्सर निवेश की मांग घट जाती है. यही वजह है कि हाल के IPO में रिटेल और HNI निवेशकों की भागीदारी कमजोर रही. मालूम हो कि इस महीने अब तक बेलराइज इंडस्ट्रीज, बोराना वीव्स, स्कोडा ट्यूब्स, प्रोस्टार्म इंफो सिस्टम्स, Schloss Bangalore और Aegis Vopak जैसे 6 बड़े IPO बाजार में आ चुके हैं. इनका कुल आकार लगभग 9,000 करोड़ रुपये रहा है.
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