Waaree और Premier Energies के बाद एक और सोलर कंपनी का IPO, 3000 करोड़ तक साइज! क्या दोहराएगी इतिहास?
IPO बाजार में फिर एक बड़ा, क्लीन एनर्जी सेक्टर से जुड़ा आईपीओ दस्तक दे सकता है. Waaree Energies और Premier Energies जैसे सफल IPOs के बाद निवेशकों का नजर इसकी तरफ होगा. कंपनी के पास 3.9 GW के ऑर्डर पेंडिंग हैं, जिनकी अनुमानित कीमत 5,898 करोड़ रुपये है. यह ऑर्डर NTPC, CleanMax, Ayana Power जैसी जानी-मानी कंपनियों से मिले हैं, जिससे आने वाले 1-2 साल में कंपनी को अच्छा रेवेन्यू मिलेगा.
Emmvee IPO: भारत में सोलर एनर्जी सेक्टर में तेजी से निवेश बढ़ रहा है. इस सेक्टर के आईपीओ बाजार में सुपरहिट रहे. इस बढ़ते निवेश के बीच बेंगलुरु की सोलर मॉड्यूल बनाने वाली कंपनी Emmvee भी अब पब्लिक इश्यू लाने की तैयारी में है. कंपनी करीब 2,500 से 3,000 करोड़ रुपये तक जुटाने की योजना बना रही है. यह कदम Waaree Energies और Premier Energies जैसे सफल IPOs के बाद उठाया गया है. Emmvee ग्रुप का सोलर सेक्टर में तीन दशकों का अनुभव है. कंपनी सोलर फोटोवोल्टिक मॉड्यूल, सोलर सेल्स और सोलर वॉटर हीटिंग सिस्टम बनाती है
कंपनी के पास दिग्गज क्लाइंट
कंपनी के पास 3.9 GW के ऑर्डर पेंडिंग हैं, जिनकी अनुमानित कीमत 5,898 करोड़ रुपये है. यह ऑर्डर NTPC, CleanMax, Ayana Power जैसी जानी-मानी कंपनियों से मिले हैं, जिससे आने वाले 1-2 साल में कंपनी को अच्छा रेवेन्यू मिलेगा.
IPO का मकसद
मनीकंट्रोल की एक रिपोर्ट के मुताबिक, IPO से मिलने वाले पैसे का उपयोग Emmvee अपने प्रोडक्शन कैपेसिटी बढ़ाने के लिए करेगी. इसके साथ ही कंपनी पुराने कर्ज को चुकाने और भविष्य की जरूरतों को पूरा करने के लिए भी इस पैसे का उपयोग करेगी. इस IPO के लिए Emmvee ने Kotak Mahindra Capital और JM Financial जैसी प्रमुख इन्वेस्टमेंट बैंकों के साथ काम करना शुरू कर दिया है.
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सोलर सेक्टर में IPO की बाढ़?
2024 में Waaree Energies और Premier Energies जैसे सोलर प्लेयर्स ने शानदार IPO लॉन्च किए थे. Premier Energies ने 2,830 करोड़ रुपये जुटाए और उसका IPO 74.4 गुना सब्सक्राइब हुआ. वहीं, Waaree Energies का 4,321 करोड़ रुपये का IPO 76.34 गुना भरा गया और करंट में शेयर IPO प्राइस से 86 फीसदी ऊपर ट्रेड हो रहे हैं.
क्या कहता है बाजार का ट्रेंड?
भारत सरकार की PLI स्कीम, घरेलू मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने की नीति और 2030 तक 500 GW क्लीन एनर्जी कैपेसिटी का टारगेट ऐसे IPOs के लिए मजबूत आधार बना रहे हैं. इसके अलावा, अमेरिका और चीन के बीच बढ़ते जियो पॉलिटिकल टेंशन ने सोलर सप्लाई चेन को भारत की तरफ मोड़ दिया है, जिससे भारतीय सोलर कंपनियों को इंटरनेशनल लेवल पर मौका मिल रहा है.
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