₹18.89 करोड़ के IPO फंड में गड़बड़ी पर SEBI का एक्शन, इस कंपनी पर लगाया बैन; प्रमोटर पर फ्रॉड का आरोप
SEBI ने Nirman Agri Genetics Ltd (NAGL) पर IPO फंड में गड़बड़ी के आरोप में सिक्योरिटी मार्केट में प्रवेश पर रोक लगा दी है. जांच में पाया गया कि कंपनी ने जुटाए गए 20.30 करोड़ रुपये में से 18.89 करोड़ रुपये यानी 93 फीसदी राशि फर्जी या संदिग्ध संस्थाओं को ट्रांसफर की. SEBI ने कंपनी को बोनस इश्यू, स्टॉक स्प्लिट और नाम बदलने जैसी सभी कॉरपोरेट कार्रवाइयों पर भी रोक लगा दी है. कंपनी के प्रमोटर पर भी शेयर डीलिंग प्रतिबंध लगाया गया है.
Sebi Action Nirman Agri Genetics: SEBI ने Nirman Agri Genetics Ltd पर IPO फंड में भारी गड़बड़ी के आरोप में बड़ी कार्रवाई की है. कंपनी पर 20.30 करोड़ रुपये में से 18.89 करोड़ रुपये यानी करीब 93 फीसदी फंड को गलत तरीके से ट्रांसफर करने का आरोप है. SEBI ने कंपनी को शेयर बाजार में किसी भी तरह की नई एक्टिविटी से रोक दिया है. साथ ही कंपनी की सभी कॉरपोरेट एक्शन जैसे बोनस इश्यू, स्टॉक स्प्लिट और नाम बदलने पर भी रोक लगा दी गई है. कंपनी के प्रमोटर को भी शेयरों की खरीद बिक्री से बैन कर दिया गया है.
SEBI की सख्त कार्रवाई
SEBI ने अंतरिम आदेश में कहा कि Nirman Agri Genetics अब सिक्योरिटी मार्केट में कोई भी नया कदम नहीं उठा सकती. SEBI के सदस्य कमलेश चंद्र वर्शने ने मंगलवार को यह आदेश जारी किया. इसमें कंपनी के प्रमोटर प्रणव कैलाश बागल को भी शेयरों की खरीद बिक्री या किसी भी प्रकार के लेनदेन से रोका गया है.
IPO फंड का गलत इस्तेमाल
जांच में सामने आया कि कंपनी ने मार्च 2023 में जुटाए गए 20.30 करोड़ रुपये में से करीब 18.89 करोड़ रुपये फर्जी या संदिग्ध संस्थाओं को ट्रांसफर किए. इन संस्थाओं में कुछ को प्रमोटर और उनके रिश्तेदारों द्वारा कंट्रोल किया जा रहा था. कंपनी ने फंड उपयोग को लेकर कंट्राडिक्ट्री जानकारी दी और कोई ठोस सबूत नहीं दिया.
फर्जी वेंडर को पेमेंट पेमेंट
कंपनी ने दावा किया कि उसने 12.14 करोड़ रुपये चार वेंडर संस्थाओं को दिए लेकिन इन संस्थाओं के दस्तावेज और बैंक खाते संदिग्ध पाए गए. NSE की जांच में सामने आया कि दिए गए पते पर ऐसी कोई संस्था मौजूद नहीं थी और न ही वहां कोई एग्रीकल्चर एक्टिविटी हो रही थी. कुछ मामलों में पेमेंट जिन खातों में गया वे पूरी तरह अलग संस्थाओं के निकले.
प्रमोटर पर भी गड़बड़ी के आरोप
SEBI ने पाया कि प्रमोटर ग्रुप की हिस्सेदारी मार्च 2023 में 65.59 फीसदी से घटकर सितंबर 2025 में 44.33 फीसदी रह गई. बागल ने सितंबर 2025 में करीब 8.6 लाख शेयर बेचे जो उनकी कुल हिस्सेदारी का 10.71 फीसदी था. इन शेयरों को गलत वित्तीय जानकारियों के आधार पर बेचकर उन्होंने 16.08 करोड़ रुपये की राशि हासिल की.
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जांच के दायरे में और भी IPO
SEBI की यह जांच एक व्यापक समीक्षा का हिस्सा है जिसमें फर्स्ट ओवरसीज कैपिटल लिमिटेड द्वारा हैंडल किए गए कई IPO की जांच की जा रही है. यह समीक्षा मई 2022 से अप्रैल 2025 के बीच की अवधि को कवर करती है. निर्माण एग्रो जेनेटिक्स का IPO भी इसी जांच में शामिल था जो मार्च 2023 में NSE SME प्लेटफॉर्म पर लिस्ट हुआ था.