Lenskart IPO पर Ambit Capital की चेतावनी. लिस्टिंग से पहले दी Sell रेटिंग, GMP 80% टूटा, जानें पूरा गणित
आईवियर कंपनी लेंसकार्ट के बाजार में लिस्ट होने से पहले एंबिट कैपिटल ने "Sell" रेटिंग दी है और इसका टारगेट प्राइस 337 रुपये रखा है, जो इश्यू प्राइस 402 रुपये से 16 फीसदी कम है. ब्रोकरेज ने कहा कि कंपनी की ग्रोथ मजबूत है, लेकिन वैल्यूएशन बहुत ऊंचा है और भारी कैपेक्स के चलते फ्री कैश फ्लो FY28 तक निगेटिव रह सकता है.
Sell rating to Lenskart IPO: भारत की सबसे चर्चित IPO में से एक लेंसकार्ट को मार्केट में आने से पहले ही झटका लगा है. ब्रोकरेज फर्म Ambit Capital ने कंपनी पर “Sell” यानी बेचने की रेटिंग दी है और इसका टारगेट प्राइस 337 रुपये रखा है. यह IPO प्राइस 402 रुपये से करीब 16 फीसदी कम है. साथ ही इस आईपीओ का ग्रे मार्केट प्रीमियम ने भी गोता लगाया है, जो निवेशकों को थोड़ा परेशान कर सकता है.
ग्रोथ अच्छी है, पर वैल्यूएशन बहुत महंगा
ET की रिपोर्ट के अनुसार, Ambit Capital का मानना है कि लेंसकार्ट की लंबे समय में ग्रोथ अच्छी रहेगी, लेकिन फिलहाल इसका शेयर बहुत महंगे दाम पर लॉन्च हो रहा है. यही वजह है कि इसमें अब ज्यादा बढ़त की उम्मीद नहीं दिखती. Ambit ने कहा कि कंपनी के बिजनेस में तो दम है, पर फ्री कैश फ्लो (FCF) अगले 3 साल तक निगेटिव रह सकता है क्योंकि कंपनी को मैन्युफैक्चरिंग और लॉजिस्टिक्स में भारी खर्च करना पड़ेगा.
IPO को मिला शानदार रिस्पॉन्स, पर वैल्यूएशन पर सवाल
लेंसकार्ट का IPO निवेशकों के बीच बहुत लोकप्रिय रहा. इसे 1 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा के बिड्स मिले और यह 28 गुना सब्सक्राइब हुआ. इंस्टिट्यूशनल निवेशकों ने तो इसे 40 गुना से अधिक तक सब्सक्राइब किया. फिर भी, कई एनालिस्ट इसे महंगा सौदा मान रहे हैं. कंपनी का IPO 382–402 रुपये के प्राइस बैंड में था और इससे 7,278 करोड़ रुपये जुटाए गए.
GMP में बड़ी गिरावट
लेंसकार्ट के IPO का ग्रे मार्केट प्रीमियम (GMP) पहले जहां 108 रुपये था, अब यह सिर्फ 16 रुपये रह गया है. यानि लिस्टिंग पर अब सिर्फ 3–4 फीसदी का फायदा मिल सकता है. हालांकि इसमें बदलाव भी हो सकता है.
ग्रोथ तो है, पर खर्च भी बहुत ज्यादा
Ambit के मुताबिक लेंसकार्ट की आय FY25 से FY28 के बीच करीब 20 फीसदी की रफ्तार से बढ़ेगी. EBITDA मार्जिन भी 630 बेसिस पॉइंट तक बढ़ सकता है. लेकिन कंपनी का कैपेक्स (Capex) अगले 3 साल में 2,000 करोड़ रुपये तक रहेगा. अभी इसकी फैक्ट्री सिर्फ 65 फीसदी क्षमता पर काम कर रही है, जबकि इंडस्ट्री औसत 80 फीसदी है. इसलिए Ambit का कहना है कि कंपनी को FY28 तक फ्री कैश फ्लो पॉजिटिव होने में वक्त लगेगा.
वैल्यूएशन की तुलना में कम रिटर्न
Ambit ने कहा कि लेंसकार्ट का वैल्यूएशन बाकी रिटेल कंपनियों से कहीं ज्यादा है. कंपनी का इंडिया बिजनेस 55 गुना FY28 EV/EBITDA पर ट्रेड कर रहा है, जबकि Trent और Nykaa जैसी पीयर कंपनियां 15–30 फीसदी सस्ते हैं. फिर भी लेंसकार्ट की रिटर्न ऑन कैपिटल (RoCE) सिर्फ 9% है, जबकि पीयर कंपनियों की 35–40% है.
दूसरे ब्रोकरेज अब भी पॉजिटिव
Ambit के विपरीत, SBI Securities, Nirmal Bang, और SMIFS जैसी फर्मों ने इसे लंबे समय के लिए “Subscribe” करने की सलाह दी है. इनका कहना है कि कंपनी की ब्रांड वैल्यू, ऑनलाइन और ऑफलाइन नेटवर्क और लाभप्रदता में सुधार इसे मजबूत बनाते हैं. SBI Securities ने कहा था कि लिस्टिंग गेन भले कम मिले, लेकिन लंबे समय में कंपनी के पास बड़ा ग्रोथ अवसर है.
लिस्टिंग पर नजरें टिकीं
लेंसकार्ट का 7,278 करोड़ रुपये का IPO 10 नवंबर को लिस्ट होने जा रहा है. अब देखना यह है कि क्या कंपनी Ambit की चेतावनी के बावजूद बाजार में दमदार शुरुआत कर पाएगी या नहीं. फिलहाल, गिरता GMP, महंगे वैल्यूएशन, और Sell रेटिंग के चलते लिस्टिंग पर उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकता है.
डिस्क्लेमर: इस खबर में GMP से संबंधित जानकारी दी गई है. मनी9लाइव का GMP तय करने से कोई संबंध नहीं है. मनी9लाइव निवेशकों को यह भी सचेत करता है कि केवल जीएमपी के आधार पर निवेश पर फैसला नहीं करें. निवेश से पहले कंपनी के फंडामेंटल जरूर देखें और एक्सपर्ट की सलाह अवश्य लें.
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