अगर लेना चाहते हैं म्‍यूचुअल फंड में न‍िवेश का पूरा फायदा, भूलकर भी न करें ये गलत‍ियां

अल्पकालिक लाभ की उम्मीद के साथ म्यूचुअल फंड में निवेश से स‍िर्फ न‍िराशा ही म‍िलेगी. म्‍यूचुअल फंड हो या कोई और न‍िवेश माध्‍यम तुरंत और ज्‍यादा लाभ का लालच हमेशा खतरनाक साब‍ित होता है. म्‍यूचुअल फंड का पूरा लाभ लेने के ल‍िए जरूरी है आप दीर्घकालिक लक्ष्‍य रखें.

म्यूचुअल फंड का पूरा फायदा उठाने के लिए यह जरूरी है कि निवेशक धैर्य रखें और अनुसाशन के साथ निवेश करें. Image Credit: Freepick

क्‍या आपकी भी यही श‍िकायत है क‍ि म्‍यूचुअल फंड में क‍िए गए न‍िवेश पर कोई खास र‍िटर्न नहीं म‍िला. अक्‍सर ऐसे ज्‍यादातर मामलों में कम र‍िटर्न का कारण फंड का खराब प्रदर्शन नहीं होता है, बल्‍क‍ि न‍िवेशकों के गलत कदम और जल्‍दबाजी होती है. म्यूचुअल फंड निवेश को बड़े वित्तीय लक्ष्यों को लंबे समय में हास‍िल करने का सबसे बेहतरीन तरीका माना जाता है. ये फंड महंगाई को मात देते हुए पर्याप्‍त रिटर्न देने की क्षमता रखते हैं. इसके साथ ही जोखिम प्रबंधन का व‍िकल्‍प भी रहता है. हालांकि, पूरा लाभ लेने के लिए यह जरूरी है आप धैर्य रखें और तय लक्ष्‍यों के पर अड़‍िग रहें. इसके साथ ही कुछ गलत‍ियां हैं, जो आपके न‍िवेश के ल‍िहाज से अपने पैरों पर कुल्‍हाड़ी मारने की तरह हैं, ज‍िनसे आपको हर हाल में बचना चाह‍िए. आइए जानते हैं क्‍या हैं ये गलत‍ियां.

तुरंत लाभ के लालच से रहें दूर

अगर आपको अपने न‍िवेश पर तुरंत लाभ चाह‍िए, तो म्‍यूचुअल फंड आपके ल‍िए नहीं हैं. म्‍यूचुअल फंड लंबे समय में बड़ा लाभ देने की क्षमता रखते हैं, लेक‍िन अल्पकालिक लाभ की उम्मीद के साथ म्यूचुअल फंड में निवेश से स‍िर्फ न‍िराशा ही म‍िलेगी. म्‍यूचुअल फंड हो या कोई और न‍िवेश माध्‍यम तुरंत और ज्‍यादा लाभ का लालच हमेशा खतरनाक साब‍ित होता है. म्‍यूचुअल फंड का पूरा लाभ लेने के ल‍िए जरूरी है आप दीर्घकालिक लक्ष्‍य रखें.

बाजार के उतारचढ़ाव से हताश न हों

सबसे पहले तो आप अपने जोख‍िम की क्षमता के आधार पर म्‍यूचुअल फंड का चुनाव करें. इसके अलावा बाजार के उतार-चढ़ाव से हताश न हों, क्‍योंक‍ि बाजार में उतार-चढ़ाव के दौरान आवेग में आकर कोई फैसला करना नुकसान पहुंचा सकता है. बाजार के उतार-चढ़ाव का सामना करने के ल‍िए समय-समय पर अनुकूल कीमतों पर ज्‍यादा यूनिट खरीदते रहें और दीर्घकालिक लक्ष्‍यों पर ट‍िके रहें.

न‍िवेश के लिए बनाकर रखें पर्याप्त फंड

म्यूचुअल फंड निवेश से अगर बड़े लक्ष्‍य हास‍िल करना चाहते हैं, तो भविष्‍य की जरूरतों के अनुपात में अपना न‍िवेश बढ़ाते रहें. इसके अलावा न‍िवेश के एक फंड बनाकर रखें, ताक‍ि अनुकूल कीमतों पर न‍िवेश कर पाएं. म‍िसाल के तौर पर अगर आपका लक्ष्‍य अगले 20 वर्षों में 1 करोड़ रुपये का फंड बनाना है, तो यह हर महीने 1,000 रुपये या एकमुश्‍त 1 लाख रुपये का एकमुश्त निवेश करना आसान लग सकता है। लेक‍िन, यह लक्ष्य हास‍िल करने को न्‍यूनतम 7,550 रुपये मासिक या 6.1 लाख रुपये का एकमुश्त योगदान जरूरी है.

बारबार निकासी और एसआईपी बंद करने से बचें

सिस्टमैटिक इन्‍वेस्‍टमेंट स्‍कीम (एसआईपी) के तहत अपने न‍िवेश को अचानक रोकना और बार-बार फंड से धन की न‍िकासी की आदत को तुरंत बदल डालें, क्‍योंक‍ि ऐसा करते रहने से आप कभी अपने लक्ष्‍य हास‍िल नहीं कर पाएंगे. एसआईपी की नियम‍ितता निवेश लागत के औसत को अनुकूल बनाने में अहम होती हैं. वहीं, बार-बार न‍िकासी से चक्रवृद्धि बढ़ोतरी के लाभ से चूक जाते हैं.

बारबार फंड बदलने से बचें

कई बार न‍िवेशक महसूस करते हैं उन्‍होंने ज‍िस फंड में न‍िवेश क‍िया है, उसका प्रदर्शन अच्‍छा नहीं है. इसकी वजह से वे लगातार अपने फंड बदलते हैं. विवेकपूर्ण तरीका यह है कि फंड के प्रदर्शन के लिए 2-3 साल की न्यूनतम मूल्यांकन अवधि को ध्‍यान में रखें, क्‍योंक‍ि फंड का प्रदर्शन चक्रों के अधीन होता है, जो पोर्टफोलियो के निर्माण और फंड मैनेजरों के विश्वास से आकार लेता है। बार-बार फंड बदलने पर अच्‍छे अवसरों से चूक जाते हैं, कई बार जिस फंड से निकलते हैं, वह शीर्ष प्रदर्शन पर पहुंच जाता है, जबक‍ि नए फंड में गिरावट आ रही होती है.

अतीत का प्रर्दशन अच्‍छे भव‍िष्‍य की गारंटी नहीं

अक्‍सर निवेशक ऐसे फंड की तरफ ज्‍यादा आकर्षित होते हैं, जिन्होंने अतीत में बेहतर प्रदर्शन किया होता है. एक सजग न‍िवेशक का यह ध्‍यान में रखना चाह‍िए क‍ि ऐतिहासिक परिणामों के आधार पर भविष्य की उपलब्धियां तय नहीं हो सकती हैं. ल‍िहाज जब निवेश करें, तो बदलते वक्‍त को ध्‍यान में रखकर ऐसे फंड में न‍िवेश करें, तो आने वाले समय को ध्‍यान में रखकर विवेकपूर्ण रणनीति के साथ बनाया गया है.