गोल्ड फंड्स Vs इक्विटी फंड्स: सोने की चमक ने शेयरों को पछाड़ा, 1 साल में दिया 31 फीसदी का रिटर्न
Gold Mutual Fund और लार्ज-कैप इक्विटी फंड्स दोनों में निवेश के अपने फायदे और नुकसान हैं. हाल के वर्षों में गोल्ड फंड्स ने अच्छा प्रदर्शन किया है, खासकर 1 साल और 3 साल की अवधि में. वहीं, इक्विटी फंड्स ने लंबी अवधि में बेहतर प्रदर्शन किया है.

Gold Mutual Fund: सोने की कीमतें जिस तेजी से भाग रही हैं उसके बाद म्यूचुअल फंड निवेशकों की इसमें दिलचस्पी बढ़ गई है. अगर आप भी सोच रहे हैं कि गोल्ड फंड्स और इक्विटी फंड्स में से कौन बेहतर है, तो हाल के आंकड़ों से आपको इसका जवाब मिलेगा, क्योंकि गोल्ड म्यूचुअल फंड्स ने बीते समय में जबरदस्त प्रदर्शन किया है, खासकर 3 महीने, 1 साल और 3 साल के अंतराल में. वहीं इक्विटी फंड्स ने लॉन्ग टर्म में बाजी मारी है. चलिए आपको दोनों के बारे में और उनके प्रदर्शन के बारे में बताते हैं.
फाइनेंशियल एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, गोल्ड म्यूचुअल फंड्स (39 स्कीमें) के औसत रिटर्न इस प्रकार रहे:
- 3 महीने: 12.66%
- 1 साल: 31.46%
- 3 साल (CAGR): 22.41%
- 5 साल (CAGR): 14.44%
- 10 साल (CAGR): 12.43%
वहीं लार्ज-कैप इक्विटी फंड्स (173 स्कीमें) के औसत रिटर्न रहे:
- 3 महीने: 11.24%
- 1 साल: 7.56%
- 3 साल (CAGR): 17.51%
- 5 साल (CAGR): 21.19%
- 10 साल (CAGR): 12.57%
गोल्ड फंड्स के रिटर्न काफी हद तक फिजिकल गोल्ड की कीमतों से सीधे जुड़े होते हैं. इसलिए, इनमें स्कीम-टू-स्कीम अंतर कम रहता है. वहीं इक्विटी फंड्स की परफॉर्मेंस फंड मैनेजर के स्टॉक सिलेक्शन पर बहुत निर्भर करती है और यही वजह है कि औसत और टॉप फंड्स के बीच का फर्क बड़ा होता है.
तुलना
तीन महीने और एक साल की अवधि में कोई भी लार्ज-कैप इक्विटी फंड ऐसा नहीं था जो गोल्ड फंड की औसत परफॉर्मेंस को पछाड़ सके. गोल्ड फंड ने जहां 1 साल में 31.46% का औसत रिटर्न दिया, वहीं सबसे अच्छा लार्ज-कैप फंड सिर्फ 26.43% तक पहुंच सका.
तीन साल की अवधि में केवल 5 इक्विटी स्कीमें ऐसी थीं जो गोल्ड फंड्स से बेहतर कर पाई. बाकी 168 स्कीमें पीछे रह गई.
लेकिन 5 साल की तस्वीर बिल्कुल उलट है. सभी 173 लार्ज-कैप फंड्स ने गोल्ड फंड्स से बेहतर रिटर्न दिया. यहां सबसे कमजोर इक्विटी स्कीम ने भी 17.45% का रिटर्न दिया, जबकि गोल्ड फंड्स का औसत 14.44% ही था. पर ध्यान देने वाली बात ये है कि कोविड के बाद शेयर बाजार की तेजी ही इसका कारण.
10 साल की अवधि में दोनों लगभग बराबर हैं. कुछ गिनी-चुनी इक्विटी स्कीमें ही गोल्ड फंड्स को पूरी तरह पछाड़ पाई.
गोल्ड म्यूचुअल फंड्स के फायदे
- आर्थिक संकट या वैश्विक तनाव के समय सुरक्षित निवेश
- महंगाई से बचाव
- इक्विटी की तुलना में कम उतार-चढ़ाव
- कैपिटल की सुरक्षा के लिए उपयुक्त
- बुज़ुर्ग या कम रिस्क लेने वाले निवेशकों के लिए बेहतर विकल्प
गोल्ड फंड्स के रिस्क
- शॉर्ट टर्म में गोल्ड की कीमतों में तेज उतार-चढ़ाव हो सकता है
- कोई नियमित इनकम नहीं मिलती (न ब्याज, न डिविडेंड)
- ज्यादा निवेश करने से लंबी अवधि में ग्रोथ के मौके छूट सकते हैं
- सरकारी नीतियां और डॉलर में उतार-चढ़ाव कीमतों को प्रभावित कर सकते हैं
लार्ज-कैप इक्विटी फंड्स के फायदे
- देश की बड़ी कंपनियों में निवेश का मौका
- लंबी अवधि में संपत्ति बनाने की क्षमता
- आर्थिक विकास और कंपनियों के मुनाफे से फायदा
- कुछ फंड्स डिविडेंड भी देते हैं
- मध्यम जोखिम उठाने वालों के लिए उपयुक्त
इक्विटी फंड्स के रिस्क
- फंड की परफॉर्मेंस बाजार की अस्थिरता से प्रभावित हो सकती है
- मैनेजर की रणनीति और स्टॉक सिलेक्शन पर निर्भरता
- कोई निश्चित रिटर्न नहीं होता, बाजार चक्र से जुड़ा होता है
- कम से कम 5–10 साल का निवेश समय चाहिए
बेहतर कौन?
हाल के वर्षों में गोल्ड फंड्स ने औसतन अच्छा प्रदर्शन किया है, इसका ये मतलब नहीं कि सारा पैसा सिर्फ गोल्ड में ही लगा दें. पिछला रिटर्न देखकर निवेश कर देना सही नहीं है. वहीं, लार्ज-कैप इक्विटी फंड्स लंबे समय में महंगाई को हराने और पैसा बनाने में मददगार होते हैं. इसलिए समझदारी इसी में है कि सिर्फ किस एसेट में निवेश करें ये सोचने के बजाय ये तय करें कि कौन-से एसेट में कितना निवेश करना है.
डिस्क्लेमर: म्यूचुअल फंड निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है. सभी योजना से जुड़े दस्तावेज ध्यान से पढ़ें. किसी भी फंड में निवेश से पहले सर्टिफाइड फाइनेंशियल एडवाइजर से सलाह लें.
Latest Stories

मुकेश अंबानी के म्यूचुअल फंड में निवेश का मौका, JioBlackRock ला रही NFO, जानें- कौन करेगा मैनेज

2 में से 1 म्यूचुअल फंड ने डुबोया पैसा, 167 फंड्स ने दिया नेगेटिव रिर्टन, क्या आपने भी किया है निवेश

Mutual Fund: 25 या 30 साल की उम्र वाले कैसे जमा कर सकते हैं 10 करोड़, जानें हर महीने कितने रुपये की करनी होगी SIP
