SIP हो या लंपसम, इस हेल्थकेयर फंड ने 2 साल में दिया दमदार रिटर्न, 17% CAGR से बढ़ा पैसा; शेयरहोल्डिंग में दिग्गज कंपनियां
कोटक हेल्थकेयर फंड ने अपने दो साल पूरे करते हुए निवेशकों को मजबूत रिटर्न दिया है. फंड ने करीब 17 फीसदी CAGR के साथ निवेशकों की पूंजी बढ़ाई है और नवंबर 2025 तक इसका AUM 481 करोड़ रुपये से अधिक पहुंच गया है. फार्मा, हॉस्पिटल और हेल्थकेयर सेक्टर पर केंद्रित यह फंड लंबी अवधि के निवेशकों के लिए आकर्षक विकल्प बनकर उभरा है.
Kotak Healthcare Fund Return and AUM: हेल्थकेयर सेक्टर में निवेश करने वाले निवेशकों के लिए यह खबर खास हो सकती है. कोटक हेल्थकेयर फंड ने अपने दो साल पूरे करते हुए शानदार प्रदर्शन दर्ज किया है. नवंबर 2025 के आखिर तक इस फंड का एसेट अंडर मैनेजमेंट (AUM) 481 करोड़ रुपये से ज्यादा पहुंच चुका है, जो निवेशकों के बढ़ते भरोसे को दर्शाता है. इस खबर में हम आपको इस फंड और रिटर्न से जुड़ी तमाम जानकारियां देने वाले हैं.
दो साल में कैसा रहा रिटर्न?
पिछले दो साल में इस फंड ने निवेशकों को करीब 17 फीसदी का सालाना रिटर्न (CAGR) दिया है. अगर किसी निवेशक ने दो साल पहले इसमें 10,000 रुपये का एकमुश्त निवेश यानी लंपसम किया होता, तो आज उसकी वैल्यू बढ़कर करीब 13,738 रुपये हो गई होती. वहीं, SIP निवेशकों के लिए भी फंड का प्रदर्शन काफी मजबूत रहा है. हर महीने 10,000 रुपये की SIP के जरिए कुल 2.4 लाख रुपये निवेश करने पर यह रकम बढ़कर करीब 2,60,842 रुपये हो गई, जो लगभग 8.23 फीसदी CAGR को दर्शाता है.
किन सेक्टर्स में करता है निवेश?
कोटक हेल्थकेयर फंड उन कंपनियों में निवेश करता है, जो फार्मा, हेल्थकेयर और उससे जुड़े सेक्टरों में काम कर रही हैं. यह फंड बॉटम-अप अप्रोच अपनाता है, जिसमें कंपनी के बिजनेस मॉडल, मैनेजमेंट की क्वालिटी और वैल्यूएशन का गहराई से आकलन किया जाता है. इसका मकसद ऐसे स्टॉक्स चुनना होता है, जो सही कीमत पर बेहतर ग्रोथ दे सकें. फंड को स्मॉल, मिड और लार्ज कैप- तीनों तरह की कंपनियों में निवेश की पूरी आजादी है, जिससे पोर्टफोलियो में संतुलन बना रहता है.
पोर्टफोलियो में किन दिग्गज स्टॉक्स पर भरोसा?
फंड के पोर्टफोलियो में कई जानी-मानी हेल्थकेयर कंपनियां शामिल हैं. इनमें सन फार्मा, मैक्स हेल्थकेयर, जेबी केमिकल्स, डिवीज लैब्स, सिप्ला, लुपिन, अपोलो हॉस्पिटल्स, फोर्टिस हेल्थकेयर, जुबिलेंट फार्मोवा और अक्यूटास केमिकल्स जैसे नाम शामिल हैं. नीचे देखें स्टॉक के साथ उसकी हिस्सेदारी.
| कंपनी का नाम (Stock Name) | नेट एसेट्स में हिस्सेदारी (%) |
|---|---|
| Sun Pharmaceuticals Industries Ltd. | 14.44% |
| Max Healthcare Institute Ltd. | 7.84% |
| JB Chemicals & Pharmaceuticals Ltd. | 5.92% |
| Divi’s Laboratories Ltd. | 5.38% |
| Cipla Ltd. | 4.77% |
| Lupin Ltd. | 4.10% |
| Apollo Hospitals Enterprises Ltd. | 4.03% |
| Fortis Healthcare India Ltd. | 3.81% |
| Acutaas Chemicals Ltd. | 3.43% |
| Jubilant Pharmova Ltd. | 3.17% |
फार्मा और हेल्थकेयर सेक्टर पर नजर
भारतीय फार्मा बाजार लगातार हाई सिंगल डिजिट ग्रोथ दिखा रहा है. बेहतर तरीके से संचालित कंपनियां बाजार से भी तेज रफ्तार से आगे बढ़ रही हैं और उनकी मुनाफे की स्थिति भी मजबूत बनी हुई है. खासतौर पर क्रॉनिक थेरेपी में मजबूत ब्रांड बनाने वाली कंपनियां तेजी से ग्रोथ कर रही हैं. अमेरिका में जेनेरिक दवाओं की कीमतों का दबाव अब काफी हद तक स्थिर हो चुका है, हालांकि US टैरिफ को लेकर अनिश्चितता अभी भी बनी हुई है. इसी वजह से फंड इस सेगमेंट में फिलहाल संतुलित रुख अपनाए हुए है. वहीं, डोमेस्टिक ब्रांडेड जेनेरिक्स और CDMO (Contract Development and Manufacturing Organisation) को लेकर फंड का नजरिया पॉजिटिव है. देश में हेल्थकेयर की पहुंच और किफायती इलाज बढ़ने से इन क्षेत्रों में स्ट्रक्चरल ग्रोथ देखने को मिल रही है.
रिस्क और खर्च का क्या है हाल?
रिस्क के लिहाज से फंड का बीटा 0.97 है, जो बताता है कि इसका उतार-चढ़ाव बाजार के आसपास ही रहता है. स्टैंडर्ड डेविएशन 16.40 फीसदी और शार्प रेशियो 0.66 इसे एक संतुलित रिस्क-रिटर्न प्रोफाइल देता है. खर्च की बात करें तो डायरेक्ट प्लान का एक्सपेंस रेशियो 0.74 फीसदी है, जबकि रेगुलर प्लान का 2.34 फीसदी.
| मेट्रिक | वैल्यू |
|---|---|
| Standard Deviation | 16.40% |
| Beta | 0.97 |
| Sharpe Ratio | 0.66 |
| Portfolio Turnover | 23.66% |
| Portfolio P/E | 41.04 |
| Portfolio P/BV | 5.70 |
अस्पताल और डायग्नॉस्टिक्स पर फोकस
कोटक हेल्थकेयर फंड का झुकाव हॉस्पिटल और चुनिंदा डायग्नोस्टिक कंपनियों की ओर भी है. अस्पताल सेक्टर में ग्रोथ को संरचनात्मक माना जा रहा है, हालांकि कुछ कंपनियों के वैल्यूएशन पर सतर्कता बरती जा रही है. अस्पतालों की इनकम में ARPOB (Average Revenue per Operating Bed) में सुधार और नए बेड्स की संख्या बढ़ने से ग्रोथ को मजबूती मिल रही है. आने वाले समय में बेड एडिशन का मजबूत पाइपलाइन मौजूद है, जिसमें ज्यादातर ब्राउनफील्ड एक्सपेंशन शामिल है. इससे अस्पतालों को तेजी से ब्रेक-ईवन हासिल करने और बेहतर RoCE पाने में मदद मिलती है.
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डिस्क्लेमर: Money9live किसी स्टॉक, म्यूचुअल फंड, आईपीओ में निवेश की सलाह नहीं देता है. यहां पर केवल स्टॉक्स की जानकारी दी गई है. निवेश से पहले अपने वित्तीय सलाहकार की राय जरूर लें.
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