Jio Blackrock मुकेश अंबानी का असली इम्तिहान, 29 वें नंबर पर कंपनी, SBI-ICICI दूर की कौड़ी

टेलीकॉम से लेकर रिटेल सेक्‍टर में अपनी पकड़ बनाने वाले मुकेश अंबानी अब म्‍यूचुअल फंड इंडस्‍ट्री में अपना दबदबा कायम करना चाहते हैं. इसके लिए जियो ने ब्‍लैकरॉक के साथ मिलकर एनएफओ पेश किया है, एयूएम के मामले में ये टॉप म्‍यूचुअल फंड्स में 29वें पायदान पर पहुंच चुका है. अब देखना होगा कि क्‍या मुकेश अंबानी की कंपनी टॉप पर मौजूद फंड हाउसेस को टक्‍कर दे पाएगी या नहीं.

jio blackrock क्‍या मचाएगा म्‍यूचुअल फंड इंडस्‍ट्री में तहलका? Image Credit: money9

Jio Blackrock: टेलीकॉम से लेकर रिटेल सेक्‍टर में अपनी धाक जमाने वाले मुकेश अंबानी अब म्‍यूचुअल फंड इंडस्‍ट्री में अपना सिक्‍का जमाने की तैयारी में हैं. यही वजह है कि उनकी कंपनी जियो फाइनेंशियल सर्विसेज और ग्‍लोबल एसेट मैनेजमेंट ब्लैकरॉक ने ज्‍वाइंट वेंचर में न्यू फंड ऑफर्स (NFO) लॉन्‍च किया है. इसके जरिए उन्‍होंने 17,800 करोड़ रुपये जुटाए हैं. इसी के साथ कंपनी एक झटके में भारत के टॉप 30 फंड हाउसेज में 29वें पायदान पर पहुंच गई. मगर अंबानी के लिए अब असली चुनौती ये है कि क्‍या जियो-ब्‍लैकरॉक की जोड़ी देश की 72.3 ट्रिलियन रुपये की म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री में तहलका मचा पाएगी. क्‍या वो AUM की रेस में टॉप पर मौजूद SBI और ICICI प्रूडेंशियल को टक्‍क्‍र दे पाएगी और इसके लिए वो क्‍या रणनीति अपनाएगी.

क्‍या है जियो ब्लैकरॉक का प्‍लान?

म्‍यूचुअल फंड की इस दुनिया में 47 फंड हाउसेज हैं, जिनमें टॉप 10 खिलाड़ी 77% AUM पर कब्जा जमाए बैठे हैं. ऐसे में जियो ब्लैकरॉक की नजर इस लिस्ट में तेजी से ऊपर आने पर है, और इसके लिए अंबानी अपने विशाल टेलीकॉम नेटवर्क को सबसे बड़ा हथियार बनाना चाहते हैं. मिंट की रिपोर्ट के मुताबिक मई 2025 तक रिलायंस जियो के पास 475 मिलियन मोबाइल सब्सक्राइबर्स थे, जो भारत में सबसे ज्यादा है. कंपनी का प्लान है कि जियो फाइनेंस ऐप के जरिए इन यूजर्स को म्यूचुअल फंड निवेश की ओर आकर्षित किया जाए. इस काम में ब्लैकरॉक की मशहूर इनवेस्टमेंट और रिस्क मैनेजमेंट टेक्नोलॉजी अहम भूमिका निभाएगी.

टॉप फंड हाउसेस में किस पायदान पर जियो ब्‍लैकरॉक?

अप्रैल-जून 2025 (Q1 FY26) के दौरान AUM के आधार पर म्यूचुअल फंड हाउसों की रैंकिंग दी गई है, जिसमें जियो ब्लैकरॉक का 29वां स्थान है.

रैंकम्यूचुअल फंड हाउसAUM (₹ करोड़)
1एसबीआई1,14,094
2आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल94,247
3एचडीएफसी82,861
4निप्पोन इंडिया61,272
5कोटक महिंद्रा51,934
6आदित्य बिरला सन लाइफ40,3479
7यूटीआई36,0867
8एक्सिस33,5607
9मिराए एसेट19,8328
10डीएसपी19,7541
29जियो ब्लैकरॉक17,800

छोटे शहरों को साधने पर नजर

पिछले दशक में म्यूचुअल फंड की पहुंच मेट्रो शहरों से बढ़कर छोटे शहरों और कस्बों तक फैली है. सितंबर 2017 में टॉप 35 शहर 90% AUM के लिए रिस्‍पॉसिबल थे, लेकिन मार्च 2025 तक यह हिस्सा घटकर 70% रह गया. छोटे शहरों में बढ़ती हिस्सेदारी को ही भुनाने पर अंबानी की नजर है. ऐसे में जियो-ब्‍लैकरॉक 500 रुपये जैसे छोटे टिकट साइज वाले SIP के जरिए नए निवेशकों को जोड़ने की योजना बना रही है. अंबानी ये योजना खासकर उन इलाकों में शुरू करने पर जोर दे रहे हैं जहां जियो का टेलीकॉम बेस मजबूत है.

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फाइनेंस सर्विसेज में पकड़ मजबूत करने की तैयारी

मुकेश अंबानी के लिए म्यूचुअल फंड वेंचर में एंट्री का मकसद फाइनेंस सर्विसेज में अपनी मौजूदगी को मजबूत करना है. उनकी कंपनी जियो फाइनेंशियल पहले से ही इस फील्‍ड में हैं. अगस्त 2023 में लिस्टेड इस कंपनी का मार्केट कैपिटलाइजेशन 2.03 ट्रिलियन रुपये है, जो FY25 के 2,079 करोड़ रुपये के रेवेन्‍यू का लगभग 100 गुना है. मार्जिन ट्रेडिंग में उछाल भारतीय निवेशकों के बुलिश मूड को दर्शाता है. ऐसे में निवेशकों को बेहतर फाइनेंशियल सर्विसेज देने और इसका विस्‍तार करने पर कंपनी फोकस कर रही है.