सिल्वर ETF की चमक गायब, 8 दिनों में 19% की गिरावट; खरीदें या मुनाफा करें बुक? जानें क्या कहते हैं एक्सपर्ट

कुछ समय पहले तक चांदी की कीमतें आसमान छू रही थीं, लेकिन अब इसमें भारी गिरावट देखने को मिल रही है. 15 अक्टूबर के बाद से चांदी के ETF में लगभग 19 फीसदी की कमी आई है. चांदी के ETF में हाल की गिरावट ने निवेशकों को सोचने पर मजबूर कर दिया है. लेकिन लंबे समय के नजरिए से चांदी में निवेश आकर्षक हो सकता है, क्योंकि इसकी मांग औद्योगिक और निवेश दोनों क्षेत्रों में मजबूत बनी हुई है.

सिल्वर ETF की चमक गायब Image Credit: Money 9 Live

Silver ETFs crash 19%: सिल्वर में जोरदार तेजी के बाद अब ये लगातर नीचे की तरफ गिरता जा रहा है. इसी के साथ सिल्वर ETF की चमक भी फीकी पड़ गई है. कुछ समय पहले तक चांदी की कीमतें आसमान छू रही थीं, लेकिन अब इसमें भारी गिरावट देखने को मिल रही है. 15 अक्टूबर के बाद से चांदी के ETF में लगभग 19 फीसदी की कमी आई है. ग्लोबल मार्केट में भी चांदी की कीमतें 7.1 फीसदी गिर चुकी हैं, क्योंकि अमेरिकी डॉलर मजबूत हुआ है और कमोडिटी बाजार में सतर्कता बढ़ गई है. इससे पहले 20 अक्टूबर को चांदी के एक्सचेंज ट्रेडेड फंड्स में 7 फीसदी तक की बड़ी गिरावट दर्ज की गई. दीवाली की छुट्टियों के बाद गुरुवार को जब बाजार फिर से खुलेंगे तो कीमतों में और गिरावट की आशंका है.

चांदी की कीमतों का मौजूदा हाल

भारत में MCX पर चांदी की कीमत मुहूर्त ट्रेडिंग सेशन में 0.22 फीसदी यानी 327 रुपये गिरकर 150000 रुपये प्रति किलो पर आ गई. बाजार बुधवार सुबह तक बंद थे और अब गुरुवार शाम को जब ट्रेडिंग शुरू होगी, तो कीमतों में और गिरावट देखने को मिल सकती है. इस बीच, आदित्य बिड़ला सन लाइफ सिल्वर ETF फंड ऑफ फंड, HDFC म्यूचुअल फंड ने नए निवेश शुरू करने की घोषणा की है. यह फैसला इसलिए लिया गया, क्योंकि ETF अब पहले की तरह प्रीमियम पर नहीं बल्कि वैश्विक कीमतों से कम पर ट्रेड कर रहे हैं. यह इस बात का संकेत है कि बाजार में स्पेकुलेशन का दौर खत्म हो रहा है.

क्यों गिरी कीमतें?

पिछले कुछ दिनों में सोने और चांदी की कीमतों में लगातार दो सत्रों में भारी गिरावट आई. इसका कारण अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प का यह बयान है कि उनकी चीनी राष्ट्रपति के साथ जल्द मुलाकात नहीं हो सकती. इससे ट्रेड वॉर के जल्द खत्म होने की उम्मीदें टूट गईं. चांदी और सोने की कीमतों में तेजी कई कारणों से थी, जैसे ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद, कमजोर डॉलर, बॉन्ड यील्ड में कमी, केंद्रीय बैंकों की खरीदारी और सुरक्षित निवेश की मांग.

क्या कहते हैं एक्सपर्ट?

मोतीलाल ओसवाल कमोडिटी रिसर्च के अनुसार, निकट भविष्य में चांदी की कीमतें 50-55 डॉलर प्रति औंस के दायरे में रह सकती हैं. लेकिन साल 2026 तक यह 75 डॉलर और साल 2027 तक 77 डॉलर तक पहुंच सकती हैं. अगर अमेरिकी डॉलर और भारतीय रुपये का exchange rate 90 रुपये मानें, तो यह भारत में लगभग 2.4 लाख रुपये प्रति किलो के बराबर होगा. बैंक ऑफ अमेरिका भी चांदी पर पॉजिटिव है और उसका टारगेट 65 डॉलर प्रति औंस है. हालांकि, अगले साल चांदी की मांग में 11 फीसदी की कमी आ सकती है, लेकिन सप्लाई शॉर्टेज की वजह से कीमतों को सहारा मिलेगा.

ब्रोकरेज फर्म की रिपोर्ट के मुताबिक इस साल सिल्वर ने जनवरी से जून तक 35 डॉलर प्रति औंस को पार किया, सितंबर में इसने 14 साल के उच्च स्तर 44.11 डॉलर प्रति औंस को छुआ और अक्टूबर में 51.30 डॉलर प्रति औंस के साथ नया रिकॉर्ड बनाया. चांदी की कीमतें इस साल सोने से 1.7 गुना तेजी से बढ़ी. .

क्या करें निवेशक?

अगर आप चांदी के ETF में निवेश कर रहे हैं, तो यह समझना जरूरी है कि मौजूदा गिरावट एक करेक्शन हो सकता है. अगर आप लंबे समय के लिए निवेश करना चाहते हैं, तो यह गिरावट खरीदने का अच्छा मौका हो सकता है, क्योंकि एक्सपर्ट का मानना है कि चांदी की कीमतें भविष्य में बढ़ेंगी. लेकिन अगर आपने पहले ऊंची कीमतों पर निवेश किया है और मुनाफा कमाना चाहते हैं, तो आप अपने निवेश का कुछ हिस्सा बेच सकते हैं.

डेटा सोर्स: MCX, Motilal Oswal Commodity Research

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डिस्क्लेमर: Money9live किसी स्टॉक, म्यूचुअल फंड, आईपीओ या डेरिवेटिव में निवेश की सलाह नहीं देता है. यहां पर केवल जानकारी दी गई है. निवेश से पहले अपने वित्तीय सलाहकार की राय जरूर लें