8वें वेतन आयोग के टर्म ऑफ रेफरेंस पर बढ़ा विवाद, पेंशनर्स ने उठाए सवाल, जल्द लागू करने की मांग हुई तेज
8वें वेतन आयोग के ToR जारी होने के बाद लागू होने की तारीख न जोड़ने पर कर्मचारी और पेंशनर्स नाराज हैं. संगठनों का कहना है कि 1 जनवरी 2026 से लागू होने की घोषणा जरूरी है. Bharat Pensioners Samaj ने सरकार को पत्र लिखकर पेंशन को बोझ बताने वाले शब्द हटाने, OPS-NPS की समीक्षा करने और GDS को शामिल करने की मांग की है.
8th Pay Commission: केंद्र सरकार ने 3 नवंबर को 8वें वेतन आयोग के लिए टर्म ऑफ रेफरेंस जारी कर दिए थे, लेकिन इसमें लागू होने की तारीख का जिक्र नहीं है. इसी वजह से सरकारी कर्मचारी और पेंशनर्स में चिंता बढ़ गई है. सभी को उम्मीद थी कि 1 जनवरी 2026 से नए वेतन और पेंशन नियम लागू हो जाएंगे. लेकिन तारीख का उल्लेख न होने की वजह से कई संगठनों ने सरकार को पत्र लिखा है. उनका कहना है कि इससे कर्मचारियों और पेंशनर्स के हित प्रभावित होंगे.
लागू करने की तारीख को लेकर सवाल
कर्मचारी संगठनों का कहना है कि अब तक चौथे से 7वें वेतन आयोग की सिफारिशें 10 साल के अंतराल पर 1 जनवरी से लागू होती रही हैं. ऐसे में 8वां वेतन आयोग भी 1 जनवरी 2026 से ही लागू करने की घोषणा होनी चाहिए. ToR में तारीख गायब होने से कर्मचारियों में संशय बढ़ गया है.
पेंशनर्स संगठन ने जताई नाराजगी
भारत पेंशनर्स समाज ने प्रधानमंत्री और वित्त मंत्री को पत्र भेजा है. उनका कहना है कि पेंशन को बोझ के रूप में दिखाना गलत है. ToR से अनफंडेड कॉस्ट शब्द हटाया जाए और पेंशन संशोधन से जुड़ी शर्तें जोड़ी जाए. पेंशन संविधानिक अधिकार है और इसे कमजोर करने की कोशिश गलत है.
OPS और NPS की समीक्षा की मांग
देश भर में 26 लाख से ज्यादा कर्मचारी पुरानी पेंशन योजना लागू करने की मांग कर रहे हैं. BPS का कहना है कि 8th CPC को OPS, NPS और यूनिफाइड पेंशन स्किम की समीक्षा कर बेहतर विकल्प देना चाहिए. संगठन का कहना है कि स्वायत्त संस्थानों और ग्रामीण डाक सेवकों को भी 8th CPC का लाभ दिया जाए. GDS को पोस्टल सिस्टम की रीढ़ बताते हुए उन्हें शामिल करने पर जोर दिया गया है.
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महंगाई से राहत के लिए इंटरिम राहत की मांग
BPS ने तुरंत 20 फीसदी अंतरिम राहत देने की अपील की है. उनका तर्क है कि महंगाई बढ़ रही है और आयोग की सिफारिशें लागू होने में समय लगेगा. ऐसे में कर्मचारियों और पेंशनर्स का मनोबल बढ़ाने के लिए यह कदम जरूरी है.
स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार की जरूरत
पेंशनर्स संगठन ने CGHS में कई सुधार सुझाए हैं. इसमें सभी जिलों तक वेलनेस सेंटर बढ़ाने और कैशलेस इलाज की सुविधा शामिल है. साथ ही स्वायत्त संस्थानों के कर्मचारियों को भी स्वास्थ्य योजनाओं में शामिल करने की मांग की गई है.
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