
Multiple Saving Accounts: जानें मैनेज करने का गोल्डर रूल, सेविंग्स के लिए बेस्ट तरीका
अक्सर लोग अलग-अलग बैंकों में कई सेविंग अकाउंट खोल लेते हैं, लेकिन फिर उनके मन में यह सवाल उठता है कि क्या मल्टीपल सेविंग अकाउंट्स रखना सही है या नहीं. दरअसल, ज्यादा अकाउंट्स रखने से मेंटेनेंस चार्ज, मिनिमम बैलेंस की शर्तें और ट्रैकिंग की दिक्कतें बढ़ सकती हैं. ऐसे में एक गोल्डन रूल है जिसे अपनाकर आप न सिर्फ अपना पैसा सुरक्षित रख सकते हैं, बल्कि बिना झंझट के अकाउंट्स को मैनेज भी कर पाएंगे. यह नियम कहता है कि जितनी आपकी ज़रूरत है, उतने ही सेविंग अकाउंट्स रखें. आमतौर पर 2 से 3 अकाउंट्स से ज्यादा रखने से फाइनेंशियल डिसिप्लिन बिगड़ने का खतरा होता है. एक अकाउंट को रोज़मर्रा के खर्चों के लिए, दूसरे को सेविंग्स या इन्वेस्टमेंट से लिंक करने के लिए और अगर जरूरत हो तो तीसरे को किसी स्पेशल पर्पज़ जैसे होम लोन या इमरजेंसी फंड के लिए इस्तेमाल करें. इससे आपका पैसा भी सुरक्षित रहेगा और वित्तीय प्रबंधन आसान होगा.
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