
जनधन खातों पर फ्रॉड का शक क्यों? बैंक उठा रहे हैं ये कदम
सरकार ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को प्रधानमंत्री जन-धन योजना के तहत खोले गए निष्क्रिय खातों को बंद करने की सलाह दी है. मामले से अवगत लोगों के अनुसार, इन खातों का उपयोग धोखाधड़ी के माध्यम से प्राप्त धन को इधर-उधर ले जाने या उसे वैध बनाने के लिए किया जा रहा है. इस मामले से अवगत सूत्रों के हवाले से अखबार ने कहा कि ऋणदाताओं को कहा गया है कि अगर उनका इस्तेमाल नहीं हो रहा है तो वे खातों को चालू न रखें क्योंकि उनका दुरुपयोग हो सकता है. बैंकर पुनः केवाईसी प्रक्रियाओं का पालन करके निष्क्रिय खातों को फिर से सक्रिय करने के लिए कदम उठा रहे हैं. हालांकि, अगर लाभार्थी रुचि नहीं लेते हैं तो खाते बंद किए जा रहे हैं.
जनधन खातों में से ज्यादातर खाते देश के ग्रामीण इलाकों से हैं. भारतीय रिजर्व बैंक ने पिछले कुछ सालों में इन खातों के जरिए धोखाधड़ी के बढ़ते खतरे से निपटने के लिए कई कदम उठाए हैं और इन पर नजर रखने के लिए ‘म्यूल हंटर’ पहल शुरू की है. पिछले साल 2024 में सरकार की वित्तीय समावेशन योजना ने 53 करोड़ से अधिक लाभार्थियों के साथ एक दशक पूरा कर लिया था.