
FY26: टैक्स कलेक्शन बढ़ा, लेकिन कहां अटक गया Income Tax का Refund?
वित्त वर्ष 2025-26 (FY26) में भारत की नेट डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन 9.18 फीसदी बढ़कर 10.82 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गई है. इस बढ़ोतरी का मुख्य कारण कंपनियों द्वारा एडवांस टैक्स भुगतान में आई तेजी है. हालांकि, इस दौरान इनकम टैक्स रिफंड में बड़ी गिरावट दर्ज की गई है. वित्त वर्ष 2025-26 में अब तक केवल 1.61 लाख करोड़ रुपये का रिफंड जारी किया गया है, जो पिछले साल की तुलना में 24 फीसदी कम है.
कई टैक्सपेयर्स शिकायत कर रहे हैं कि उनका ITR प्रोसेस होने के बावजूद रिफंड क्रेडिट में देरी हो रही है. विशेषज्ञों का मानना है कि सरकार टैक्स कलेक्शन टारगेट को हासिल करने और रेवेन्यू घाटा कम करने के लिए डिडक्शंस और क्लेम्स की कड़ी जांच कर रही है. इसी कारण रिफंड प्रोसेसिंग की स्पीड धीमी हुई है. कॉरपोरेट और इंडिविजुअल टैक्स कलेक्शन में इजाफा हुआ है, लेकिन रिफंड जारी करने की सख्त जांच ने टैक्सपेयर्स की परेशानी बढ़ा दी है. सरकार टैक्स बेस को मजबूत करने और राजस्व में पारदर्शिता सुनिश्चित करने की दिशा में आगे बढ़ रही है.
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