कौन सा फॉर्म भरें? ITR-1, ITR-2, ITR-3 या ITR-4; सभी के लिए अलग-अलग है नियम

ITR दाखिल करने के लिए अलग-अलग ITR फॉर्म होते हैं, जो आपकी इनकम के स्रोत और टैक्सपेयर्स की कैटेगरी पर निर्भर करते हैं. ITR-1 सिर्फ वेतनभोगियों और एक घर की इनकम वालों के लिए है, जबकि ITR-2 में कैपिटल गेन्स और एक से अधिक घर की इनकम शामिल होती है.

ITR दाखिल करने के लिए अलग-अलग ITR फॉर्म होते हैं. Image Credit: CANVA

ITR Forms: ITR दाखिल करना हर टैक्सपेयर्स की जिम्मेदारी होती है. लेकिन बहुत से लोगों को यह समझ नहीं आता कि उन्हें कौन सा ITR फॉर्म भरना चाहिए. इनकम के सोर्स, कुल इनकम और आपकी स्थिति के आधार पर अलग-अलग फॉर्म होते हैं. यदि आप नौकरी करते हैं, बिजनेस करते हैं या पेशे से जुड़े हैं, तो आपके लिए अलग ITR फॉर्म लागू होते हैं. यहां हम सरल शब्दों में समझा रहे हैं कि ITR-1, ITR-2, ITR-3 और ITR-4 में से कौन सा फॉर्म आपको भरना चाहिए.

ITR-1 सहज किसके लिए है

ITR-1 उन लोगों के लिए है जिनकी कुल सालाना इनकम पचास लाख रुपये से कम है और इनकम का सोर्स सिर्फ नौकरी, एक घर से किराया और अन्य इनकम है जैसे ब्याज या डिविडेंड. यदि आपके पास एक से अधिक घर है या आपने म्यूचुअल फंड या शेयरों से बड़ी पूंजी कमाई की है, तो आप यह फॉर्म नहीं भर सकते. विदेशी संपत्ति या कंपनी में डायरेक्टर होने पर भी ITR-1 लागू नहीं होता.

ITR-2 कौन भर सकता है

ITR-2 उन लोगों के लिए है जिनकी इनकम वेतन, एक से अधिक घर,कैपिटल प्रॉफिट या अन्य स्रोतों से आती है लेकिन वे व्यापार या पेशे से नहीं जुडे़ हैं. यदि आपने शेयर, म्यूचुअल फंड या प्रॉपर्टी से लाभ कमाया है तो आपको यह फॉर्म भरना चाहिए. यह फॉर्म HUF यानी हिंदू अविभाजित परिवार भी भर सकते हैं.

ITR-3 व्यापार और पेशे के लिए

ITR-3 उन लोगों के लिए है जो व्यापार करते हैं या किसी पेशे जैसे डॉक्टर, वकील या सलाहकार के रूप में काम करते हैं. इसके अलावा अगर आपके पास अनलिस्टेड शेयर हैं या आप किसी कंपनी के डायरेक्टर हैं, तो भी ITR-3 भरना होगा. यदि आप प्रेजम्प्टिव टैक्सेशन स्कीम में नहीं आते तो यह फॉर्म आपके लिए है.

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ITR-4 सुगम छोटे व्यापारियों और प्रोफेशनल्स के लिए

ITR-4 प्रेजम्प्टिव इनकम स्कीम वालों के लिए है. इसमें छोटे व्यापारी, प्रोफेशनल्स और ट्रक ऑपरेटर आते हैं जिनका टर्नओवर दो करोड़ रुपये से कम होता है. यदि आपकी इनकम डिजिटल पेमेंट से आती है और पेशे से जुडे हैं जैसे डॉक्टर या इंजीनियर और सालाना इनकम पचास लाख से कम है, तो यह फॉर्म सही है. LLP इसमें शामिल नहीं होती.

लेखक टैक्स और इंवेस्टमेंट एक्सपर्ट हैं.