NPS निकासी के बदले नियम: सरकार ने लिया बड़ा फैसला, लेकिन क्या पेंशन होगी कम?

नेशनल पेंशन सिस्टम यानी NPS से जुड़े नियमों में बड़ा बदलाव किया गया है. पेंशन रेगुलेटर Pension Fund Regulatory and Development Authority ने नॉन-गवर्नमेंट सेक्टर के सब्सक्राइबर्स को राहत देते हुए एग्जिट के समय लंपसम निकासी की सीमा बढ़ा दी है. नए नियमों के तहत अब कुल कॉर्पस का 80 प्रतिशत तक पैसा एकमुश्त निकाला जा सकता है, जबकि पहले यह सीमा कम थी. इसके साथ ही एन्युटी में निवेश की अनिवार्यता घटाकर 20 प्रतिशत कर दी गई है.

PFRDA (Exits and Withdrawals under NPS) Amendment Regulations, 2025 के अनुसार अब प्राइवेट सब्सक्राइबर्स के लिए अलग से 5 साल का लॉक-इन तय नहीं किया गया है. इसका मतलब है कि एग्जिट प्रोसेस पहले से ज्यादा लचीला हो गया है. हालांकि, ज्यादा लंपसम निकासी का मतलब यह भी हो सकता है कि रिटायरमेंट के बाद मिलने वाली रेगुलर पेंशन कम हो जाए. इसलिए निवेशकों को फैसला लेते समय टैक्स, भविष्य की जरूरतों और मासिक आय का संतुलन जरूर देखना चाहिए.