अब ऑनलाइन भरिए ITR-3 फॉर्म, शेयर बाजार, क्रिप्टो और बिजनेस से कमाई करने वालों को फायदा
आयकर विभाग ने ITR-3 फॉर्म भरने वाले करदाताओं को बड़ी राहत दी है. अब शेयर मार्केट, बिजनेस, फ्रीलांस, या अन्य स्रोतों से मोटी कमाई करने वाले लोग ऑनलाइन ई-फाइलिंग कर सकेंगे. यह सुविधा 50 लाख से अधिक आय वालों, साझेदारी फर्म या HUF सदस्यों के लिए है. 30 जुलाई को शुरू हुई इस पहल से रिटर्न दाखिल करना आसान होगा.
The Income Tax Department has activated online filing for ITR-3: इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने उन टैक्स पेयर्स को राहत दी है, जो रिटर्न फाइल करने के लिए ITR-3 फॉर्म भरते हैं. इस कैटेगरी के टैक्सपेयर्स अब ऑनलाइन तरीके से रिटर्न फाइल कर पाएंगे. आमतौर पर शेयर मार्केट या बिजनेस से मोटी कमाई करने वालों को ITR – 3 फॉर्म भरना पड़ता है. 30 जुलाई को विभाग ने बताया कि अब इस कैटेगरी में रिटर्न दाखिल करने वाले लोग भी इसे ऑनलाइन यानी ई-फाइलिंग कर पाएंगे.
यह भी पढ़ें: ITR में गलत जानकारी पड़ सकती है भारी, पहली बार फाइल करने वाले करते हैं ये 8 बड़ी गलतियां; ऐसे बचें
किन्हें मिलेगा लाभ?
आयकर विभाग ने ITR-3 फॉर्म को ऑनलाइन फाइल करने की सुविधा शुरू की है. जिन लोगों की कमाई का स्रोत व्यापार, फ्रीलांस, शेयर ट्रेडिंग (Intraday या F&O), अनलिस्टेड शेयर में निवेश, किराया, ब्याज या डिविडेंड है, उन्हें इसका लाभ मिलेगा. साथ ही, जो लोग साझेदारी फर्म या HUF के सदस्य हैं और व्यावसायिक आय रखते हैं, उन्हें भी ITR-3 दाखिल करना होगा. यह फॉर्म उन व्यक्तियों के लिए है जिनकी कुल आय 50 लाख रुपये से अधिक है.
सही फॉर्म का चयन करें
ITR फॉर्म 7 तरह के होते हैं. यह ITR-1, ITR-2, ITR-3, ITR-4, ITR-5, ITR-6, ITR-7 के नाम से जाना जाता है. विभिन्न इनकम ग्रुप के लोग अलग-अलग फॉर्म भरते करते हैं. नीचे दिए गए टेवल में आप यह समझ सकते हैं कि आईटीआर फाइल करते समय आपको इन 7 फॉर्म में कौन सा फॉर्म भरना चाहिए.
ITR फॉर्म | किसके लिए |
---|---|
ITR-1 | व्यक्ति जिनकी आय ₹50 लाख तक हो, वेतन/पेंशन, एक घर से आय, अन्य स्रोत से आय |
ITR-2 | जिनकी आय ₹50 लाख से ज्यादा हो, पूंजीगत लाभ, एक से ज्यादा मकान, विदेशी संपत्ति/आय, डायरेक्टर हों या शेयर होल्डर हों |
ITR-3 | बिजनेस या प्रोफेशन से आय, क्रिप्टो इनकम, शेयर बाजार , फर्म के पार्टनर |
ITR-4 | निवासी व्यक्ति या HUF जिनकी आय ₹50 लाख तक हो, और जिनकी आय प्रीसंपटिव स्कीम के तहत हो (जैसे धारा 44AD, 44ADA, 44AE) |
ITR-5 | फर्म, LLP, AOP, BOI के लिए |
ITR-6 | कंपनियां जो धारा 11 के तहत छूट नहीं लेती |
ITR-7 | वे व्यक्ति या संस्थाएँ जो विशेष सेक्शन (139(4A), 139(4B), 139(4C), 139(4D)) के अंतर्गत फाइल करती हैं |
यह भी पढ़ें: CBDT ने दी राहत, पिछले साल फाइल हुए ITR की प्रोसेसिंग चूक पर देगा ब्याज, नए सिरे से होगा रिटर्न का काम