क्या 25000 की सैलरी में बैंक देगा कर्ज? जानें लोन का पूरा फंडा
कोई भी बैंक या वित्तीय कंपनी, किसी को कर्ज देने से पहले उसके फाइनेंशियल बैकग्राउंड को जांचती है. पर्सनल लोन के लिए सैलरी एक अहम फैक्टर होता है जिसकी जांच बैंक करता है.

लोगों की जरूरतें असीम हैं. उनको पूरा करने के लिए वह पैसे कमाते हैं. लेकिन कई बार कुछ ऐसी स्थितियों की आमद हो जाती है जिसकी पूर्ति लोगों की तय कमाई से नहीं हो पाती है. उस स्थिति में लोग बैंक से पर्सनल लोन लेने पर विचार करते हैं. लेकिन कई बार लोगों के पांव, दिमाग में आने वाले तमाम संकोचों के कारण रुक जाते हैं जैसे- बैंक लोन देगा या नहीं, मेरी सैलरी कहीं कम तो नहीं है. अब हम आपको बताते हैं कि किसी को लोन देने से पहले बैंक क्या सोचता है.
बैंक कैसे देता है लोन?
आमतौर पर बैंक उन लोगों को लोन देने में संकोच नहीं करता जो सैलरीड क्लास से आते हैं. बैंक को ये लगता है कि सैलरीड लोग समय से कर्ज को चुका देते हैं क्योंकि उनके खाते में एक तय अवधि में पैसे आते रहते हैं. बैंक या नॉन-बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनी (NBFC) को स्टेबल इनकम वाले लोगों से अधिक उम्मीद होती है. एक जरूरी बात, बैंक केवल सैलरी के आधार पर ही लोन नहीं देता है. कर्ज देने से पहले बैंक बॉरोअर को कई फैक्टर के आधार पर जांचता भी है.
पर्सनल लोन लेने के लिए मिनिमम सैलरी कितनी होनी चाहिए
अलग-अलग बैंक के लिए न्यूनतम आय का फंडा अलग हो सकता है. कोई भी बैंक या वित्तीय कंपनी, किसी को कर्ज देने से पहले उसके फाइनेंशियल बैकग्राउंड को जांचती है. पर्सनल लोन के लिए सैलरी एक अहम फैक्टर होता है जिसकी जांच बैंक करता है. हालांकि अलग-अलग बैंकों के लिए आय के अलग फैक्टर होते हैं. कुछ बैंक न्यूनतम 25,000 रुपये से 30,000 रुपये आय वाले बॉरोअर को पर्सनल लोन देता है वहीं, कुछ वित्तीय कंपनी या बैंक पर्सनल लोन के लिए 10,000 रुपये की आय पर भी लोन दे देते हैं.
आय क्यों होती है जरूरी?
बॉरोअर की कमाई के आधार पर ही बैंक या वित्तीय संगठन ये अंदाजा लगाते हैं कि उनको कितने का लोन दिया जा सकता है. आपकी सैलरी जितनी अधिक होगी, आपके लोन की राशि उतनी ही ज्यादा होने की संभावना है. कम आय वाले लोगों को आमतौर पर कम राशि वाले पर्सनल लोन मिलते हैं.
किन आधारों पर न्यूनतम आय तय होती है
पर्सनल लोन के लिए न्यूनतम मासिक सैलरी, बॉरोअर के स्थान के आधार पर भी बदलती रहती है. अगर वह मेट्रो या टियर 1 शहर में रहता है तब पर्सनल लोन के लिए न्यूनतम आय अधिक होनी चाहिए. वहीं, बॉरोअर अगर टियर 2, टियर 3 शहरों, कस्बों और ग्रामीण क्षेत्रों में रहता है तब न्यूनतम आय की राशि कम होगी. इसके अलावा बॉरोअर के जॉब प्रोफाइल पर भी न्यूनतम आय निर्भर करता है. लोन देने से पहले बैंक बॉरोअर के जॉब प्रोफाइल का आकलन करते हैं.
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