अब नहीं कर पाएंगे रजिस्टर्ड पोस्ट, एक सितंबर से केवल स्पीड पोस्ट, जानें कितना लगेगा पैसा

भारतीय डाक विभाग ने घोषणा की है कि 1 सितंबर 2025 से रजिस्टर्ड पोस्ट और स्पीड पोस्ट को एकसाथ कर दिया जाएगा. अब रजिस्टर्ड पोस्ट की सेवाएं स्पीड पोस्ट के तहत मिलेंगी. प्रूफ ऑफ डिलीवरी जैसी सुविधाएं वैल्यू-एडेड सेवाएं होंगी, जिनके लिए एक्स्ट्रा चार्ज देना होगा. इससे डिलीवरी ट्रैकिंग और सुविधा दोनों में सुधार होगा.

डाक विभाग Image Credit: Getty image

India Post: अगर आप किसी जरूरी दस्तावेज को सुरक्षित तरीके से भेजने के लिए अब तक रजिस्टर्ड पोस्ट का इस्तेमाल करते थे, तो जरूरी खबर है. दरअसल, भारतीय डाक विभाग (Department of Posts) ने घोषणा की है कि 1 सितंबर 2025 से रजिस्टर्ड पोस्ट और स्पीड पोस्ट को एक साथ मिला दिया जाएगा. यानी इस तारीख के बाद घरेलू रजिस्टर्ड पोस्ट भेजना चाहें तो वह स्पीड पोस्ट के रूप में ही भेजी जाएगी. डाक विभाग ने इस फैसले को लेकर कहा है कि इसका मकसद डाक सेवाओं को और अधिक सुगम बनाना, ट्रैकिंग सिस्टम को बेहतर करना और ग्राहकों को एक साथ सेवा के तहत ज्यादा सुविधा देना है. यह बदलाव देशभर में लागू होगा.

अब तक क्या होता था?

अभी तक भारतीय डाक विभाग की रजिस्टर्ड पोस्ट और स्पीड पोस्ट दोनों सेवाएं अलग-अलग मिलती है. रजिस्टर्ड पोस्ट का इस्तेमाल तब किया जाता है जब किसी जरूरी दस्तावेज, चिट्ठी या पैकेट को सुरक्षित, ट्रैक योग्य और रिसीवर के सिग्नेचर के साथ डिलीवर करना जरूरी होता है. यह सेवा खासतौर पर तब उपयोगी होती है जब यह सुनिश्चित करना होता है कि भेजी गई चीज सही व्यक्ति तक सुरक्षित पहुंची या नहीं.

वहीं स्पीड पोस्ट भारतीय डाक विभाग (India Post) की एक तेज और निश्चित समय सीमा में डिलीवरी देने वाली सेवा है. यह सेवा मुख्य रूप से लेटर, डॉक्यूमेंट और पार्सलों को जल्दी, ट्रैकिंग सुविधा के साथ, देश या विदेश में भेजने के लिए इस्तेमाल की जाती है.

1 सितंबर 2025 के बाद क्या होगा बदलाव?

1 सितंबर 2025 के बाद रजिस्टर्ड पोस्ट का लेबल हटा दिया जाएगा. सभी डाक सामग्री जिन्हें अब तक रजिस्टर्ड पोस्ट के तहत भेजा जाता था, अब स्पीड पोस्ट के जरिए भेजी जाएंगी. साथ ही स्पीड पोस्ट में प्रूफ ऑफ डिलीवरी और स्पेशल डिलीवरी जैसे फीचर अब वैल्यू-एडेड सेवा के तौर पर मिलेंगे.

सर्विस में बदलाव का असर हमारे ऊपर कैसे पड़ेगा?

अगर आप अब तक रजिस्टर्ड पोस्ट का इस्तेमाल ट्रैकिंग और रिसीवर के सिग्नेचर के लिए करते थे, तो अब स्पीड पोस्ट का विकल्प लेना होगा. अब आपको यह सुनिश्चित करना होगा कि आप डाक भेजते समय प्रूफ ऑफ डिलीवरी की सुविधा शामिल कर रहे हैं या नहीं. क्योंकि इसके लिए हमें अलग से चार्ज देना होगा.

स्पीड पोस्ट क्या है?

स्पीड पोस्ट एक एक्सप्रेस सेवा है जो लेटर और पार्सलों को तेज और समय पर डिलीवर करने के लिए बनाई गई है.
इसमें 35 किलो तक के सामान भेजा जा सकता है.

स्पीड पोस्ट से कितना लगता है चार्ज?

वजनस्थानीय (Local) रुपये में200 किमी तक
रुपये में
201 से 1000 किमी (रुपये में)1001 से 2000 किमी (रुपये में) 2000 किमी से ज्यादा (रुपये में)
50 ग्राम तक1535353535
51-200 ग्राम2535406070
201-500 ग्राम3050608090
500 ग्राम से अधिक पर1015304050

वहीं अगर आप चाहते हैं कि डिलीवरी का प्रमाण (Proof of Delivery – POD) भी मिले, तो इसके लिए हमें 10 रुपये एक्सट्रा देना होगा. हालांकि ये चार्ज टैक्स को छोड़कर हैं, यानी सरकार समय-समय पर टैक्स जोड़ सकती है.

वॉक-इन कस्टमर्स के लिए Speed Post पर कितनी छूट ?

एक दिन की कुल बुकिंग राशि स्पीड पोस्ट पर छूट दर
₹2,000 से ₹1,00,000 तक5% छूट
₹1,00,000 से अधिक10% छूट

हालांकि इस बात का ध्यान रहे कि यह डिस्काउंट उसी पते से भेजे गए सभी बुकिंग्स पर लागू होती है, चाहे एक दिन में कितनी भी बुकिंग की गई हो. यह सुविधा उन ग्राहकों के लिए है जो सीधे पोस्ट ऑफिस जाकर बुकिंग कराते हैं (Walk-in Customers).

स्पीड पोस्ट डिलीवरी में कितना समय लगता है?

डिलीवरी एरिया लगने वाला औसत समय
लोकल (Local)1–2 दिन
मेट्रो से मेट्रो (Metro to Metro)1–3 दिन
राज्य की राजधानी से दूसरी राज्य की राजधानी1–4 दिन
एक ही राज्य के भीतर1–4 दिन
देश के बाकी हिस्सों में4–5 दिन

क्या होती है Local डिलीवरी ?

लोकल उस डिलीवरी को कहा जाता है जो एक ही शहर या पिन कोड के भीतर हो. इसके 3 प्रकार होते हैं,

मेट्रो शहरों में:

  • अगर सामान उसी मेट्रो सिटी के पिन कोड में बुक और डिलीवर हो रहा है.

नॉन-मेट्रो शहरों में:

  • अगर डिलीवरी नगरपालिका सीमा (Municipality Limit) के अंदर ही है, जैसे छोटे शहर या कस्बे.

कस्बे या ग्रामीण इलाके:

  • अगर डिलीवरी उसी PIN कोड एरिया में हो रही है, जहां कोई निर्धारित टाउन एरिया नहीं है (Mufussil या Kasba टाइप).

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