नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट दिसंबर में होगा शुरू, 2026 में उड़ेंगी अंतरराष्ट्रीय फ्लाइट्स

नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट (Jewar Airport) इस साल दिसंबर में शुरू होने जा रहा है. यह दिल्ली-एनसीआर का दूसरा बड़ा एविएशन हब बनेगा. हालांकि, अंतरराष्ट्रीय उड़ानें यहां से अगले साल यानी 2026 की पहली छमाही में शुरू होंगी. यह जानकारी एयरपोर्ट के सीईओ क्रिस्टोफ श्नेलमैन ने दी है.

नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट Image Credit: money9live.com

नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट (NIA) इस साल दिसंबर में परिचालन के लिए तैयार हो जाएगा. हालांकि, अंतरराष्ट्रीय उड़ानें इस नए हवाईअड्डे से 2026 की पहली छमाही में ही शुरू होंगी. एयरपोर्ट के सीईओ क्रिस्टोफ श्नेलमैन ने बताया कि शुरुआती चरण में हवाईअड्डे से सीमित समय के लिए घरेलू उड़ानें संचालित होंगी, जिन्हें बाद में रात की सेवाओं तक बढ़ाया जाएगा.

श्नेलमैन ने कहा, हम अपने ऑपरेशंस को धीरे-धीरे बढ़ाने की योजना बना रहे हैं, जिसमें यात्रियों की सुरक्षा, विश्वसनीयता और बेहतर अनुभव को ध्यान में रखा गया है. उन्होंने कहा हमारे लॉन्च कैरियर्स इंडिगो, एयर इंडिया एक्सप्रेस और अकासा होंगे.

फाइनल चेक और सर्टिफिकेशन प्रक्रिया

डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन (DGCA) ने इस हफ्ते एयरपोर्ट पर कैलीब्रेशन फ्लाइट्स शुरू की हैं, जिनका मकसद एयर नेविगेशन एड्स, रनवे लाइटिंग और दूसरी सिस्टम्स की जांच करना है. यह परीक्षण हवाईअड्डे के ऑपरेटिंग लाइसेंस मिलने से पहले का अंतिम चरण है. इसके बाद इस साल के अंत तक NIA से वाणिज्यिक सेवाएं शुरू हो जाएंगी.
गोवा के मोपा एयरपोर्ट की तरह, नोएडा एयरपोर्ट भी चरणबद्ध तरीके से परिचालन शुरू करेगा. गोवा के मोपा एयरपोर्ट ने जनवरी 2023 में घरेलू उड़ानें शुरू की थीं और छह महीने बाद अंतरराष्ट्रीय उड़ानें शुरू कीं. इसी तरह, जल्द खुलने जा रहा नवी मुंबई एयरपोर्ट भी पहले करीब 60 दैनिक उड़ानों से शुरुआत करेगा और कुछ महीनों में इसे दोगुना करेगा.

2026 में ग्लोबल ऑपरेशंस की तैयारी

श्नेलमैन ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय सेवाएं तभी शुरू होंगी जब घरेलू और 24 घंटे का संचालन पूरी तरह स्थिर हो जाएगा. उन्होंने कहा, हम शुरुआत में घरेलू उड़ानों से संचालन शुरू करेंगे, जिसमें सुरक्षा और यात्री अनुभव प्राथमिकता में होंगे. जब यह चरण स्थिर हो जाएगा, तब हम 24 घंटे का ऑपरेशन शुरू करेंगे और फिर अंतरराष्ट्रीय उड़ानें जोड़ेंगे, जिसकी उम्मीद मुझे 2026 की पहली छमाही या अगले साल की शुरुआत में है.

इसके बाद एयरपोर्ट का ऑपरेशनल रेडीनेस एंड एयरपोर्ट ट्रांसफर (ORAT) अभ्यास किया जाएगा, जो एक अंतरराष्ट्रीय मान्यता प्राप्त प्रक्रिया है. इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि सभी सिस्टम, उपकरण और कर्मचारी पूरी तरह तैयार हों. इंटरनेशनल एयर ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन (IATA) के अनुसार, ORAT यह सुनिश्चित करता है कि सुविधाएं, सिस्टम और उपकरण पूरी तरह ऑपरेशनल हों और स्टाफ प्रशिक्षित होकर नई परिस्थितियों में काम करने में सक्षम हों.

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