नोएडा अथॉरिटी का बड़ा फैसला, 12 साल में घर ना बनाने पर रद्द होगा प्लॉट का अलॉटमेंट; जानें कारण
नोएडा अथॉरिटी ने फैसला लिया है कि 12 साल तक खाली पड़े आवासीय प्लॉट्स की अलॉटमेंट रद्द कर दी जाएगी. निर्माणाधीन प्लॉट्स को छह महीने की मोहलत दी जाएगी. अधिकारियों के अनुसार कई प्लॉट्स पर आंशिक निर्माण कर Completion Certificate हासिल किया गया है ताकि बाद में प्रीमियम पर बेचा जा सके. नई नीति का उद्देश्य जमीन का सही उपयोग सुनिश्चित करना, हाउसिंग जरूरतों को पूरा करना और डेवलपर्स और मालिकों की जिम्मेदारी बढ़ाना है.

Noida Authority: नोएडा अथॉरिटीने शुक्रवार को एक बड़ा फैसला लिया है. जिसके तहत 12 साल से अधिक समय तक खाली पड़े रहने वाले आवासीय प्लॉट्स की अलॉटमेंट रद्द की जाएगी.नए नियम के अनुसार जिन लोगों ने अपने प्लॉट पर 12 साल में घर नहीं बनाया, वे मालिकाना हक खो देंगे.जिनकी निर्माण प्रक्रिया चल रही है उन्हें छह महीने की अतिरिक्त समय सीमा दी जाएगी.यह कदम जमीन का सही उपयोग सुनिश्चित करने और अवैध जमाखोरी रोकने के लिए उठाया गया है.
अलॉटमेंट कैंसिल की प्रक्रिया
अधिकारियों के अनुसार वर्तमान में 17 प्लॉट ऐसे हैं जिनमें 12 साल की सीमा पूरी हो चुकी है और निर्माण पूरा नहीं हुआ है.इनमें से 9 प्लॉट पर कोई निर्माण नहीं हुआ है और इन्हें जल्द ही रद्द किया जा सकता है.पिछले एक साल से अथॉरिटी ऐसे मालिकों को चेतावनी दे रहा है.कई प्लॉट पर सिर्फ आंशिक निर्माण कर Completion Certificate लेने का प्रयास किया गया है ताकि बाजार में बाद में प्रीमियम पर बेच सकें.नए नियमों का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि भूमि का उपयोग शहर की बढ़ती हाउसिंग जरूरतों के अनुसार हो.
डेवलपर्स पर कड़ी कार्रवाई
साथ ही बोर्ड ने उन डेवलपर्स के लिए ब्याज छूट समाप्त करने का निर्णय लिया जो राज्य सरकार की स्टॉल्ड लेगसी हाउसिंग प्रोजेक्ट नीति के तहत अपनी जिम्मेदारियों को पूरा नहीं कर पाए.अधिकारियों के अनुसार 10 प्रोजेक्ट प्रमोटर्स ने कोई भूमि शुल्क नहीं भरा, 25 ने आंशिक भुगतान किया और 35 ने केवल आरंभिक 25 फीसदी ही भरा.ये अधूरे प्रोजेक्ट्स हजारों होमबायर्स को प्रभावित कर रहे हैं.2023 की नीति के तहत डेवलपर्स को 25 फीसदी अग्रिम भुगतान करने पर ब्याज छूट दी गई थी.
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यूनिफॉर्म रेगुलेशंस और इंफ्रास्ट्रक्चर योजनाएं
बोर्ड ने यूनिफाइड रेगुलेशंस 2025 को भी अपनाया जिससे नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास अथॉरिटीमें नियम समान होंगे.नए प्लॉट अलॉटमेंट के लिए ब्रोशर भी मंजूर किए गए हैं.इसके अलावा, मुबारकपुर सेक्टर 145 में 300 टन दैनिक क्षमता वाला इंटीग्रेटेड सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट, सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट्स का रेट्रोफिटिंग और 11 छोटे नालों की सफाई के लिए मंजूरी दी गई है.सेक्टर 143 में नया पुलिस स्टेशन और सार्वजनिक परियोजनाओं की निगरानी के लिए मोबाइल एप लॉन्च करने का भी फैसला लिया गया है.
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