अगर आपको भी प्राइवेट फोटो वायरल करने की मिल रही धमकी, तो अपनाएं ये आसान टिप्स, ऐसे रहें सेफ
इंटरनेट ने जीवन को सरल बनाया है, पर साइबर उत्पीड़न एक गंभीर खतरा बनकर उभरा है. युवा और महिलाएं अक्सर इसकी चपेट में आ रहे हैं. धमकी, ब्लैकमेल और अश्लील संदेश भेजना इसके आम तरीके हैं. सरकार ने भी इस संबंध में चेतावनी जारी की है. आइए समझते हैं कि यह क्या है, कैसे होता है और इससे कैसे बचा जा सकता है.

Online Cyber Fraud: इंटरनेट और सोशल मीडिया ने जहां हमारी जिंदगी को आसान बनाया है, वहीं कुछ लोग इसका इस्तेमाल दूसरों को परेशान करने, ब्लैकमेल करने और मानसिक रूप से आहत करने के लिए भी कर रहे हैं. ऑनलाइन उत्पीड़न या साइबर हैरासमेंट के मामले लगातार बढ़ रहे हैं, जिसमें युवा और महिलाएं विशेष रूप से शिकार बन रही हैं. सरकार ने इसे लेकर चेतावनी भी जारी की है. आइए जानते हैं कि यह ठगी क्या है, कैसे होती है और इससे कैसे बचा जा सकता है.
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ऑनलाइन उत्पीड़न क्या है?
ऑनलाइन उत्पीड़न में किसी व्यक्ति को धमकाना, गाली-गलौज करना, अश्लील संदेश भेजना, निजी तस्वीरों या जानकारी का गलत इस्तेमाल करना, फर्जी प्रोफाइल बनाना, ब्लैकमेल करना या सोशल मीडिया पर बार-बार परेशान करने जैसे कृत्य शामिल है. यह एक प्रकार की साइबर ठगी है जिसका उद्देश्य पीड़ित को मानसिक और भावनात्मक रूप से नुकसान पहुंचाना होता है.
कैसे होता है ऑनलाइन उत्पीड़न?
अनजान लोगों से मैसेज या फ्रेंड रिक्वेस्ट – कई बार अनजान लोग फर्जी प्रोफाइल बनाकर पीड़ित से जुड़ते हैं और उन्हें गलत तरीके से संदेश भेजते हैं.
निजी जानकारी का दुरुपयोग – कुछ मामलों में हैकर्स या जानकार लोग पीड़ित की निजी तस्वीरें, वीडियो या डिटेल्स हासिल करके उन्हें सार्वजनिक करने या ब्लैकमेल करने की धमकी देते हैं.
अपमानजनक कमेंट्स और ट्रोलिंग – सोशल मीडिया पोस्ट्स पर अपमानजनक टिप्पणियां करना, धमकी भरे संदेश भेजना या मजाक उड़ाना भी उत्पीड़न की कैटेगरी में आता है.
फिशिंग लिंक्स – कई बार उत्पीड़क भरोसा दिलाकर पीड़ित को फिशिंग लिंक भेजते हैं, जिससे उनके अकाउंट की जानकारी चुराई जा सके.
कैसे बचें ऑनलाइन उत्पीड़न से?
- प्राइवेसी सेटिंग्स मजबूत रखें – सोशल मीडिया अकाउंट्स को प्राइवेट रखें और अनजान लोगों को फ्रेंड रिक्वेस्ट स्वीकार करने से बचें.
- ब्लॉक और रिपोर्ट करें – यदि कोई व्यक्ति आपको परेशान कर रहा है, तो तुरंत उसे ब्लॉक करें और प्लेटफॉर्म पर रिपोर्ट करें.
- सबूत सुरक्षित रखें – उत्पीड़न के सभी मैसेज, कमेंट्स या मैटेरियल का स्क्रीनशॉट लेकर रखें.
- साइबर क्राइम हेल्पलाइन का उपयोग करें – ऐसी घटनाओं की सूचना हेल्पलाइन नंबर 1930 पर दें या वेबसाइट cybercrime.gov.in पर रिपोर्ट दर्ज कराएं.
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