इन 5 स्टॉक्स पर नहीं होगा ट्रंप टैरिफ का असर! निवेशकों को दिया 766% तक का रिटर्न; देखें पूरी लिस्ट
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ नीतियों और बयानों से दुनियाभर के बाजारों में उतार-चढ़ाव आता है, लेकिन भारत के ये 5 स्टॉक्स ऐसे हैं जिन पर इसका कोई असर नहीं होगा. घरेलू बिजनेस मॉडल और डाइवर्सिफाइड ऑपरेशन्स के दम पर ये कंपनियां लंबे समय में निवेशकों को मल्टीबैगर रिटर्न दे सकती हैं. देखें सूची.

Trump Tariff and Safe Stocks: ग्लोबल पॉलिटिक्स और आर्थिक नीतियों के उतार-चढ़ाव का असर हमेशा शेयर बाजार में देखने को मिलता है. हाल ही में अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के आयात शुल्क (टैरिफ) पर लगातार बदलते रुख ने निवेशकों को और भी उलझा दिया है. कभी वे नए टैरिफ लगाने की धमकी देते हैं, तो अगले ही हफ्ते उन्हें वापस ले लेते हैं. नतीजा यह होता है कि शेयर बाजार एक हफ्ते में ऊपर भी जाता है और अगले हफ्ते नीचे भी. ऐसे माहौल में सिर्फ टैरिफ से जुड़ी खबरों पर आधारित निवेश करना, मानो गीली रेत पर इमारत बनाने जैसा है- जिसमें स्थिरता और सुरक्षा की कोई गारंटी नहीं होती.
ऐसे समय में समझदारी यही है कि निवेशक उन कंपनियों पर ध्यान दें, जिनका कारोबार टैरिफ पर निर्भर नहीं है और जिनकी आमदनी का स्रोत मुख्य रूप से घरेलू या ऐसे बाजारों से आता है जो इस तरह की नीतिगत उठापटक से प्रभावित नहीं होते. आपको उन्हीं में से कुछ कंपनियों की जानकारी देने वाले हैं.
Bharti Airtel
भारती एयरटेल इसका एक बेहतरीन उदाहरण है. यह कंपनी एशिया और अफ्रीका के 17 देशों में एक्टिव है और 590 मिलियन से अधिक ग्राहकों को सेवाएं देती है. भारत में इसके पास मोबाइल नेटवर्क से लेकर ब्रॉडबैंड, DTH और एंटरप्राइज सॉल्यूशंस तक का बड़ा पोर्टफोलियो है, जबकि अफ्रीका में यह अधिकांश देशों में शीर्ष तीन मोबाइल ऑपरेटरों में शामिल है. भारत से इसे लगभग 55-65 फीसदी रेवेन्यू मिलता है, अफ्रीका से 20-25 फीसदी, और बाकी इंडस टावर्स, ब्रॉडबैंड व डिजिटल टीवी से. खास बात यह है कि एयरटेल अमेरिका को कोई वस्तु निर्यात नहीं करती, इसलिए ट्रंप के टैरिफ का इस पर कोई सीधा असर नहीं होता.
- रेवेन्यू- बीते तीन साल में उसने 14 फीसदी की राजस्व वृद्धि और 83 फीसदी की मुनाफे की वृद्धि दर्ज की है, जबकि ROE 17 फीसदी रहा है. भविष्य में भी कंपनी अपने औसत राजस्व प्रति ग्राहक (ARPU) को बढ़ाकर 300 रुपये करने का लक्ष्य रखती है और 5G नेटवर्क के विस्तार के बाद पूंजीगत खर्च घटाने की योजना है.
- रिटर्न- कंपनी ने पिछले 5 साल में तकरीबन 235 फीसदी का रिटर्न दिया है. शुक्रवार को यह 3.33 फीसदी की गिरावट के साथ 1,858.60 रुपये पर कारोबार करते हुए बंद हुआ.
Apollo Hospitals Enterprise
अपोलो हॉस्पिटल्स एंटरप्राइज की कहानी भी इसी तरह की है. 1983 में भारत के पहले कॉर्पोरेट अस्पताल के रूप में शुरुआत करने वाली इस कंपनी ने अब पूरे देश में अस्पतालों, फार्मेसी, क्लीनिक और डायग्नोस्टिक सेंटर का एक मजबूत नेटवर्क खड़ा कर लिया है. इसका कारोबार लगभग पूरी तरह घरेलू है और निर्यात से इसकी आमदनी 1 फीसदी से भी कम है.
- रेवेन्यू- पिछले तीन सालों में उसने 14 फीसदी की रेवेन्यू वृद्धि और 20 फीसदी की मुनाफे की वृद्धि दर्ज की है, जबकि ROE 16 फीसदी रहा है. कंपनी उच्च-स्तरीय चिकित्सा सेवाओं जैसे कार्डियक साइंसेज, ऑन्कोलॉजी और न्यूरोसाइंसेस पर फोकस बढ़ा रही है और आने वाले 3-4 सालों में 3,600 से अधिक नए बेड जोड़ने की योजना है.
- रिटर्न- कंपनी ने पिछले 5 सालों में 302.77 फीसदी का रिटर्न दिया है. शुक्रवार, 8 अगस्त को कंपनी के शेयर 1.19 फीसदी की गिरावट के साथ 7,084.50 रुपये पर कारोबार करते हुए बंद हुए.
CDSL
भारतीय पूंजी बाजार के बुनियादी ढांचे का एक अहम हिस्सा है सेंट्रल डिपॉजिटरी सर्विसेज (CDSL). यह निवेशकों को शेयर और दूसरे सिक्योरिटीज को डिजिटल रूप में रखने और लेन-देन की सुविधा देता है. इसका पूरा कारोबार भारतीय पूंजी बाजार तक सीमित है, जिससे यह अंतरराष्ट्रीय व्यापार नीतियों और टैरिफ से पूरी तरह अप्रभावित रहता है.
- रेवेन्यू- बीते तीन सालों में इसने 25 फीसदी की राजस्व वृद्धि और 19 फीसदी की मुनाफे की वृद्धि दर्ज की है, जबकि ROE 30 फीसदी है. मैनेजमेंट का मानना है कि अभी केवल 7 फीसदी भारतीय ही पूंजी बाजार में एक्टिव हैं, इसलिए इसमें विकास की अपार संभावनाएं हैं.
- रिटर्न- कंपनी ने पिछले 5 सालों में 765.80 का रिटर्न दिया है. कंपनी के शेयर शुक्रवार को 0.17 फीसदी की बढ़त के साथ 1,567.10 रुपये पर कारोबार करते हुए बंद हुआ.
Dr Lal PathLabs
डॉ. लाल पाथलैब्स भी एक ऐसी कंपनी है जो मुख्य रूप से घरेलू बाजार में ही काम करती है. 75 साल पुरानी इस कंपनी के पास पैथोलॉजी, रेडियोलॉजी और कार्डियोलॉजी जांच सेवाओं का व्यापक नेटवर्क है. निर्यात से इसकी आमदनी मात्र 1.18 फीसदी है.
- रेवेन्यू- बीते तीन सालों में कंपनी ने 6 फीसदी की रेवेन्यू वृद्धि और 12 फीसदी की मुनाफे की वृद्धि दर्ज की है, जबकि ROE 20 फीसदी है. कंपनी AI आधारित डायग्नोस्टिक तकनीक पर काम कर रही है और नए क्षेत्रों में विस्तार की तैयारी कर रही है, भले ही इसके लिए अल्पावधि में मार्जिन में थोड़ी कमी क्यों न आ जाए.
- रिटर्न- पिछले 5 सालों में कंपनी ने 66.86 फीसदी का रिटर्न दिया. शुक्रवार को स्टॉक 0.71 फीसदी की मामूली गिरावट के साथ 3,190.30 रुपये पर कारोबार करते हुए बंद हुआ.
Indiamart Intermesh
इस सूची में आखिरी नाम है इंडियामार्ट इंटरमेश का, जो भारत का सबसे बड़ा B2B ऑनलाइन मार्केटप्लेस है. यह MSMEs को खरीदारों और सप्लायरों से जोड़ता है और 211 मिलियन खरीदारों तथा 8.4 मिलियन सप्लायरों का नेटवर्क रखता है. इसका कारोबार लगभग पूरी तरह घरेलू है और निर्यात से केवल 0.24 फीसदी रेवेन्यू आता है.
- रेवेन्यू- बीते तीन सालों में उसने 23 फीसदी की रेवेन्यू वृद्धि और 21 फीसदी की मुनाफे की वृद्धि दर्ज की है, जबकि ROE 20 फीसदी है. कंपनी आने वाले समय में ग्राहक आधार और औसत रेवेन्यू दोनों में संतुलित वृद्धि की योजना पर काम कर रही है.
- रिटर्न- पिछले 5 सालों में कंपनी ने 65.89 फीसदी का रिटर्न दिया है. शुक्रवार, 8 अगस्त को कंपनी के स्टॉक का भाव 0.04 फीसदी बढ़त के साथ 2,561.30 रुपये पर कारोबार करते हुए बंद हुआ.
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डिस्क्लेमर: मनी9लाइव किसी स्टॉक, म्यूचुअल फंड, आईपीओ में निवेश की सलाह नहीं देता है. यहां पर केवल स्टॉक्स की जानकारी दी गई है. निवेश से पहले अपने वित्तीय सलाहकार की राय जरूर लें.
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