डर सबको लगता है, गला सबका सूखता है… बाजार में उतार-चढ़ाव देखते ही निवेशक करते है ये 5 बड़ी गलतियां
बाजार हमेशा ऊपर-नीचे होता रहेगा, लेकिन आपकी रणनीति स्थिर रहनी चाहिए. घबराहट में फैसले लेना सबसे बड़ी गलती है. अगर आप धैर्य, अनुशासन और लंबी अवधि की सोच रखते हैं, तो बाजार की अस्थिरता भी आपके लिए वरदान बन सकती है.

5 mistakes investors make: शेयर बाजार का हाल हर दिन बदलता रहता है. कभी शेयर ऊपर जाते हैं तो कभी अचानक नीचे गिर जाते हैं. ऐसे समय में ज्यादातर निवेशक घबरा जाते हैं और गलत फैसले ले लेते हैं. लेकिन असली निवेशक वही है, जो धैर्य रखे और लंबी अवधि की सोच के साथ चले. अगर आप इन छोटी-छोटी गलतियों से बचेंगे, तो लंबी दौड़ में अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं. आइए जानते हैं वो 5 बड़ी गलतियां, जो अक्सर निवेशक उतार-चढ़ाव भरे बाजार में कर बैठते हैं.
पहले ही गिरावट पर घबरा कर बेच देना
अक्सर लोग जब शेयर बाजार थोड़ा भी नीचे जाता है, तो तुरंत अपने शेयर बेच देते हैं. ऐसा करके वे असल में अपना नुकसान पक्का कर लेते हैं. याद रखिए, शेयर बाजार में गिरावट के बाद हमेशा सुधार आता है. जो निवेशक धैर्य रखते हैं, उन्हें आगे जाकर अच्छे रिटर्न मिलते हैं.
मार्केट का टाइमिंग करने की कोशिश
कई लोग सोचते हैं कि वे सही समय पर शेयर खरीदेंगे और सही समय पर बेचकर मुनाफा कमाएंगे. लेकिन सच्चाई ये है कि दुनिया के सबसे बड़े एक्सपर्ट्स भी मार्केट का सही टाइमिंग नहीं कर पाते. अगर आप बार-बार सही समय ढूंढते रहेंगे, तो ज्यादातर मौके गंवा देंगे. बेहतर है कि आप नियमित निवेश करते रहें, बजाय इसके कि हर बार “परफेक्ट एंट्री” ढूंढें.
सही एसेट एलोकेशन को भूल जाना
बहुत से लोग अपनी सारी रकम सिर्फ एक ही जगह लगा देते हैं. जैसे केवल शेयरों में या केवल सोने में. लेकिन ये खतरनाक हो सकता है. सबसे अच्छा तरीका है कि आप अपनी निवेश राशि को अलग-अलग जगह लगाएं जैसे शेयर, बॉन्ड, फिक्स्ड इनकम और सोना. इस तरह अगर एक जगह नुकसान हो, तो दूसरी जगह से आपको सहारा मिल जाएगा. इसे ही डाइवर्सिफिकेशन कहते हैं.
बीच में SIP रोक देना
SIP यानी सिस्टमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान, लंबे समय में सबसे अच्छा निवेश तरीका माना जाता है. लेकिन कई निवेशक जब बाजार गिरता है, तो अपनी SIP बंद कर देते हैं. ये बहुत बड़ी गलती है. क्योंकि गिरावट के समय ही आपको शेयर कम दाम पर ज्यादा यूनिट मिलते हैं. अगर आप SIP चालू रखते हैं, तो लंबे समय में कंपाउंडिंग का बड़ा फायदा मिलता है.
लंबी अवधि के लक्ष्य भूल जाना
कभी-कभी बाजार की रोज़ाना की हलचल देखकर निवेशक अपने असली लक्ष्य को भूल जाते हैं. वे शॉर्ट-टर्म उतार-चढ़ाव से इतने परेशान हो जाते हैं कि लॉन्ग-टर्म लक्ष्य से भटक जाते हैं. लेकिन असली जीत उन्हीं की होती है, जो अनुशासन बनाए रखते हैं और अपने लक्ष्य की ओर बढ़ते रहते हैं.
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डिसक्लेमर: इस खबर में GMP से संबंधित जानकारी दी गई है. मनी9लाइव का GMP तय करने से कोई संबंध नहीं है. मनी9लाइव निवेशकों को यह भी सचेत करता है कि केवल जीएमपी के आधार पर निवेश पर फैसला नहीं करें. निवेश से पहले कंपनी के फंडामेंटल जरूर देखें और एक्सपर्ट की सलाह अवश्य लें.
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