क्या अगला टाइटन बनेगी ये ज्वैलरी कंपनी? छोटे शहरों की रणनीति से मचाया धमाल; रेवेन्यू में 35 फीसदी की बढ़ोतरी
क्या कल्याण ज्वेलर्स अगला टाइटन बन सकता है? केरल के त्रिशूर से शुरू हुई यह ज्वेलरी कंपनी छोटे शहरों की रणनीति के दम पर तेजी से विस्तार कर रही है. वित्त वर्ष 2025 में कंपनी का रेवेन्यू 35 फीसदी बढ़कर 25,000 करोड़ रुपये तक पहुंच गया, जो टाइटन की बढ़ोतरी दर से लगभग दोगुना है. FOCO मॉडल और नए स्टोर विस्तार से कंपनी ने इंडस्ट्री में अपनी पकड़ मजबूत की है.
Kalyan Jewellers: भारतीय ज्वैलरी मार्केट में टाइटन हमेशा से एक जाना-पहचाना नाम रहा है. लेकिन अब एक नया दावेदार मार्केट में तेजी से उभर रहा है, जो न सिर्फ तेज रफ्तार से बढ़ रहा है बल्कि खुद को ‘अगला टाइटन’ साबित करने की राह पर भी है. केरल के त्रिशूर से निकला कल्याण ज्वेलर्स अब एक राष्ट्रीय चुनौती बनकर सामने आया है और अपनी मजबूत रणनीति के दम पर इंडस्ट्री के लीडर को टक्कर दे रहा है.
आंकड़े बताते हैं कहानी
वित्त वर्ष 2025 में कल्याण ज्वेलर्स का रेवेन्यू लगभग 35 फीसदी बढ़कर 25,000 करोड़ रुपये के करीब पहुंच गया. यह विकास दर टाइटन की 18 फीसदी की दर से लगभग दोगुनी है. यह रफ्तार नए वित्त वर्ष की शुरुआत में भी जारी रही. जून तिमाही में कंपनी का कंसोलिडेटेड रेवेन्यू सालाना आधार पर 31 फीसदी बढ़कर 7,268 करोड़ रुपये हो गया. इसी अवधि में टाइटन (बुलियन को छोड़कर) की वृद्धि दर 24 फीसदी रही.
जून तिमाही में खुले 17 नए स्टोर
कल्याण ज्वेलर्स का उदय ज्वेलरी इंडस्ट्री में एक बड़े संरचनात्मक बदलाव की झलक देता है. अब ज्वेलरी ग्रोथ की अगली लहर महानगरों से नहीं, बल्कि छोटे शहरों से आ रही है. कल्याण ने इसे समय रहते पहचान लिया और उन शहरों पर ध्यान केंद्रित किया जहां आकांक्षाएं तो बढ़ रही हैं, लेकिन ब्रांडेड ज्वेलरी की उपलब्धता अभी भी सीमित है.
इस विस्तार में FOCO (Franchisee-Owned, Company-Operated) मॉडल अहम भूमिका निभा रहा है. कंपनी की लगभग आधी दुकानें अब इसी मॉडल पर चल रही हैं, जिससे पूंजी की जरूरत कम हुई है और जोखिम बंट गया है. सिर्फ जून तिमाही में ही 17 नए स्टोर खुले, जिससे कुल स्टोर्स की संख्या 280 से अधिक हो गई.
महंगे लग सकते हैं शेयर
कल्याण ज्वेलर्स का शेयर कीमत के मामले में अब काफी महंगा हो चुका है. इसका P/E रेशियो 63.88 है, हालांकि टाइटन का शेयर इससे भी ज्यादा महंगा है और उसका P/E रेशियो 88.83 है. ऐसे में खतरा यह है कि अगर कल्याण की विकास दर में थोड़ी भी गिरावट आई, तो इसके शेयर की कीमत पर असर पड़ सकता है.
एक और चिंता यह है कि कल्याण ज्वेलर्स ने अपने कर्ज को कम करने के बजाय अब अपनी पूंजी नए ब्रांड्स और नए कारखानों में लगानी शुरू कर दी है. जबकि कई निवेशकों का मानना है कि कंपनी को इस चरण में पहले अपना कर्ज घटाने पर ध्यान देना चाहिए, ताकि भविष्य की आर्थिक चुनौतियों से निपटने के लिए उसकी स्थिति मजबूत बनी रहे.
कैसा है शेयर का हाल
शुक्रवार को कल्याण ज्वेलर्स का शेयर 0.23 फीसदी बढ़कर 495.30 रुपये पर बंद हुआ. पिछले एक महीने में इसके शेयर में 3.32 फीसदी की तेजी आई है. वहीं टाइटन कंपनी का शेयर शुक्रवार को 1.52 फीसदी गिरकर 3,714.90 रुपये पर बंद हुआ, हालांकि बीते एक महीने में इसमें 1.03 फीसदी की बढ़त दर्ज की गई है.
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