पहले कतर के साथ किया करार, अब जापान के कंपनी के साथ शुरू करेगी JV; इस PSU तेल स्टॉक पर रखें खास नजर

ONGC के शेयर पर सोमवार को निवेशकों की नजरें टिकी रहेंगी. कंपनी से जुड़ी एक बड़ी साझेदारी की चर्चा है, जो उसके पेट्रोकेमिकल कारोबार को मजबूत बना सकती है. यह कदम न सिर्फ दीर्घकालीन रणनीति से जुड़ा है, बल्कि इससे निवेशकों की उम्मीदें भी नई ऊंचाई पर पहुंच सकती हैं.

जापानी कंपनी संग तेल कंपनी की नई चाल! Image Credit: FreePik

तेल एवं गैस क्षेत्र की दिग्गज कंपनी ONGC (Oil and Natural Gas Corporation) अब अपने पेट्रोकेमिकल बिजनेस को मजबूत करने की तैयारी में है. कंपनी जापान की शिपिंग फर्म Mitsui O.S.K. Lines के साथ मिलकर दो बड़े एथेन कैरियर (VLECs) बनाने जा रही है. इस खबर के बाद सोमवार को ONGC का शेयर बाजार में फोकस में रह सकता है. शुक्रवार, 5 सितंबर को कंपनी का शेयर 234 रुपये पर बंद हुआ था.

Mitsui के साथ साझेदारी

ONGC ने विशेष जहाजों को बनाने और चलाने के लिए Mitsui के साथ पार्टनरशिप की है. दोनों कंपनियां इस समय इक्विटी स्ट्रक्चर यानी हिस्सेदारी तय करने की प्रक्रिया में हैं. सूत्रों के अनुसार, Mitsui की हिस्सेदारी ज्यादा रहने की संभावना है. ये जहाज दक्षिण कोरिया के शिपयार्ड में तैयार किए जाएंगे और इन पर करीब 370 मिलियन डॉलर (करीब 3,100 करोड़ रुपये) की लागत आएगी.

ONGC की सहायक कंपनी OPaL का प्लांट गुजरात के दहेज में स्थित है. इस प्लांट में एथेन और प्रोपेन जैसे गैसों का इस्तेमाल पेट्रोकेमिकल फीडस्टॉक के रूप में किया जाता है. अभी तक ONGC कतर से मिलने वाली LNG से एथेन और प्रोपेन निकालकर इसका इस्तेमाल करता था. लेकिन 2028 से कतर के साथ नया करार ‘लीन गैस’ सप्लाई का है, जिसमें एथेन और प्रोपेन शामिल नहीं होंगे. ऐसे में ONGC को एथेन आयात करना पड़ेगा. कंपनी ने 2028 से हर साल 8 लाख टन एथेन आयात करने की योजना बनाई है.

शिपिंग की जिम्मेदारी JV पर

ONGC और Mitsui का यह संयुक्त उपक्रम (JV) ही एथेन कैरियर जहाजों का मालिक होगा. ONGC एथेन की सोर्सिंग करेगा और JV को जहाज किराए पर लेकर आयात का काम पूरा करेगा. अनुमान है कि इन जहाजों के निर्माण में ढाई साल का समय लगेगा और 2028 से सप्लाई शुरू हो जाएगी.

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शेयर बाजार पर असर

ONGC की इस नई योजना से निवेशकों को कंपनी के पेट्रोकेमिकल कारोबार में स्थिरता दिख सकती है. चूंकि एथेन आयात की व्यवस्था पहले से तय हो रही है, इससे OPaL के बड़े प्लांट को फीडस्टॉक की कमी का सामना नहीं करना पड़ेगा. विश्लेषकों के मुताबिक, Mitsui जैसी अनुभवी कंपनी के साथ साझेदारी से निवेशकों का भरोसा बढ़ सकता है. यही कारण है कि सोमवार को ONGC का शेयर बाजार में चर्चा में रह सकता है.

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