क्या खत्म होने वाले हैं रिलायंस के बुरे दिन? ब्रोकरेज ने दिया 1605 का टार्गेट, जानें- क्यों आएगा शेयर में उछाल
RIL Share Price: मोतीलाल ओसवाल का मानना है कि रिलायंस के पास 2025 में कई री-रेटिंग ट्रिगर हैं और स्टॉक के लिए रिस्क-रिवॉर्ड आकर्षक लग रहा है. 2024 का साल रिलायंस इंडस्ट्रीज के लिए निराशाजनक रहा था, क्योंकि निवेशकों को 10 साल में पहली बार नेगेटिव रिटर्न मिला था.
Reliance Share Target Price: रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (RIL) का प्रदर्शन पिछले साल यानी 2024 में निराशाजनक रहा था और नए साल में भी रिलायंस के शेयर अब तक गति नहीं पकड़ सके हैं. हालांकि, ब्रोकेरज फर्म मोतीलाल ओसवाल का मानना है कि रिलायंस के पास 2025 में कई री-रेटिंग ट्रिगर हैं और स्टॉक के लिए रिस्क-रिवॉर्ड आकर्षक लग रहा है. 2024 में रिलयंस के शेयर ने 10 साल में पहली बार नेगेटिव रिटर्न दिया था. यह खराब प्रदर्शन रिलायंस रिटेल (Reliance Retail) के स्लो ग्रोथ और कमजोर रिफाइनिंग और पेटकेम क्रैक के कारण हुआ था. हालांकि, मोतीलाल ओसलवाल का मानना है कि स्टॉक में लगभग 30 फीसदी तक की तेजी आ सकती है.
रिस्क-रिवॉर्ड आकर्षक
मोतीलाल ओसवाल के अनुसार, भारी गिरावट (पिछले छह महीनों में 17 फीसदी) के बाद, रिलायंस पर रिस्क-रिवॉर्ड आकर्षक है, क्योंकि कंपनी बियर केस वैल्यूएशन पर कारोबार कर रही है. मोतीलाल ओसवाल ने कहा कि रिलायंस जियो (RJIO) भारती के मौजूदा वैल्यूएशन से 10 फीसदी के डिस्काउंट छूट पर रिटेल रेवेन्यू/Ebitda में हाई सिंगल डिजिट ग्रोथ है. वित्त वर्ष 24-27E में ऑयल टू केमिकल की आय में कोई सुधार नहीं हुआ है.
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शेयर के लिए तीन ट्रिगर
घरेलू ब्रोकरेज ने कहा कि न्यू एनर्जी में गीगाफैक्ट्रीज की शुरुआत (वित्त वर्ष 2025 के अंत में), रिलायंस जियो की संभावित लिस्टिंग (संभवतः 2025 के 2HC में) और रिलायंस रिटेल में रिकवरी ग्रोथ (वित्त वर्ष 2026) RIL के लिए अहम मिडियम टर्म के ट्रिगर हैं.
फर्म ने कहा कि कैपेटिल एक्सपेंडिचर में नरमी वित्त वर्ष 24-27 के दौरान संभावित मजबूत फ्री कैश फ्लो (FCF) जेनरेशन और RIL के बैलेंस शीट में सुधार को फिलहाल कम आंका गया है.
RIL टार्गेट प्राइस
मोतीलाल ओसवाल ने कहा कि रिलायंस इंडस्ट्रीज के शेयर को 1,605 रुपये के टार्गेट प्राइस के लिए खरीद सकते हैं. रिलायंस के शेयर सोमवार, 27 जनवरी को 1.43 फीसदी की गिरावट के साथ 1,228.50 रुपये पर कारोबार कर रहे थे. मोतीलाल ओसवाल ने कहा कि रिलायंस जियो के जरिए मिड टर्म में RIL को सबसे अधिक इनकम में इजाफा हो सकता है. यह ज्यादातर लगातार टैरिफ बढ़ोतरी, बाजार हिस्सेदारी में वृद्धि और एफडब्ल्यूए रैंप-अप द्वारा ऑपरेटेड है.
न्यू एनर्जी कारोबार
RIL का न्यू एनर्जी कारोबार ट्रांसफॉर्मेटिव मील के पत्थर पर पहुंच रहा है, जिसकी पहचान वित्त वर्ष की चौथी तिमाही में सोलर मॉड्यूल मैन्युफैक्चरिंग क्षमता के फेज I की शुरुआत से हुई है. इसके बाद अगली दो तिमाहियों में सेल मैन्युफैक्चरिंग और मॉड्यूल मैन्युफैक्टरिंग के फेज II में ऑपरेशनल शुरू होगा.
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