वीकली एक्सपायरी में बदलाव की खबर पर सेबी चेयरमैन ने दिया बयान, BSE के शेयरों में आई तेजी
Weekly Expiry: मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया था कि सेबी वीकली एक्सपायरी पर अंकुश लगाने और हर दो हफ्ते में एक एक्सपायरी करने पर विचार कर रहा है. वित्त वर्ष 2025 के दौरान रिटेल निवेशकों को एफएंडओ सेगमेंट में लगभग 1.06 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था.

Weekly Expiry: हाल ही मे ऐसी खबरें सामने आईं कि वीकली एक्सपायरी में बड़ा बदलाव हो सकता है. दावा किया गया कि कैपिटल मार्केट रेगुलेटर वीकली एक्सपारी में बड़े बदलाव पर विचार कर रहा है. बुधवार को सिक्योरिटीज एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) के चेयरमैन तुहिन कांत पांडे ने उन मीडिया रिपोर्ट्स को खारिज कर दिया, जिनमें दावा किया गया था कि वीकली एक्सपायरी में बड़े बदलाव पर विचार कर रहा है. एक सवाल के जवाब में पांडे ने कहा कि उन्हें ऐसी किसी भी सूचना की जानकारी नहीं है. उन्होंने आगे कहा कि मीडिया रिपोर्ट्स सिर्फ अटकलें हैं, हम जो कह रहे हैं वह सब सार्वजनिक है. उन्होंने आगे कहा कि सुधारों की जरूरत है, लेकिन इन सुधारों की प्रकृति पर एक प्रक्रिया के जरिए चर्चा की जाती है.
लौट आई बाजार में तेजी
तुहिन कांत पांडे के बयान के बाद बीएसई के शेयरों में पूरी तरह से सुधार हुआ और वे हरे निशान में कारोबार कर रहे थे. निफ्टी कैपिटल मार्केट्स इंडेक्स दिन के कारोबार में 1.5% तक की गिरावट के बाद हरे निशान में कारोबार कर रहा था. 6 अगस्त को दोपहर 12:20 बजे, बीएसई के शेयर दिन के कारोबार में 2,282 रुपये के निचले स्तर तक गिरने के बाद 1 फीसदी बढ़कर 2,403 रुपये पर कारोबार कर रहे थे. सेबी चेयरमैन ने कहा कि वीकली एक्सपायरी पर अंकुश लगाने की खबरें ‘झूठी और अटकलें’ हैं.
रिपोर्ट्स में क्या किया गया था दावा?
इससे पहले मंगलवार को मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया था कि सेबी वीकली एक्सपायरी पर अंकुश लगाने और हर दो हफ्ते में एक एक्सपायरी करने पर विचार कर रहा है. अगर नियामक इस मोर्चे पर कोई फैसला लेता है, तो मौजूदा व्यवस्था बदल जाएगी, जिसमें बीएसई सेंसेक्स के कॉन्ट्रैक्ट हर मंगलवार को और निफ्टी 50 के कॉन्ट्रैक्ट हर गुरुवार को समाप्त होते हैं. नई व्यवस्था के तहत सभी कॉन्ट्रैक्ट की हर दो हफ्ते में केवल एक एक्सपायरी होगी.
एफएंडओ सेगमेंट में भारी नुकसान
सेबी ने ऑप्शन ट्रेडिंग पर अंकुश लगाने के लिए पहले ही कई उपाय किए हैं. पिछले साल नवंबर में सेबी ने बाजार में अस्थिरता को कम करने के उद्देश्य से कई उपाय लागू किए थे. इस साल जुलाई में सेबी की एक स्टडी से पता चला है कि वित्त वर्ष 2025 के दौरान रिटेल निवेशकों को एफएंडओ सेगमेंट में लगभग 1.06 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ, जो वित्त वर्ष 2024 में रिटेल निवेशकों द्वारा किए गए 74,812 करोड़ रुपये के नुकसान से 41 फीसदी अधिक है.
Latest Stories

Suzlon के शेयर में आएगी तूफानी तेजी, ब्रोकरेज ने दी खरीदने की सलाह; जान लीजिए टारगेट प्राइस

इन 5 स्मॉल कैप कंपनियों पर नहीं कोई कर्ज, 96 फीसदी तक ऑपरेटिंग मार्जिन; बना रही हैं खूब मुनाफा, रखें नजर

Closing Bell: लगातार दूसरे दिन बाजार में गिरावट, सेंसेक्स-निफ्टी लाल निशान में बंद; PSU बैंक चमके
