भगोड़े मेहुल चोकसी पर सेबी का शिकंजा, लगाया 2.1 करोड़ का जुर्माना, संपत्ति भी हो सकती है जब्त
भगोड़े कारोबारी मेहुल चोकसी पर अब सेबी ने शिकंजा कसा है. इनसाइडर ट्रेडिंग के मामले में बाजार नियामक ने चोकसी पर 2.1 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है. इसके साथ ही नोटिस में कहा गया है कि अगर यह जुर्माना नहीं भरा गया, तो चोकसी की संपत्तियों को जब्त किया जा सकता है.

बाजार नियामक सेबी ने भगोड़े हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी को 2.1 करोड़ रुपये का भुगतान करने के लिए नोटिस जारी किया है. सेबी की तरफ से जारी नोटिस में कहा गया है कि यह राशि गीतांजलि जेम्स के शेयरों में इनसाइडर ट्रेडिंग से जुड़े नियमों के उल्लंघन के मामले में लगाया गए जुर्माने और ब्याज की है. इसके साथ ही कहा गया है कि यदि चोकसी 15 दिनों के भीतर यह भुगतान नहीं करते हैं, तो सेबी उनकी संपत्ति और बैंक खातों को जब्त करने की कार्रवाई करेगा. यह कार्रवाई जनवरी 2022 में लगाए गए जुर्माने का भुगतान न करने के कारण की गई है.
मेहुल चोकसी गीतांजलि जेम्स के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक होने के साथ-साथ कंपनी के प्रमोटर समूह का हिस्सा भी थे. इसके साथ ही वे नीरव मोदी के मामा हैं. दोनों पर सरकारी स्वामित्व वाले पंजाब नेशनल बैंक से 14,000 करोड़ रुपये से अधिक की धोखाधड़ी करने का आरोप है. 2018 की शुरुआत में पीएनबी घोटाला सामने आने के बाद चोकसी और मोदी भारत से भाग गए थे. पिछले महीने भारतीय जांच एजेंसियों की तरफ से प्रत्यर्पण अनुरोध के बाद चोकसी को बेल्जियम में गिरफ्तार किया गया है. वहीं, नीरव मोदी को मार्च 2019 में स्कॉटलैंड यार्ड पुलिस ने गिरफ्तार किया था और वह फिलहाल ब्रिटेन की जेल में बंद है.
सेबी ने नोटिस में क्या कहा?
15 मई को सेबी की तरफ से जारी वसूली नोटिस में सेबी ने चोकसी को 15 दिनों के भीतर 2.1 करोड़ रुपये का भुगतान करने का निर्देश दिया है. इसमें 1.5 करोड़ रुपये का जुर्माना और 60 लाख रुपये का ब्याज शामिल है. बकाया राशि का भुगतान न करने की स्थिति में बाजार नियामक ने कहा कि वह उसकी चल और अचल संपत्तियों को कुर्क कर बेचेगा और राशि वसूल करेगा.
क्या है पूरा मामला
जनवरी 2022 में सेबी ने अपने एक आदेश में चोकसी पर 1.5 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया और उसे एक साल के लिए शेयर बाजार से प्रतिबंधित कर दिया गया. सेबी ने पाया था कि चोकसी ने राकेश गिरधरलाल गजेरा को यूपीएसआई के बारे में बताया, जिसने दिसंबर 2017 में गीतांजलि जेम्स में अपनी पूरी 5.75 प्रतिशत हिस्सेदारी बेच दी थी, ताकि किसी भी घटना से पहले नुकसान से बचा जा सके.
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