Closing Bell: लगातार दूसरे दिन मार्केट में तेजी, सेंसेक्स और निफ्टी बढ़त के साथ बंद; फार्मा-रियल्टी चमके
Closing Bell: फार्मा, रिलायंस और पॉजिटिव ग्लोबल संकेतों की बदौलत गुरुवार को सेंसेक्स और निफ्टी में तेजी आई. कमजोर अमेरिकी डॉलर और गिरते बॉन्ड यील्ड ने उभरते बाजारों की सेंटीमेंट को मजबूत किया. तेल की गिरती कीमतों ने सभी सेक्टरों में तेजी की सेंटीमेंट को बढ़ावा दिया.

Closing Bell: भारतीय शेयर बाजार में गुरुवार 5 जून को व्यापक स्तर पर खरीदारी देखने को मिली. इस खरीदारी के दम पर सेंसेक्स और निफ्टी में 1 फीसदी से अधिक की तेजी आई. यह तेजी एशियाई बाजारों में बढ़त के अनुरूप था, क्योंकि अमेरिकी ट्रेजरी यील्ड और डॉलर में गिरावट आई. निफ्टी और सेंसेक्स इंट्राडे हाई से नीचे आने के बावजूद मजबूत रहे, क्योंकि फार्मा और रियल्टी में उछाल ने शुक्रवार को आरबीआई की एमपीसी बैठक से पहले सेंटीमेंट को बढ़ाया है.
मिड- और स्मॉल-कैप शेयरों ने बेंचमार्क से बेहतर प्रदर्शन करते हुए शो को अपने नाम कर लिया. इंडिया VIX में 4 फीसदी से अधिक की गिरावट आई, जो अस्थिरता में कमी का संकेत है.
सेंसेक्स और निफ्टी हरे निशान में बंद
सेंसेक्स 443.94 अंक या 0.55 फीसदी बढ़कर 81,442.19 पर क्लोज हुआ और निफ्टी 141.10 अंक या 0.57 फीसदी बढ़कर 24,761.30 पर बंद हुआ. लगभग 2023 शेयरों में तेजी आई, 1479 शेयरों में गिरावट आई और 121 शेयरों में कोई बदलाव नहीं हुआ.
टॉप गेनर्स और टॉप लूजर्स
निफ्टी पर टॉप गेनर्स की लिस्ट में इटरनल, डॉ. रेड्डीज लैब्स, ट्रेंट, पावर ग्रिड कॉर्प, रिलायंस इंडस्ट्रीज शामिल हैं. जबकि सबसे अधिक गिरावट वाले शेयरों की सूची में इंडसइंड बैंक, बजाज फाइनेंस, एक्सिस बैंक, टाटा कंज्यूमर, बजाज फाइनेंस शामिल हैं.
बीएसई मिडकैप और स्मॉलकैप इंडेक्स में 0.5-0.5 फीसदी की बढ़त दर्ज की गई. पीएसयू बैंक को छोड़कर, अन्य सभी सेक्टोरल इंडेक्स हरे निशान पर बंद हुए, जिसमें फार्मा, रियल्टी में 1-2 फीसदी की बढ़त दर्ज की गई.
रेपो रेट पर टिकी निवेशकों की निगाहें
शुक्रवार को संभावित 25 बेसिस प्वाइंट की रेपो रेट में कटौती का इंतजार कर रहे निवेशकों की निगाहें आरबीआई पर टिकी हैं, नीतिगत फैसले से पहले ब्याज दरों के प्रति संवेदनशील शेयरों पर खासा ध्यान है. चूंकि भारत में सीपीआई मुद्रास्फीति नरम है, इसलिए ब्याज दरों में कटौती के चक्र में और अधिक गुंजाइश है. 2025 में कम से कम दो और ब्याज दरों में कटौती की संभावना है.
भारत के प्रमुख शेयर इंडेक्स में तेजी का कारण रिलायंस इंडस्ट्रीज और फाइनेंशियल एवं रियल एस्टेट जैसे ब्याज-संवेदनशील सेक्टरों का महत्वपूर्ण योगदान रहा,
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