Share Market Crash: इन 5 फैक्टर ने झकझोर डाला शेयर बाजार, निवेशकों के डूबे 7 लाख करोड़

शेयर बाजार के दोनों बेंचमार्क इंडेक्स BSE सेंसेक्स और NSE निफ्टी में 1 फीसदी से अधिक की गिरावट आई. 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 1300 अंक से ज्यादा गिरकर 75,641 के दिन के निचले स्तर पर पहुंच गया है वहीं NSE निफ्टी 50,368 अंक गिरकर 22,977 के निचले स्तर पर पहुंच गया है.

शेयर मार्केट में बिकवाली जारी Image Credit: money9live

Share Market Crash: भारतीय शेयर मार्केट में भारी बिकवाली देखी गई. मंगलवार, 21 जनवरी को शेयर बाजार के दोनों बेंचमार्क इंडेक्स BSE सेंसेक्स और NSE निफ्टी में 1 फीसदी से अधिक की गिरावट आई. सेंसेक्स 1300 अंक से ज्यादा गिरकर 75,641 के दिन के निचले स्तर पर आ गया. वहीं, निफ्टी 50,368 अंक गिरकर 22,977 के निचले स्तर पर पहुंच गया.

ये गिरावट अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के शपथ समारोह के तुरंत बाद, पड़ोसी देशों पर टैरिफ शुल्क लगाने की ऐलान के बाद आई है. इसके बाद निवेशकों ने काफी सतर्कता दिखाई. इस बिकवाली से भारतीय शेयर बाजार के निवेशकों के कुल 7 लाख करोड़ रुपये डूब गए हैं. शेयर बाजार में आई बिकवाली के ये 5 फैक्टर्स हो सकते हैं, आइए एक-एक कर जानते हैं.

1. डोनाल्ड ट्रंप की घोषणाएं

शपथ ग्रहण करने के पहले ही दिन डोनाल्ड ट्रंप ने कई घोषणाएं कीं, जिनमें कनाडा और मैक्सिको पर टैरिफ लगाना भी शामिल है. ट्रंप ने भारत समेत कई देशों पर टैरिफ बढ़ाने की धमकी दी है. इसके अलावा इमिग्रेशन पॉलिसी में बदलाव का असर भारतीय टेक सेक्टर पर भी पड़ सकता है. कनाडा और मैक्सिको पर संभावित 25 फीसदी टैरिफ के संकेत से पता चलता है कि टैरिफ वृद्धि पॉलिसी को धीरे-धीरे लागू किया जाएगा.

2. आगामी यूनियन बजट

निवेशकों की नजर अब आम बजट पर है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण शनिवार 1 फरवरी को बजट पेश करने वाली हैं. उम्मीदें बहुत अधिक हैं कि सरकार खपत को बढ़ावा देने, ग्रामीण क्षेत्र को मज़बूत करने, मैन्युफैक्चरिंग और इंफ्रास्ट्रक्चर को सपोर्ट देने के लिए कुछ बड़ी घोषणाएं करेंगी. हालांकि, अगर इनमें से कोई भी उम्मीद बजट में पूरी नहीं होती है, तो इससे मार्केट सेंटीमेंट प्रभावित होगा.

3. विदेशी पूंजी का आउटफ्लो

अमेरिकी डॉलर में मजबूती और बॉन्ड यील्ड में बढ़ोतरी के बीच विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) द्वारा लगातार की जा रही बिकवाली हाल के महीनों में भारतीय शेयर बाजार में गिरावट का एक प्रमुख कारण है. 2 जनवरी को छोड़कर, FPI ने जनवरी में हर दिन भारतीय इक्विटी बेच रहे हैं. 20 जनवरी तक उन्होंने लगभग 51,000 करोड़ की बिकवाली की है.

4. तिमाही नतीजे

पहली और दूसरी तिमाही के कमजोर आय के बाद दिसंबर तिमाही की आय में भी अब तक निराशाजनक प्रदर्शन रहा है. इसी के कारण शेयर बाजार में भी असुंतलन बना हुआ है. आर्थिक गतिविधियों में मंदी के कारण भी कॉर्पोरेट आय कुछ तिमाहियों से कमजोर रही है जिसके कारण बाजार में भारी बिकवाली देखी गई.

5. विदेशी निवेशकों की ओर से लगातार बिकवाली

विदेशी संस्थागत निवेशकों (FIIs) ने भारतीय बाजार से पैसे निकालना जारी रखा है. पिछले कारोबारी दिवस यानी सोमवार, 20 जनवरी को FIIs ने तकरीबन 4,336.54 करोड़ रुपये के शेयर बेचे हैं. केवल जनवरी महीने में विदेशी निवेशकों ने करीब 50,912.60 करोड़ रुपये की बिकवाली कर चुके हैं. बाजार पर पड़े दबाव का यह भी एक अहम कारण है.