भारत-पाकिस्तान के बीच सीजफायर तो हो गया, लेकिन अब सिंधु जल संधि का क्या होगा?

भारत और पाकिस्तान के बीच हाल ही में सीजफायर का समझौता हुआ है. भारत ने 7 मई को 'ऑपरेशन सिंदूर' शुरू किया और पाकिस्तान व पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू-कश्मीर में 9 आतंकी ठिकानों पर हमला किया. इस दौरान भारत ने कई बड़े फैसले लिए थे. इसमें सिंधु जल समझौता स्थगित करना भी शामिल है. ऐसे में आइए जानते कि सीजफायर के बाद इस फैसले का क्या होगा.

सिंधु नदी Image Credit: Internet

Indus Water Treaty: भारत और पाकिस्तान के बीच हाल ही में सीजफायर का समझौता हुआ है. जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले में पाकिस्तान समर्थित आतंकियों ने 26 लोगों की जान ले ली थी. इसके जवाब में भारत ने 7 मई को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ शुरू किया और पाकिस्तान व पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू-कश्मीर में 9 आतंकी ठिकानों पर हमला किया. इस दौरान भारत ने कई बड़े फैसले लिए थे. इसमें सिंधु जल समझौता स्थगित करना भी शामिल है. ऐसे में आइए जानते कि सीजफायर के बाद इस फैसले का क्या होगा.

नहीं हुआ कोई बदलाव

रॉयटर्स के रिपोर्ट के मुताबिक शनिवार को हुई गोलीबारी के बाद सीजफायर के बावजूद इस समझौते पर कोई बदलाव नहीं हुआ है. सिंधु जल समझौता 1960 में वर्ल्ड बैंक की मदद से हुआ था. यह समझौता सिंधु नदी और उसकी सहायक नदियों के पानी को भारत और पाकिस्तान के बीच बांटने का नियम तय करता है. पिछले महीने कश्मीर में हिंदू पर्यटकों पर हुए हमले के बाद भारत ने इस समझौते से बाहर होने का फैसला किया था.

80 फीसदी खेतों को मिलता है पानी

पाकिस्तान इस समझौते को रद्द करने के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय कानूनी कार्रवाई की तैयारी कर रहा था. पाकिस्तान के 80 फीसदी खेतों को इस समझौते से पानी मिलता है. पाकिस्तान के जल मंत्रालय के एक सूत्र ने कहा, “सिंधु जल समझौता सीजफायर की बातचीत का हिस्सा नहीं था.” भारत के एक सरकारी सूत्र ने भी कहा कि इस समझौते पर भारत का रुख वही है. इसमें कोई बदलाव नहीं हुआ. भारत के विदेश मंत्रालय और पाकिस्तान के जल मंत्रालय या सूचना मंत्री ने इस पर कोई जवाब नहीं दिया.

दोनों देशों ने उठाए थे कई कदम

कश्मीर हमले के बाद दोनों देशों ने कई कदम उठाए थे. इसमे सीमा बंद करना, व्यापार रोकना और एक-दूसरे के नागरिकों को वीजा देना बंद करना. भारत के दो सूत्रों ने बताया कि सीजफायर के बावजूद व्यापार और वीजा पर लगी पाबंदियां बरकरार रहेंगी. भारत के विदेश मंत्रालय ने इस पर कोई टिप्पणी नहीं की.