Ethereum vs Solana: डिसेंट्रलाइज्ड फाइनेंस की जंग में कौन आगे, निवेश के लिए किसमें ज्यादा दम?
Ethereum और Solana दोनों ही ब्लॉकचेन के बीच DeFi यानी डिसेंट्रलाइज्ड फाइनेंस की सुविधा देती हैं. दोनों के बीच इस सेक्टर में बढ़त बनाने की दिलचस्प जंग जारी है. यहां, तकनीकी पहलुओं के लिहाज से दोनों की तुलना की गई है, ताकि एक निवेशक के तौर पर आप यह तय कर पाएं कि आपके लिए निवेश के लिहाज से कौनसी ब्लॉकचेन बेहतर है?
बिटकॉइन के बाद निवेशकों के बीच इन दिनों एथेरियम और सोलाना ब्लॉकचेन चर्चा में हैं. दोनों ब्लॉकचेन ने खासतौर पर डिसेंट्रलाइज्ड फाइनेंस सेक्टर में बड़े बदलाव किए हैं. इसकी वजह से दुनियाभर के निवेशक, कारोबारी और डेवलपर्स इनकी तरफ आकर्षित हो रहे हैं. एथेरियम और सोलाना दोनों ही लेयर 1 ब्लॉकचेन हैं, जिनका मकसद एक डिसेंट्रलाइज्ड इकोसिस्टम बनाना है, लेकिन दोनेां के बीच तकनीकी स्तर पर कई अंतर हैं. क्रिप्टोकरेंसी और ब्लॉकचेन की दुनिया में असली ताकत तकनीक ही है. ऐसे में जानते हैं कि दोनों में से किसकी तकनीक निवेशकों के लिए भविष्य में बेहतर साबित हो सकती है.
दोनों के मकसद में फर्क
विटालिक ब्यूटेरिन और डेवलपर्स की एक टीम ने 2015 में एथेरियम के जरिये ब्लॉकचेन में स्मार्ट कॉन्ट्रैक्ट्स की शुरुआत की, जो एक ऐसा तकनीकी बदलाव था, जिसने ब्लॉकचेन को रिडिफाइन किया. एथेरियम की प्रोग्रामेबल ब्लॉकचेन ने DeFi यानी डिसेंट्रलाइज्ड फाइनेंस और NFT यानी नॉन-फंजिबल टोकन के लिए बुनियाद बनी. हालांकि, एथेरियम की बढ़ती लोकप्रियता ने इसकी सीमाओं को उजागर किया. इसके नेटवर्क को स्केलेबिलिटी के मोर्चे पर चुनौतियों का सामना करना पड़ा. वहीं, 2020 में अनातोली याकोवेंको और राज गोकल ने सोलाना को खासतौर पर एथेरियम की स्केलेबिलिटी समस्या को हल करने के लिए लॉन्च किया.
Ethereum vs Solana में क्या अंतर
एथेरियम और सोलाना दोनों ही अलग-अलग विशेषताओं और तकनीकी क्षमताओं के साथ समान आर्किटेक्चर साझा करते हैं. हालांकि, एथेरियम को सोलाना से पहले लॉन्च किया गया था, लेकिन इसमें कई अक्षमताएं हैं और सोलाना उन कमियों को दूर करता है. हालांकि, दोनों के बीच कई अंतर भी हैं. मसलन, कंसेंसस मैकेनिज्म में बड़ा अंतर है. एथेरियम पहले बिटकॉइन की तरह प्रूफ ऑफ वर्क का इस्तेमाल करता था, अब यह प्रूफ ऑफ स्टेक का इस्तेमाल करता है, जबकि सोलाना प्रूफ-ऑफ-हिस्ट्री के साथ प्रूफ ऑफ स्टेक का इस्तेमाल करता है, जिससे प्रति सेकंड 65,000 ट्रांजैक्शन की क्षमता मिलती है. सोलाना इस मामले में एथेरियम से कई गुना आगे है. यह सबसे बड़ा अंतर है.
एथेरियम की ताकत कम्युनिटी
Defi डेवलपर्स के लिहाज से देखा जाए, तो एथेरियम की कम्युनिटी इसकी सबसे बड़ी ताकत है. हालांकि, सोलाना तेज ट्रांजैक्शन और कम फीस की वजह से NFT के सौदों के लिए ज्यादा लोकप्रिय है.
निवेशकों के लिए कौन सी ब्लॉक चेन बेहतर
एक लॉन्ट टर्म इन्वेस्टर के नजरिये से देखें, तो एथेरियम ज्यादा मजबूत क्रिप्टो एसेट है. वहीं, अगर ट्रेडिंग माइंडसेट से देखा जाए, तो सोलाना बेहतर है, क्योंकि यहां कम फीस ओर तेज ट्रांजैक्शन का फायदा मिलता है.
डिस्क्लेमर: Money9live किसी क्रिप्टोकरेंसी, स्टॉक, म्यूचुअल फंड या आईपीओ में निवेश की सलाह नहीं देता है. यहां पर केवल जानकारी दी गई है. निवेश से पहले अपने वित्तीय सलाहकार की राय जरूर लें.