Trent को पीछे छोड़कर Tata Steel बनी टाटा ग्रुप की चौथी सबसे बड़ी कंपनी, जानें बाकी कंपनियों का हाल
टाटा ग्रुप जिसका कारोबार ऑटोमोबाइल, स्टील, टेक्नोलॉजी, टेलीकॉम और कंज्यूमर गुड्स जैसे कई क्षेत्रों में फैला हुआ है. कंपनी का मार्केट कैप 6 मार्च 2025 तक, टाटा स्टील का मार्केट कैप 1.88 लाख करोड़ रुपये पहुंच गया है. इस लिहाज से कंपनी टाटा समूह चौथी सबसे बड़ी कंपनी बन गई है. आइए बाकी के कंपनियों का हाल जानते हैं.

Tata Group Stocks: टाटा ग्रुप भारत का सबसे बड़ा और प्रतिष्ठित समूह है, जिसका कारोबार ऑटोमोबाइल, स्टील, टेक्नोलॉजी, टेलीकॉम और कंज्यूमर गुड्स जैसे कई क्षेत्रों में फैला हुआ है. यह कंपनी अपने इनोवेशन, सस्टेनेबल डेवलपमेंट और एशिकल बिजनेस वैल्यू के लिए जानी जाती है. हाल ही में टाटा ग्रुप की कंपनियों के मार्केट कैप में बड़ा बदलाव देखने को मिला है. आइए जानते हैं कि इस लिस्ट में पहले नंबर पर कौन है.
टाटा स्टील ने ट्रेंट को पछाड़ा
6 मार्च 2025 तक, टाटा स्टील का मार्केट कैप 1.88 लाख करोड़ रुपये पहुंच गया है, जबकि ट्रेंट का 1.79 लाख करोड़ रुपये है. इस तरह टाटा स्टील ने ट्रेंट को 10,273 करोड़ रुपये के अंतर से पीछे छोड़ दिया है. दिलचस्प बात यह है कि अक्टूबर 2024 में ट्रेंट का मार्केट कैप टाटा स्टील से 95,000 करोड़ रुपये ज्यादा था, जब उसके शेयर रिकॉर्ड 8,345 रुपये के स्तर पर पहुंचे थे.
अब टाटा ग्रुप की कुल 27.5 लाख करोड़ रुपये की मार्केट कैप में टाटा स्टील की हिस्सेदारी 6.9 फीसदी हो गई है, जबकि ट्रेंट की हिस्सेदारी 6.5 फीसदी रह गई है.
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स्टील इंडस्ट्री का मौजूदा हाल
दुनिया भर में स्टील की कीमतें कमजोर बनी हुई हैं. चीन में स्टील की कीमत $480 प्रति टन है, और वहां की रिकॉर्ड निर्यात ने भारतीय स्टील बाजार पर दबाव बढ़ा दिया है. साथ ही, भारत में स्टील की मांग में भी कमी आई है, जिससे घरेलू कीमतें प्रभावित हो रही हैं. इस बीच, निदेशक जनरल ऑफ ट्रेड रेमेडीज (DGTR) ने स्टील आयात पर सेफगार्ड ड्यूटी लगाने के लिए जांच शुरू कर दी है.
टाटा स्टील की रणनीति और भविष्य की योजनाएं
टाटा स्टील अपने बिजनेस को मजबूत करने के लिए कई रणनीतियां अपना रही है, जिनमें प्रमुख रूप से निम्नलिखित शामिल हैं
- कंपनी 75 फीसदी ऑटोमोटिव स्टील को प्रोसेस्ड या रेडी-टू-यूज बना रही है, जिससे ग्राहकों को अधिक सुविधा मिलेगी.
- “आशियाना” ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म के जरिए घर बनाने वालों को सपोर्ट किया जा रहा है.
- टाटा स्टील कार्बन एमिशन को कम करने के लिए काम कर रही है.
- कालीगनर प्लांट की एफिशिएंसी बढ़ाकर उत्पादन लागत को कम करने की योजना बनाई जा रही है.
- कंपनी 4,000 करोड़ रुपये से अधिक की वर्किंग कैपिटल को बेहतर तरीके से मैनेज करने की योजना बना रही है.
- नीदरलैंड में भी लागत कम करने की योजनाएं बनाई जा रही हैं, जिससे कंपनी के वित्तीय प्रदर्शन को मजबूती मिलेगी.
टाटा समूह के अन्य कंपनियों का मार्केट कैप

टाटा स्टील का प्रोफाइल
टाटा स्टील लिमिटेड भारत की एक प्रमुख स्टील निर्माता कंपनी है, जिसकी सलाना प्रोडक्शन क्षमता 35 मिलियन टन है. यह कंपनी स्टील के निर्माण और ग्लोबल लेवल पर इसकी आपूर्ति के कारोबार में लगी हुई है.
Trent के शेयरों का प्रदर्शन
7 मार्च तक Trent के शेयरों का भाव 5,096 रुपये था. पिछले एक महीने में इसमें 12 फीसदी की गिरावट देखी गई है. वहीं एक साल में शेयर ने 30 फीसदी और 5 साल में 650 फीसदी से ज्यादा का रिटर्न दिया है.

Tata Steel के शेयरों का हाल
7 मार्च तक बाजार बंद होने के बाद इसके शेयरों का भाव 150.44 रुपये था. बीते एक हफ्ते में इसमें 8.67 फीसदी वहीं, 12 फीसदी की रिटर्न दिया है. लंबी अवधि में देखें तो इसने 345 फीसदी का रिटर्न दिया है.

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