इस मेटल स्टॉक ने निवेशकों को किया मालामाल, 5 साल में 1 लाख को बना दिया 1.38 करोड़; देखें फंडामेंटल

लॉयड्स मेटल्स एंड एनर्जी लिमिटेड ने पिछले 5 साल में 13,738 फीसदी का जबरदस्त रिटर्न दिया है. कंपनी ने जून 2025 (Q1 FY26) में 2,384 करोड़ रुपये की इनकम की. यह पिछले साल की तुलना में 1.4 फीसदी कम है, लेकिन पिछली तिमाही (Q4 FY25) के 1,193 करोड़ रुपये से दोगुनी है. कंपनी का मुनाफा Q1 FY26 में 642 करोड़ रुपये रहा, जो पिछले साल के 557 करोड़ रुपये से 15 फीसदी ज्यादा है.

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Lloyds Metals & Energy: लॉयड्स मेटल्स एंड एनर्जी लिमिटेड ने पिछले 5 साल में 13,738 फीसदी का जबरदस्त रिटर्न दिया है. यानी अगर किसी ने साल 2020 में इस कंपनी में 1 लाख रुपये लगाए होते, तो आज वह राशि 1.38 करोड़ रुपये बन चुकी होती. सितंबर 2020 में लॉयड्स मेटल्स का शेयर सिर्फ 9.38 रुपये का था. आज यह 1,298 रुपये प्रति शेयर पर ट्रेड कर रहा है. यानी 5 साल में इसकी कीमत में 13,738 फीसदी की बढ़ोतरी हुई. अगर किसी ने साल 2020 में 1 लाख रुपये लगाए होते, तो आज उसकी वैल्यू 1,38,38,000 रुपये होती. पिछले 1 साल में भी इस शेयर ने 66 फीसदी का रिटर्न दिया है. कंपनी का मार्केट कैपिटलाइजेशन 67,706 करोड़ रुपये है. ऐसे में आइए इस कंपनी के बारे में विस्तार जानते है.

क्या करती है कंपनी?

लॉयड्स मेटल्स पिछले 50 साल से भारत में मेटल्स और माइनिंग सेक्टर में काम कर रही है. यह भारत की सबसे बड़ी स्टील और माइनिंग कंपनियों में से एक है. इसका मुख्यालय महाराष्ट्र में है और इसके बड़े ऑपरेशन्स चंद्रपुर और गढ़चिरौली में हैं, जो भारत के खनिज संसाधनों से भरपूर क्षेत्र हैं. कंपनी के पास भारत की सबसे बड़ी आयरन ओर खदान है. यह खदान हर साल 26 मिलियन टन Iron ore की आपूर्ति करने की क्षमता बढ़ा रही है. कंपनी पर्यावरण को बचाने के लिए भी काम कर रही है. यह बैटरी से चलने वाले वाहन, इलेक्ट्रिक वाहन, स्लरी पाइपलाइन और रेन्यूएबल एनर्जी का उपयोग करती है, ताकि प्रदूषण कम हो.

लॉयड्स मेटल्स के मुख्य प्रोडक्ट इस प्रकार हैं

  1. आयरन ओर: यह स्टील बनाने का मुख्य कच्चा माल है. इसका उपयोग इमारतें, गाड़ियां, और अन्य निर्माण कार्यों में होता है.
  2. डीआरआई (डायरेक्ट रिड्यूस्ड आयरन): इसे स्पंज आयरन भी कहते हैं. यह आयरन ओर से बनता है और स्टील बनाने में स्क्रैप की जगह उपयोग होता है. इससे स्टील की क्वालिटी बेहतर होती है.
  3. पेलेट्स: यह आयरन ओर का शुद्ध और गाढ़ा रूप है. यह स्टील बनाने में ऊर्जा बचाने में मदद करता है.
  4. स्टील: कंपनी स्टील बनाती है, जो बुनियादी ढांचे और उद्योगों के लिए जरूरी है.
  5. पावर: कंपनी खनन और स्टील बनाने के लिए अपनी बिजली बनाती है. यह थर्मल और रिन्यूएबल पावर दोनों का इस्तेमाल करती है.

वित्तीय प्रदर्शन

कंपनी ने जून 2025 (Q1 FY26) में 2,384 करोड़ रुपये की इनकम की. यह पिछले साल की तुलना में 1.4 फीसदी कम है, लेकिन पिछली तिमाही (Q4 FY25) के 1,193 करोड़ रुपये से दोगुनी है. कंपनी का मुनाफा Q1 FY26 में 642 करोड़ रुपये रहा, जो पिछले साल के 557 करोड़ रुपये से 15 फीसदी ज्यादा है. पिछली तिमाही के 202 करोड़ रुपये की तुलना में यह 218 फीसदी ज्यादा है.

  • आयरन ओर सेगमेंट: इस सेगमेंट ने Q1 FY26 में 2,089.2 करोड़ रुपये की आय कमाई, जो पिछले साल से 8 फीसदी ज्यादा है. इस दौरान 3.45 मिलियन टन आयरन ओर बिका, जो पिछले साल के 3.39 मिलियन टन से थोड़ा ज्यादा है.
  • डीआरआई और पावर सेगमेंट: इस सेगमेंट की आय Q1 FY26 में 249.9 करोड़ रुपये रही, जो पिछले साल के 277.2 करोड़ रुपये से 10 फीसदी कम है. लेकिन डीआरआई की बिक्री 78.92 हजार टन हो गई, जो पिछले साल के 76.42 हजार टन से ज्यादा है. पावर की बिक्री 45.10 मिलियन यूनिट रही, जो पिछले साल के 49.10 मिलियन यूनिट से थोड़ी कम है.

क्या आगे का प्लान

लॉयड्स मेटल्स अपनी क्षमता बढ़ाने के लिए बड़े कदम उठा रही है. FY25 में कंपनी ने 10 मिलियन टन आयरन ओर और 340,000 टन डीआरआई का प्रोडक्शन किया. लेकिन अब कंपनी के टारगेट और बड़े हैं. लॉयड्स मेटल्स एंड एनर्जी ने अपने शानदार प्रदर्शन से निवेशकों को मालामाल कर दिया है. 5 साल में 1 लाख रुपये को 1.38 करोड़ रुपये बनाने वाली यह कंपनी शेयर बाजार में चमक रही है.

डेटा सोर्स: Trade Brains, BSE, Groww

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