शेयर बाजार में सोमवार को होगा धमाका! अडानी ग्रुप का 60 अरब डॉलर का दांव; 2 दिग्गज शेयर होंगे हाइलाइट
भारत का ऊर्जा क्षेत्र अगले कुछ वर्षों में बड़े बदलाव की दहलीज पर है. एक प्रमुख कारोबारी समूह ने आने वाले सात सालों में अरबों डॉलर झोंकने का ऐलान किया है. इस कदम का असर न केवल बिजली उत्पादन और ग्रिड विस्तार पर पड़ेगा, बल्कि शेयर बाजार में भी हलचल देखने को मिल सकती है.

देश का एनर्जी सेक्टर आने वाले वर्षों में एक बड़ा बदलाव देख सकता है. अडानी ग्रुप ने आने वाले सात सालों में पावर और नवीकरणीय ऊर्जा (Renewable Energy) पर करीब 60 अरब डॉलर खर्च करने की योजना बनाई है. इस निवेश से न केवल भारत की बढ़ती बिजली जरूरतों को पूरा करने में मदद मिलेगी, बल्कि शेयर बाजार में इस समूह की दो अहम कंपनियों के दामों पर भी असर पड़ सकता है, और अगर ग्रुप इंवेस्टमेंट सक्सेस हुआ तो संभावना है कि कंपनी के शेयरों को बूस्ट मिलेगा. निवेश योजना के बाद अडानी के 2 कंपनी के शेयरों में रफ्तार देखने को मिल सकती है.
नवीकरणीय ऊर्जा पर फोकस
कंपनी की योजना है कि वित्त वर्ष 2030 तक करीब 21 अरब डॉलर का निवेश कर 14.2 गीगावाट (FY25) से क्षमता बढ़ाकर 50 गीगावाट तक पहुंचाई जाए. इसके जरिए सोलर और विंड पावर प्रोजेक्ट्स को तेजी से विस्तार दिया जाएगा. नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में भारत पहले से ही चौथे स्थान पर है और आने वाले समय में यहां 300 अरब डॉलर से ज्यादा के निवेश अवसर मौजूद हैं.
ट्रांसमिशन नेटवर्क का विस्तार
निवेश का एक बड़ा हिस्सा बिजली की ट्रांसमिशन और डिस्ट्रीब्यूशन क्षमता बढ़ाने में लगेगा. इसके लिए कंपनी ने 17 अरब डॉलर का बजट रखा है. लक्ष्य है कि FY30 तक देशभर में 30,000 किलोमीटर लंबी ट्रांसमिशन लाइनों का नेटवर्क खड़ा किया जाए, जबकि FY25 तक यह आंकड़ा 19,200 किलोमीटर है. भारत सरकार का अनुमान है कि FY32 तक देश का ट्रांसमिशन नेटवर्क 6,48,000 किलोमीटर तक पहुंच जाएगा, जिसमें 110 अरब डॉलर तक का निवेश अवसर छिपा है.
थर्मल पावर में भी बड़ा दांव
हालांकि नवीकरणीय ऊर्जा पर फोकस है, लेकिन थर्मल पावर को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता. Adani Power के जरिए लगभग 22 अरब डॉलर तक का निवेश कर मौजूदा 17.6 GW क्षमता को FY32 तक 41.9 GW तक बढ़ाने की योजना है. कोयले से चलने वाले पावर प्लांट अब भी भारत की बेसलोड पावर सप्लाई का आधार बने हुए हैं. अनुमान है कि FY32 तक थर्मल क्षमता 309 गीगावाट तक पहुंचेगी, जिसके लिए 91 अरब डॉलर के निवेश की जरूरत होगी.
भारत दुनिया का सबसे तेजी से बढ़ता हुआ बिजली बाजार माना जाता है. FY25 के 475 गीगावाट से बढ़कर FY32 तक कुल क्षमता 1,000 गीगावाट तक पहुंच सकती है, जिसकी सालाना ग्रोथ रेट 11 फीसदी रहने का अनुमान है. इस तेजी में निजी कंपनियों को भी बड़ा अवसर दिख रहा है.
कंपनियों और शेयरों पर असर
समूह की यह योजना Adani Green Energy (AGEL) और Adani Power जैसी कंपनियों के व्यापार मॉडल को सीधे प्रभावित करेगी. अडानी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड (AGEL) बड़े पैमाने पर ग्रिड से जुड़ी सोलर और विंड फार्म परियोजनाओं को विकसित करने, बनाने, स्वामित्व रखने, संचालन करने और उनका रखरखाव करने का काम करती है.
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वहीं अडानी पावर भारत की सबसे बड़ी निजी थर्मल पावर उत्पादक कंपनी है, जिसकी कैपेसिटी गुजरात, महाराष्ट्र, कर्नाटक, राजस्थान, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, झारखंड और तमिलनाडु में फैली हुई है. इसके अलावा कंपनी गुजरात में 40 मेगावाट का सौर ऊर्जा प्रोजेक्ट भी संचालित करती है. अभी ADANI GREEN का शेयर लगभग 929 रुपये के आस-पास और ADANI POWER का शेयर लगभग 610 रुपये प ट्रेड कर रहा है.
डिस्क्लेमर: मनी9लाइव किसी स्टॉक, म्यूचुअल फंड, आईपीओ में निवेश की सलाह नहीं देता है. यहां पर केवल जानकारी दी गई है. निवेश से पहले अपने वित्तीय सलाहकार की राय जरूर लें.
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