अनक्लेम्ड डिविडेंड और शेयरों का ट्रांसफर होगा आसान, MCA-SEBI तैयार कर रहे फ्रेमवर्क, समिति ने सौंपी रिपोर्ट

कॉरपोरेट मामलों का मंत्रालय (MCA) ने शनिवार को कहा कि वह पुराने शेयरों और डिविडेंड को निवेशकों तक जल्दी और आसानी से पहुंचाने के लिए डॉक्यूमेंटेशन की प्रक्रिया को आसान करने की तैयारी में है. IEPFA ने मौजूदा प्रोसेस की समीक्षा करने और डॉक्यूमेंटशन को आसान बनाने के लिए सुझाव देने के लिए एक समिति बनाई थी. इस समिति में सरकार, नियामक संस्थाएं और उद्योग के प्रतिनिधि शामिल थे. अब इस समिति ने अपनी रिपोर्ट सौंप दी है.

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Unclaimed Dividend and shares: कॉरपोरेट मामलों का मंत्रालय (MCA) ने शनिवार को कहा कि वह पुराने शेयरों और डिविडेंड को निवेशकों तक जल्दी और आसानी से पहुंचाने के लिए डॉक्यूमेंटेशन की प्रक्रिया को आसान करने की तैयारी में है. जब निवेशक सात साल तक अपने शेयर, डिविडेंड या मेच्योर डिबेंचर का दावा नहीं करते, तो कंपनियां इन्हें मंत्रालय के तहत बने निवेशक IEPFA को ट्रांसफर कर देती हैं. IEPFA ने मौजूदा प्रोसेस की समीक्षा करने और डॉक्यूमेंटशन को आसान बनाने के लिए सुझाव देने के लिए एक समिति बनाई थी. इस समिति में सरकार, नियामक संस्थाएं और उद्योग के प्रतिनिधि शामिल थे. अब इस समिति ने अपनी रिपोर्ट सौंप दी है.

आसान हो जाएगी प्रक्रिया

समिति के सुझावों को लागू करने के बाद, कम कीमत के दावों के लिए प्रक्रिया आसान हो जाएगी. ये सुझाव उन दावों पर लागू होंगे, जिनकी कीमत फिजिकल सिक्योरिटीज के लिए 5 लाख रुपये तक और डीमैट सिक्योरिटीज के लिए 15 लाख रुपये तक होगी. इसके अलावा 10000 रुपये तक के डिविडेंड दावों पर भी ये लागू होंगे. मंत्रालय का कहना है कि इस पहल से दावों को निपटाने में लगने वाला समय काफी कम हो जाएगा. इसके अलाव प्रक्रिया में पारदर्शिता बढ़ेगी और निवेशकों को परेशानी मुक्त सर्विसेज मिलेंगी.

समिति में ये लोग थे शामिल

समिति में कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय, IEPFA, सेबी (SEBI), ICAI (चार्टर्ड अकाउंटेंट्स संस्थान), कॉस्ट अकाउंटेंट्स संस्थान, कंपनी सचिव संस्थान और उद्योग संगठनों जैसे CII, FICCI, PHDCCI और रजिस्ट्रार एसोसिएशन ऑफ इंडिया के प्रतिनिधि शामिल थे. इस कदम से उन निवेशकों को फायदा होगा, जिनके पुराने शेयर या डिविडेंड IEPFA के पास जमा हैं. अक्सर निवेशक कॉम्प्लेक्स और लंबी प्रक्रिया के कारण अपने दावे नहीं कर पाते. अब सरल नियमों के साथ, छोटे निवेशकों को अपने पैसे वापस पाने में आसानी होगी.

मददगार होगा साबित

यह कदम खासकर उन लोगों के लिए मददगार होगा, जिनके पास कम कीमत के शेयर या डिविडेंड लंबे समय से लंबित हैं. मंत्रालय का लक्ष्य है कि इस सुधार से निवेशकों का भरोसा बढ़े और वे बिना किसी परेशानी के अपनी संपत्ति पर दावा कर सकें. यह प्रक्रिया न केवल तेज होगी, बल्कि अधिक पारदर्शी और निवेशक-अनुकूल भी होगी.

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