अक्टूबर के बाद निफ्टी का यह हफ्ता क्यों रहा सबसे असामान्य और आगे क्या संकेत मिलते हैं?

पिछले हफ्ते शेयर बाजार की चाल जितनी शांत दिखी, उसके संकेत उतने ही गहरे हैं. निफ्टी, सेंसेक्स और बैंक निफ्टी के चार्ट कुछ ऐसा इशारा कर रहे हैं, जिस पर निवेशकों की नजर टिक गई है. आगे की दिशा अब बेहद अहम होने वाली है.

शेयर मार्केट Image Credit: FreePik

सुदीप शाह- पिछले हफ्ते, बेंचमार्क इंडेक्स निफ्टी केवल 321 अंकों के बेहद सीमित दायरे में कारोबार करता नजर आया. यह अक्टूबर के पहले हफ्ते के बाद का सबसे संकरा साप्ताहिक दायरा था. हालांकि दायरा छोटा रहा, लेकिन उतार-चढ़ाव काफी ऊंचा बना रहा, क्योंकि हर ट्रेडिंग सेशन में निफ्टी या तो गैप-अप के साथ खुला या गैप-डाउन के साथ. हाई वोलैटिलिटी और सीमित रेंज का यह मेल साफ तौर पर बाजार में अनिश्चितता को दर्शाता है, जहां न तो बुल्स और न ही बियर्स कोई एग्रेशिव पोजिशन लेने को तैयार दिखे. हफ्ते के अंत में निफ्टी 25,966 के स्तर पर बंद हुआ और एक छोटी बॉडी वाली कैंडल बनी, जिसके दोनों ओर शैडो हैं. ऐसा पैटर्न अक्सर किसी बड़े दिशा वाले मूव से पहले देखने को मिलता है, जिससे यह सवाल अहम हो जाता है कि बाजार अगला कदम किस ओर बढ़ाने की तैयारी में है.

हफ्ते के दौरान एक अहम तकनीकी संकेत यह रहा कि निफ्टी ने अपने 50-दिन के EMA के पास सपोर्ट लिया और वहां से तेजी से उछाल दिखाया. इस प्राइस मूवमेंट के चलते डेली चार्ट पर Adam & Adam डबल बॉटम पैटर्न बनता हुआ नजर आया है. आगे चलकर अगर निफ्टी इस पैटर्न की नेकलाइन रेजिस्टेंस के ऊपर टिकाऊ ब्रेकआउट देता है, तो यह तेज तेजी का ट्रिगर बन सकता है. हालांकि असली संकेत इस बात से मिलेगा कि इस सेटअप के साथ ब्रॉडर मार्केट किस तरह की चाल दिखाता है.

दिलचस्प बात यह है कि ब्रॉडर मार्केट के इंडेक्स, निफ्टी मिडकैप 100 और निफ्टी स्मॉलकैप 100 ने भी अपने हालिया निचले स्तरों से अच्छी रिकवरी दिखाई. दोनों इंडेक्स में छोटी बॉडी वाली कैंडल बनी, जिनमें लंबी लोअर शैडो दिखी, जो निचले स्तरों पर नई खरीदारी की रुचि का संकेत देती है. ऐसे में सोमवार का ट्रेडिंग सेशन ब्रॉडर मार्केट के लिए काफी अहम रहेगा, क्योंकि यहीं से तय होगा कि यह उछाल चुनिंदा शेयरों तक सीमित रहता है या एक व्यापक रैली का रूप लेता है.

निफ्टी के अहम स्तर

लेवल्स के नजरिये से देखें तो निफ्टी के लिए 26,050–26,100 का नेकलाइन रेजिस्टेंस जोन सबसे बड़ी बाधा रहेगा. अगर निफ्टी 26,100 के ऊपर मजबूती से निकलता है, तो शॉर्ट टर्म में 26,300 और उसके बाद 26,500 तक की तेज तेजी देखने को मिल सकती है. वहीं नीचे की ओर 25,770–25,700 का जोन मजबूत सपोर्ट का काम करेगा, क्योंकि यहां पहले का स्विंग लो और 50-दिन का EMA दोनों का संगम है. यही स्तर आगे बाजार की अगली ट्रेंडिंग फेज की दिशा तय करेंगे.

सेंसेक्स आउटलुक

सेंसेक्स ने भी पूरा हफ्ता केवल 1,040 अंकों के सीमित दायरे में बिताया, जो हाल के समय की सबसे संकरी साप्ताहिक रेंज में से एक है. वीकली टाइमफ्रेम पर सेंसेक्स में डोजी कैंडल बनी है, जो खरीद और बिक्री के दबाव के बीच संतुलन और अनिश्चितता को दिखाती है. हफ्ते के दौरान इंडेक्स को 50-दिन के EMA के पास सपोर्ट मिला और डेली चार्ट पर डबल बॉटम जैसी संरचना बनती दिखाई दी. अगर इस पैटर्न की नेकलाइन के ऊपर साफ ब्रेकआउट मिलता है, तो यह अच्छी तेजी का रास्ता खोल सकता है.

फिलहाल सेंसेक्स अपने शॉर्ट टर्म और लॉन्ग टर्म दोनों मूविंग एवरेज के ऊपर बना हुआ है, जो अंदरूनी तौर पर पॉजिटिव ट्रेंड को दर्शाता है. हालांकि मोमेंटम इंडिकेटर्स अभी पूरी ताकत की पुष्टि नहीं कर रहे हैं. डेली RSI हाल के सत्रों में 46 से 55 के दायरे में ही घूमता रहा है, जबकि स्टोकेस्टिक ऑस्सीलेटर भी साइडवेज चल रहा है. MACD हिस्टोग्राम का जीरो लाइन से नीचे रहना भी इस बात का संकेत है कि फिलहाल मजबूत दिशा वाला मोमेंटम गायब है.

आगे की बात करें तो 85,300–85,400 का नेकलाइन रेजिस्टेंस जोन नजर रखने लायक होगा. अगर सेंसेक्स 85,400 के ऊपर टिकाऊ ब्रेकआउट देता है, तो 86,000 की ओर तेज उछाल संभव है और उसके बाद 86,500 तक की भी गुंजाइश बन सकती है. नीचे की ओर 50-दिन का EMA, जो करीब 84,300–84,200 के आसपास है, मजबूत सपोर्ट का काम कर सकता है.

बैंक निफ्टी पर नजर

बैंकिंग सेक्टर का प्रमुख इंडेक्स बैंक निफ्टी भी हफ्ते के दौरान केवल 820 अंकों के सीमित दायरे में रहा, जो अक्टूबर के आखिरी हफ्ते के बाद सबसे संकरी साप्ताहिक चाल है. वीकली चार्ट पर बनी डोजी कैंडल बढ़ती अनिश्चितता और खरीदार-बिक्री करने वालों के बीच संतुलन को दिखाती है.

हाल के सत्रों में बैंक निफ्टी अपने 20-दिन के EMA के आसपास ही घूमता रहा है. लंबे समय से चल रही यह कंसोलिडेशन मूविंग एवरेज को भी फ्लैट कर चुकी है, जो मोमेंटम में ठहराव का संकेत है. मोमेंटम इंडिकेटर्स भी फिलहाल किसी साफ दिशा की कमी की ओर इशारा कर रहे हैं.

आगे चलकर 58,700–58,600 का जोन अहम सपोर्ट रहेगा, जो पहले के स्विंग लो से मेल खाता है. ऊपर की ओर 59,400–59,500 का दायरा मजबूत रेजिस्टेंस बन सकता है. अगर बैंक निफ्टी 59,500 के ऊपर भरोसेमंद और टिकाऊ ब्रेकआउट देता है, तो 60,200 तक की तेज तेजी देखने को मिल सकती है.

बैंकिंग स्पेस के भीतर PSU बैंक और मिड-साइज प्राइवेट सेक्टर बैंक अपेक्षाकृत बेहतर प्रदर्शन कर सकते हैं.

ध्यान रखने योग्य अहम ट्रिगर

बाजार के लिए सबसे बड़ा ट्रिगर भारत–अमेरिका ट्रेड एग्रीमेंट को लेकर स्पष्टता रहेगी, जिस पर निवेशकों की करीबी नजर है. इस मोर्चे पर कोई ठोस प्रगति या आधिकारिक पुष्टि बाजार की धारणा को मजबूत कर सकती है और इक्विटी को साफ दिशा दे सकती है.

इसके बाद ध्यान 3QFY26 के बिजनेस अपडेट्स पर जाएगा, जो डिमांड, मार्जिन ट्रेंड और सेक्टर-वाइज मजबूती की तस्वीर पेश करेंगे. इसी के साथ जनवरी से शुरू होने वाला बड़े आईटी सर्विसेज कंपनियों का अर्निंग सीजन भी अहम रहेगा. इंडेक्स में भारी वेटेज और कॉरपोरेट आउटलुक पर असर के चलते, आईटी सेक्टर के नतीजे नए साल की शुरुआत में बाजार की दिशा तय करने में बड़ी भूमिका निभा सकते हैं.

सेक्टर फोकस

तकनीकी नजरिये से निफ्टी ऑटो, आईटी, मेटल और PSU बैंक सेक्टर निकट अवधि में बेहतर मजबूती दिखाते रह सकते हैं और आउटपरफॉर्मर बने रह सकते हैं.वहीं निफ्टी FMCG और मीडिया सेक्टर के ब्रॉडर मार्केट से पीछे रहने की आशंका है, यानी शॉर्ट टर्म में इनका प्रदर्शन अपेक्षाकृत कमजोर रह सकता है.

स्टॉक्स पर फोकस

स्टॉक-विशेष के स्तर पर कुछ नाम ऐसे हैं, जिनकी तकनीकी स्थिति मजबूत दिख रही है और रिलेटिव परफॉर्मेंस भी अच्छी है. KEI Industries, One 97 Communications (Paytm), Samvardhana Motherson International, TVS Motor Company, JK Tyre & Industries, CEAT, APL Apollo Tubes और Bharat Forge जैसे शेयर अनुकूल प्राइस स्ट्रक्चर के साथ ट्रेड कर रहे हैं. इन शेयरों का प्रमुख मूविंग एवरेज के ऊपर बने रहना और मोमेंटम इंडिकेटर्स का मजबूत होना आगे भी मजबूती का संकेत देता है, जिससे ये निकट अवधि में बेहतर रिटर्न की तलाश कर रहे ट्रेडर्स के लिए आकर्षक बने हुए हैं.

आईटी स्टॉक्स पर नजर

पिछले कुछ हफ्तों में निफ्टी आईटी ने लगातार फ्रंटलाइन इंडेक्स से बेहतर प्रदर्शन किया है. यह मजबूती रेशियो चार्ट में भी साफ दिखती है, जो 108 दिनों के उच्च स्तर पर पहुंच चुका है और अभी भी ऊपर की ओर ट्रेंड कर रहा है. यह ब्रॉडर मार्केट के मुकाबले लगातार आउटपरफॉर्मेंस का संकेत है.

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तकनीकी तौर पर इंडेक्स अपने सभी प्रमुख मूविंग एवरेज के ऊपर मजबूती से बना हुआ है और ये एवरेज ऊपर की ओर झुक रहे हैं, जो एक मजबूत बुलिश ट्रेंड को दर्शाता है. मोमेंटम इंडिकेटर्स भी प्राइस एक्शन के साथ तालमेल में हैं और तेजी को सपोर्ट कर रहे हैं.

इन सभी तकनीकी और रिलेटिव स्ट्रेंथ संकेतों के साथ आईटी इंडेक्स आने वाले सत्रों में अपनी ऊपर की चाल को आगे बढ़ाने के लिए अच्छी स्थिति में नजर आता है.

(लेखक एसबीआई सिक्योरिटीज में टेक्निकल और डेरिवेटिव रिसर्च हेड हैं. प्रकाशित विचार उनके निजी हैं.)