Ola vs Anant Raj: एक तरफ प्रमोटर की बिकवाली, दूसरी तरफ खरीदारी; निवेशक किस संकेत को मानें?
शेयर बाजार में प्रमोटर का कुछ शेयर बेचना अपने आप में गलत नहीं होता. कई बार प्रमोटर निजी जरूरतों या कर्ज चुकाने के लिए ऐसा करते हैं. इतिहास में ऐसे कई उदाहरण हैं, जहां प्रमोटर शेयर बेचने के बाद भी कंपनी ने निवेशकों को शानदार रिटर्न दिए. Page Industries इसका बड़ा उदाहरण है.
Ola vs Anant Raj: हाल ही में Ola Electric एक बार फिर खबरों में रही, लेकिन किसी नए प्रोडक्ट या सुधार की वजह से नहीं. चर्चा का कारण बने कंपनी के फाउंडर Bhavish Aggarwal, जिन्होंने अपनी निजी हिस्सेदारी का एक हिस्सा बेचा. इस बिक्री से करीब 3.93 फीसदी गिरवी रखे गए शेयर मुक्त हुए और प्रमोटर स्तर का लगभग 2.6 अरब रुपये का कर्ज चुकाया गया.
प्रमोटर शेयर बेचें तो क्या गलत है?
शेयर बाजार में प्रमोटर का कुछ शेयर बेचना अपने आप में गलत नहीं होता. कई बार प्रमोटर निजी जरूरतों या कर्ज चुकाने के लिए ऐसा करते हैं. इतिहास में ऐसे कई उदाहरण हैं, जहां प्रमोटर शेयर बेचने के बाद भी कंपनी ने निवेशकों को शानदार रिटर्न दिए. Page Industries इसका बड़ा उदाहरण है.
तो फिर बाजार क्यों घबराया?
इस बार निवेशकों को बेचैनी “टाइमिंग” से हुई. ओला का शेयर इस वक्त अपने लाइफटाइम लो के आसपास ट्रेड कर रहा है. यानी जब शेयर पहले ही कमजोर है, तब प्रमोटर की बिक्री ने नकारात्मक संदेश दिया. एक साल पहले, ओला का आईपीओ 76 रुपये पर आया था. तब कंपनी घाटे में थी और आज भी घाटे में है. उस वक्त प्रमोटर ने कहा था कि आईपीओ सस्ता रखा गया है ताकि निवेशकों को फायदा हो. लेकिन अब, उसी शेयर को 50% से ज्यादा नीचे बेचने से पुराने बयान खोखले लगने लगे.
IPO और रिटेल निवेशक की सच्चाई
अक्सर देखा गया है कि IPO रिटेल निवेशकों के लिए सबसे खराब सौदे साबित होते हैं. खासकर तब, जब प्रमोटर या शुरुआती निवेशक ऑफर फॉर सेल के जरिए अपने शेयर निकालते हैं. मार्केट के दिग्गज Shankar Sharma का एक बयान इस पर सटीक बैठता है यह बुल मार्केट गरीब से अमीर की ओर पैसा ट्रांसफर करने वाला बन जाता है. यानी ज्यादातर IPO “वेल्थ क्रिएशन” नहीं, बल्कि “वेल्थ एक्सट्रैक्शन” होते हैं.
इनसाइडर सेलिंग नहीं, इनसाइडर बाइंग पर नजर
अनुभवी निवेशक कहानियों के पीछे नहीं भागते. वे देखते हैं कि प्रमोटर खुद क्या कर रहे हैं. मशहूर निवेशक Peter Lynch ने कहा था इनसाइडर कई कारणों से शेयर बेचते हैं, लेकिन खरीदते सिर्फ एक वजह से हैं उन्हें लगता है शेयर ऊपर जाएगा.
अनंत राज का ओला के उलट संकेत
दिसंबर में Anant Raj ने बिल्कुल उलटा संकेत दिया. इस रियल एस्टेट कंपनी के प्रमोटरों ने खुले बाजार से करीब 10.8 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे. औसत खरीद कीमत करीब 507 रुपये रही, जो मौजूदा भाव के आसपास है और हाल ही में आए 662 रुपये के QIP प्राइस से भी कम है.
क्यों अहम है यह संकेत?
अनंत राज लगभग कर्ज-मुक्त है और इसके वित्तीय नतीजों में लगातार सुधार दिख रहा है. साथ ही, भारत में बढ़ते डेटा सेंटर सेक्टर का फायदा भी कंपनी उठा रही है. प्रमोटरों द्वारा अपने पैसों से शेयर खरीदना निवेशकों के लिए भरोसे का संकेत माना जाता है. यह कोई निवेश सलाह नहीं है, बल्कि एक सीख है. बाजार में कीमतें चुपचाप सच बताती हैं, कहानियां जोर से शोर मचाती हैं, लेकिन प्रमोटर का पैसा धीरे से सच्चाई बता देता है. अब सवाल आपके लिए है अगली बड़ी खबर में आप कहानी पर भरोसा करेंगे या प्रमोटर के पैसों के संकेत पर?
सोर्स: Groww, Equity master
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डिस्क्लेमर: Money9live किसी स्टॉक, म्यूचुअल फंड, आईपीओ में निवेश की सलाह नहीं देता है. यहां पर केवल स्टॉक्स की जानकारी दी गई है. निवेश से पहले अपने वित्तीय सलाहकार की राय जरूर लें.
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