AI की जंग में जुकरबर्ग का बड़ा दांव! गूगल के ‘Banana’ के बाद Meta लेकर आएगा ‘Mango’, जानें क्या होगा खास

Meta इमेज और वीडियो के लिए एक नए AI मॉडल ‘Mango’ पर काम कर रही है, जिसके 2026 की पहली छमाही में लॉन्च होने की उम्मीद है. ओपन-सोर्स पहचान के बावजूद Meta अब क्लोज्ड और पेड AI मॉडल की दिशा में बढ़ती दिख रही है, जिससे OpenAI और Google को सीधी टक्कर मिल सकती है.

मेटा मैंगो और गूगल बनाना Image Credit: @Canva/Money9live

Meta Mango and Google Banana: आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) की दुनिया में मुकाबला अब सिर्फ टेक्नोलॉजी तक सीमित नहीं रह गया है, बल्कि टैलेंट और इनोवेशन की रेस भी तेज हो चुकी है. Meta के CEO मार्क जुकरबर्ग ने पिछले कुछ महीनों में जिस आक्रामक तरीके से बड़ी-बड़ी टेक कंपनियों से AI एक्सपर्ट्स को अपनी टीम में शामिल किया है, उससे पूरी इंडस्ट्री में हलचल मच गई है. अब इसी रणनीति को आगे बढ़ाते हुए Meta एक बिल्कुल नए और खास AI मॉडल पर काम कर रही है, जिसका कोडनेम ‘Mango’ रखा गया है. यह मॉडल खासतौर पर इमेज और वीडियो से जुड़े कामों के लिए डिजाइन किया जा रहा है और इसके 2026 की पहली छमाही में लॉन्च होने की उम्मीद है.

इमेज-वीडियो के लिए खास होगा Mango AI

Mango सिर्फ एक आम इमेज जनरेशन टूल नहीं होगा. रिपोर्ट्स और लीक के मुताबिक, यह मॉडल विजुअल डेटा को समझने में कहीं ज्यादा एडवांस होगा और फिजिकल वर्ल्ड को समझने की क्षमता में मौजूदा AI मॉडलों से आगे निकल सकता है. कहा जा रहा है कि इसका टेक्स्ट-टू-वीडियो फीचर इंडस्ट्री में नया बेंचमार्क सेट कर सकता है. यानी यूजर सिर्फ टेक्स्ट लिखकर पहले से ज्यादा रियलिस्टिक और डिटेल्ड वीडियो बना सकेंगे, जो क्रिएटर्स और एंटरप्राइज दोनों के लिए गेम-चेंजर साबित हो सकता है.

ओपन-सोर्स से क्लोज्ड मॉडल की ओर Meta?

अब तक Meta को ओपन-सोर्स AI का बड़ा चेहरा माना जाता रहा है, खासकर उसके Llama मॉडल्स की वजह से. लेकिन Mango के साथ Meta का रुख बदलता नजर आ रहा है. माना जा रहा है कि यह मॉडल क्लोज्ड हो सकता है, जहां फ्री एक्सेस बेहद सीमित रहेगा और बड़े फीचर्स के लिए यूजर्स को भुगतान करना पड़ सकता है. यानी OpenAI के Sora और Google के Gemini जैसे प्रीमियम AI टूल्स की तरह Meta भी अब सीधे तौर पर AI से कमाई करने की दिशा में कदम बढ़ा रही है.

टेक्स्ट AI पर भी काम जारी

Meta सिर्फ विजुअल AI तक ही सीमित नहीं है. कंपनी एक अलग टेक्स्ट-बेस्ड AI मॉडल पर भी काम कर रही है, जिसका कोडनेम ‘Avocado’ बताया जा रहा है. उम्मीद है कि Avocado भी Mango के आसपास ही, यानी 2026 की पहली छमाही में लॉन्च किया जाएगा. इससे साफ है कि Meta AI के हर सेगमेंट में अपनी पकड़ मजबूत करना चाहती है.

OpenAI और Google से सीधा मुकाबला

AI रेस में फिलहाल बाजी OpenAI और Google के हाथ में नजर आती है. टेक्स्ट, इमेज, वीडियो और सर्च- हर नए इनोवेशन का श्रेय इन्हीं कंपनियों को मिल रहा है. Perplexity जैसे नए प्लेयर्स भी तेजी से आगे बढ़ रहे हैं. ऐसे में Meta के लिए इन दिग्गजों से मुकाबला करना आसान नहीं होगा. हालांकि, भारी निवेश, टॉप टैलेंट और बड़े यूजर बेस के दम पर जुकरबर्ग एक बार फिर गेम पलटने की कोशिश में हैं.

अब नजर लॉन्च के बाद के असर पर

Google के ‘Banana’ जैसे नामों के बाद Meta का ‘Mango’ सिर्फ एक मजेदार नाम नहीं, बल्कि AI की इस जंग में एक बड़ा संकेत है. असली परीक्षा तब होगी जब यह मॉडल आम यूजर्स के लिए उपलब्ध होगा. क्या Mango वाकई OpenAI और Google को टक्कर दे पाएगा, या यह भी रेस का एक और नाम बनकर रह जाएगा- इसका जवाब आने वाला वक्त ही देगा.

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