नेपाल-कंबोडिया में बैठकर करते थे फ्रॉड, इस ट्रिक से लेते थे लोगों की अकाउंट डिटेल; जानें कैसे हुआ भंडाफोड़
अहमदाबाद साइबर सेल ने चीन से जुड़े अंतरराष्ट्रीय साइबर ठग गिरोह का भंडाफोड़ किया है.गिरोह नेपाल और कंबोडिया से ऑपरेट हो रहा था.आरोपियों ने भारतीय खाताधारकों को दुबई से पैसे मंगाने का लालच देकर उनके बैंक डिटेल्स से करोड़ों रुपये की साइबर ठगी की.
Cyber fraud gang: अहमदाबाद साइबर पुलिस ने एक अंतरराष्ट्रीय साइबर अपराधी गैंग का पर्दाफाश करते हुए 6 लोगों को गिरफ्तार किया है. यह गैंग कंबोडिया और नेपाल से संचालित हो रहा था. इसके तार चीन से भी जुड़े हुए हैं. इसके कई सदस्य चीन के नागरिक भी हैं. ये लोग भारतीय बैंक अकाउंट होल्डर्स को दुबई से पैसा मंगवाने के नाम पर लालच देते थे. फिर इसका उपयोग फर्जीवाड़े में करते थे. गिरोह के मुख्य आरोपी को पकड़ने के लिए पुलिस इंटरपोल की मदद ले रही है.
कैसे काम करता है ये गैंग
गुजरात समाचार की रिपोर्ट के मुताबिक, इस गैंग के सदस्य भारतीय बैंक अकाउंट होल्डर्स को दुबई से लीगल फंड ट्रांसफर का लालच देकर जानकारी प्राप्त करते थे. बाद में इसी जानकारी के जरिए दुनिया भर में ठगी की गई रकम को अकाउंट्स में ट्रांसफर किया करते थे. पुलिस ने बताया कि कई तरह के साइबर अपराधों जैसे कि डिजिटल अरेस्ट, टेलीग्राम टास्क कोड स्कैम में इन अकाउंट उपयोग किया गया है.
इनकी शिकायत पर हुआ भंडाफोड़
अहमदाबाद निवासी प्रणय सुभाष भावसार को एक फंड ट्रांसफर कराने के बहाने काठमांडू ले जाया गया था. वहां गिरोह के सदस्यों ने चीनी नागरिकों की मदद से उनके ICICI बैंक अकाउंट की जानकारी और लिंक्ड सिम कार्ड को अवैध रूप से एक्सेस कर लिया. इसके लिए भावसार को कई दिनों तक नेपाल में बंदी बनाकर रखा गया था. इसके बाद उनके अकाउंट में 3.4 करोड़ रुपये से ज्यादा का ट्रांजैक्शन किया गया. वहां से छूटने के बाद जब उन्होंने इसकी शिकायत पुलिस से की तो इस गैंग का भंडाफोड़ हुआ.
नेपाल और कंबोडिया से करते थे ठगी
इस गैंग के सदस्य कई देशों में मौजूद हैं. पुलिस के मुताबिक, मुख्य साजिशकर्ता नेपाल और कंबोडिया में बैठकर भारत में ठगी का काम अपने सदस्यों के जरिए करते हैं. पुलिस इस मामले में जांच कर रही है और देश में मौजूद इसके अन्य सदस्यों को पकड़ने का प्रयास कर रही है. वहीं इसके मुख्य लीडर तक पहुंचने के लिए इंटरपोल की मदद ली जा रही है.